गायत्री जयंती 2020: कब है गायत्री जंयती? जानिए कौन थीं माता गायत्री-सबसे पहले इस देवता ने किया था गायत्री मंत्र का पाठ
By मेघना वर्मा | Published: May 17, 2020 10:09 AM2020-05-17T10:09:56+5:302020-05-17T10:09:56+5:30
गायत्री मंत्र का पाठ बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक को करना चाहिए जिसे बेहद शुभ माना जाता है। हर साल ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को गायत्री जयंती मनाई जाती है।
हिन्दू धर्म में गायत्री मंत्र एक ऐसा मंत्र बताया गया है जो हर समस्या को हर लेता है। गायत्री मंत्र का पाठ बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक को करना चाहिए जिसे बेहद शुभ माना जाता है। हर साल ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को गायत्री जयंती मनाई जाती है। जो गंगा दशहरा के दूसरे दिन होती है।
वहीं दूसरी मान्यता के अनुसार श्रावण माह की पूर्णिमा के दिन भी इस पर्व को मनाया जाता है। मान्यता है कि इस दिन प्रज्ञा और ज्ञान की देवी माता पार्वती का अवतरण हुआ था। इसी लिए हर साल माता गायत्री के इस पर्व को श्रद्धालु पूरी श्रद्धा से मनाते हैं।
कब है गायत्री जयंती
इस साल गायत्री जयंती 2 जून को पड़ रही है। वहीं एक जून को गंगा दशहरा है।
गायत्री जयंती - 2 जून 2020
एकादशी तिथि प्रारंभ - 2 बजकर 57 मिनट मध्यान में (1 जून)
एकादशी तिथि समाप्त - 12 बजकर 4 मिनट मध्यान - (2 जून)
कौन थी देवी गायत्री
मां गायत्रीको प्रज्ञा की देवी कहा जाता है। व्यक्ति के अंदर विवके को जागृत करती हैं। मां गायत्री ही आपके अच्छे और बुरे का ज्ञान करवाती हैं। मां के स्वरूप की बात करें तो इनके एक हाथ में पुस्तक और दूसरे हाथ में कमंडल होता है। मां गायत्री को देवी सरस्वती, पार्वती और मां लक्ष्मी का अवतार भी माना जाता है।
इसलिए पुकारा जाता है वेदमाता
हिन्दू धर्म के अनुसार माता गायत्री ने ही चारों वेदों, पुराणों और श्रुतियों की उत्पत्ति की इसलिए उन्हें वेदमाता के नाम से पुकारा जाता है। गायत्री जयंती के दिन लोग गायत्री मंत्र का जाप करते हैं। साथ ही माता गायत्री की पूरे-विधि विधान से पूजा करते हैं।
ब्रह्मा जी के मुख से हुआ था गायत्री मंत्र का पाठ
बताया जाता है कि सबसे पहले गायत्री मंत्र का पाठ ब्रह्मा जी के मुख से हुआ था। गायत्री मंत्र का पाठ करना बेहद शुभ माना जाता है। बताया जाता है कि ये मंत्र आपको हर तरह की मुसीबत से बचा लेते हैं। इसलिए गायत्री मंत्र का जाप इंसान को अवश्य करना चाहिए।
गायत्री जयन्ती को क्या करें
1. गायत्री मन्त्र का जप करके हवन करें।
2. सूर्य पूजा करें।
3. श्री आदित्यहृदय स्तोत्र का पाठ करें।
4. अन्न का दान करें।
5. गुड़ और गेहूं का दान करें।
6. पवित्र नदी में स्नान करें।
7. धार्मिक पुस्तक का दान करें।
8. इस दिन भंडारा करायें। लोगों को शीतल जल पिलायें। घर की छत पर जल से भरा पात्र रखें जिससे चिड़ियों के कंठ तृप्त हो सकें।
9. सत्य बोलनें का प्रयास करें।
10. फलाहार व्रत रहें।