गणगौर की पूजा करते समय कुंवारी कन्याएं जरूर निभाएं ये 5 नियम, मिल जाएगा मनचाहा साथी

By मेघना वर्मा | Published: March 26, 2020 07:08 AM2020-03-26T07:08:54+5:302020-03-26T07:45:58+5:30

गणगौर की पूजा कुंवारी लड़कियां, मनचाहे वर के लिए रहती हैं। चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को गणगौर तीज मनाया जाता है।

Gangaur Puja ke 5 niyam unmarried girl gangaur puja rules and step by step guide in hindi | गणगौर की पूजा करते समय कुंवारी कन्याएं जरूर निभाएं ये 5 नियम, मिल जाएगा मनचाहा साथी

गणगौर की पूजा करते समय कुंवारी कन्याएं जरूर निभाएं ये 5 नियम, मिल जाएगा मनचाहा साथी

Highlightsगणगौर का पर्व होली के बाद से 10 दिनों तक मनाया जाता है।अविवाहित लड़कियां इस व्रत को रख रही हैं तो उन्हें कुछ खास चीजों का ध्यान जरूर देना चाहिए।

इस बार 24 मार्च को गणगौर की पूजा की जाएगी। होली से शुरू होने वाले इस पर्व की हिन्दू शास्त्रों में काफी मान्यता है। मां पार्वती और भगवान शंकर को समर्पित इस पूजा को महिलाएं करती हैं। मान्यता है कि माता पार्वती, सुहागिन महिलाओं को अखंड सौभाग्य का वरदान देती हैं। 

वहीं गणगौर की पूजा कुंवारी लड़कियां, मनचाहे वर के लिए रहती हैं। चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को गणगौर तीज मनाया जाता है। वैसे तो उत्तर भारत में ज्यादातर जगह इस पर्व को मनाया जाता है मगर राजस्थान और मध्य प्रदेश में इसकी अलग धूम देखने को मिलती है। 

अविवाहित लड़कियां इस व्रत को रख रही हैं तो उन्हें कुछ खास चीजों का ध्यान जरूर देना चाहिए। कन्या को मनभावन पति के लिए और अपने पति से अपार प्रेन पाने के लिए कुछ नियमों का पालन जरूर करना चाहिए। आइए आपको बताते हैं कुंवारी लड़कियां इस व्रत में किन नियमों का पालन करें-

1. गणगौर का पर्व होली के बाद से 10 दिनों तक मनाया जाता है। तो अगर आप इस पर्व को मना रही हैं तो व्रती को केवल एक समय का ही खाना खाना चाहिए। इस भोजन का भी समय बांध लें। इसे बार-बार बदलें नहीं।

2. अपने हाथों से बनाकर प्रतिदिन शिव-गौरी को प्रसाद चढ़ांएं। अपना प्रसाद किसी कुंवारी कन्या या सुहागिन स्त्री को ही दें। 

3. जो व्रत रख रहा हो उसे श्रृंगार का सामान भी चढ़ाना चाहिए। इसमें कांच की चूड़ियां, सिंदूर, साड़ी, बिंदी, काजल, शीशा और वो सभी चीजें  चढ़ाएं जो आप इस्तेमाल करती हैं। 

4. सुहाग की सभी सामग्री के बाद चन्दन, अक्षत, धूप आदि को भी चढ़ाकर पूजा सम्पन्न करें। 

5. जब व्रत की कथा पढ़ी जा रही हो तो सभी के साथ बैठे और पूरी व्रत कथा पढ़ें। बाद में जब गौरी को लगाने वाला सिन्दूर महिलाएं मांग में भरने लगे तो उसे अपने पास थोड़ा सा रख लें। इसे ऐसी जगह रखें जहां से आप इन्हें रोज देखें। ये बेहद शुभ माना जाता है। 

इस बार यानी 2020 में गणगौर पूजा का समापन राजस्थान में 27 मार्च को हो रहा है। यह चैत्र शुक्ल की तृतीया तिथि होगी। वहीं, पूजा के शुभ मुहूर्त की बात करें तो स्वार्थ सिद्धि योग सुबह 6 बजकर 17 मिनट से सुबह 10 बजकर 09 मिनट तक रहेगा। 

रवि योग सुबह 10 बजकर 09 मिनट से अगले दिन सुबह 6 बजकर 15 मिनट तक होगा। शुक्ल की तृतीया तिथि की शुरुआत 26 मार्च को शाम 7 बजकर 53 मिनट से हो रही है। इस तिथि का समापन 27 तारीख को रात 10 बजकर 12 मिनट पर होगा।

English summary :
Gangaur Puja 2020: Gangaur puja can also be performed by unmarried girls for happy married life and nice husband as desired. Gangaur Teej is celebrated on Tritiya Tithi of Shukla Paksha of Chaitra month. Although this festival is celebrated in most places in North India, but in Rajasthan and Madhya Pradesh, it is seen differently.


Web Title: Gangaur Puja ke 5 niyam unmarried girl gangaur puja rules and step by step guide in hindi

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