Guru Nanak Jayanti 2019: 12 नवंबर को गुरु नानक जयंती, जानें उनकी जिंदगी से जुड़ी कुछ बातें

By मेघना वर्मा | Published: November 10, 2019 07:16 AM2019-11-10T07:16:55+5:302019-11-10T07:16:55+5:30

गुरु नानक देव ने सिक्ख धर्म की स्थापना की थी। बचपन से ही गुरु नानक देव ने अपने व्यक्तिव में दार्शनिक, योगी, गृहस्थ, धर्म-सुधारक, समाजसुधारक जैसे गुण थे।

Guru Nanak Jayanti 2019: Know the unknown facts bout Guru Nanak in hindi | Guru Nanak Jayanti 2019: 12 नवंबर को गुरु नानक जयंती, जानें उनकी जिंदगी से जुड़ी कुछ बातें

Guru Nanak Jayanti 2019: 12 नवंबर को गुरु नानक जयंती, जानें उनकी जिंदगी से जुड़ी कुछ बातें

Highlightsइस साल गुरु नानक जयंती 12 नवंबर को पड़ रहा है।हर साल कार्तिक पूर्णिमा पर गुरु नानक जयंती मनाई जाती है।

सिक्खों का सबसे बड़ा पर्व, प्रकाश पर्व इस साल देशभर में 12 नवंबर को मनाया जाएगा। गुरु नानक देव की जयंती को सिक्ख समुदाय पूरी धूम से मनाते हैं। कार्तिक पूर्णिमा के दिन इस पर्व को मनाया जाता है। मान्यता है कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन ही सिक्खों के गुरु, गुरु नानक देव जी ने संवत् 1526 में अवतरण लिया था। इसीलिए इस दिन को पूरा सिक्ख समुदाय उत्साह और उल्लास से मनाता है।

गुरु नानक देव ने सिक्ख धर्म की स्थापना की थी। बचपन से ही गुरु नानक देव ने अपने व्यक्तिव में दार्शनिक, योगी, गृहस्थ, धर्म-सुधारक, समाजसुधारक जैसे गुण थे। बचपन में ही उन्होंने कई चमत्कारी चीजें की जिसे देखकर गांव के लोगों ने उन्हें दिव्य व्यक्तित्व वाला मानने लगे। उन्होंने देश से बुराई खत्म करने के लिए कई यात्राएं की जिसमें लोगों को शिक्षित भी किया। 

आइए आपको बताते हैं गुरु नानक देव के जिंदगी से जुड़ी कुछ बातें-

गुरु नानक से जुड़ी 7 बातें

1. गुरु नानक देव के पिता का नाम मेहता कालू और माता का नाम तृप्त देवी था। नानक देव जी की बहन का नाम नानकी था। बचपन से ही गुरु नानक ने कई ऐसी चमत्कारी चीजें शुरु कर दी कि लोग उन्हें दिव्य मानने लगे। 

2. गुरु नानक बचपन से ही सांसारिक विषयों से उदासीन रहा करते थे। उन्होंने अपना सारा समय आध्यात्मिक चिंतन और सत्संग में व्यतीत किया। लोगों को भी वो ईश्वर से जुड़े रहने की ही शिक्षा देते आए। 

3. गुरु नानक में बचपन से ही रूढिवादिता के विरुद्ध संघर्ष करते आए। वे धर्म प्रचारकों को उनकी खामियां बतलाने के लिए उनके तीर्थस्थान पर पहुंचे और लोगों को भी धर्मांधता से दूर रहने के लिए कहा। 

4. गुरु नानक कहा करते थे कि ईश्वर की उपासना हिंदू-मुस्लमान दोनों के लिए है। मूर्तिपूजा, बहुदेवोपासना को गुरु नानक जी सही नहीं समझते थे। उस वक्त गुरु नानक की बात का प्रभाव भी लोगों पर बखूबी पड़ता था। 

5. बताया जाता है कि एक बार नानक के पिता जी ने उन्हें 20 रुपये दिये और कहा जाओ इससे सच्चा सौदा करके आओ। गुरु नानक जी ने उस 20 रुपये से साधु-संतों को भोजन करवा दिया। जब पिताजी ने पूछा कि क्या सौदा किया तो गुरु नानक जी ने कहा कि साधुओं को भोजन करवाया। यही तो सच्चा सौदा है। 

6. गुरु नानक जी ने कहा कि ईश्वर मनुष्य के मन में बसता है अपने मन से नफरत, निंदा, क्रोध जैसी चीजें निकाल दें। वरना आप कभी परमात्मा से नहीं मिल पाएगें। 

7. गुरु नान देव अपने अंतिम दिनों में करतारपुर में बस गए। 25 सितंबर 1539 में उन्होंने अपना शरीर त्याग दिया। उन्होंने मृत्यु से पहले अपने शिष्य भाई लहना को अपना उत्तराधिकारी घोषित किया जो बाद में गुरु अंगद देव से जाने गए। 
 

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