गंगा दशहरा 2020: जब राजा शांतनु से हुआ था मां गंगा का विवाह, रखी थी ये 1 शर्त-पढ़ें महाभारत की ये पौराणिक कथा

By मेघना वर्मा | Published: May 29, 2020 04:15 PM2020-05-29T16:15:31+5:302020-05-29T16:15:31+5:30

गंगा नदी को देवों की नदी कहा जाता है। हिन्दू धर्म  में गंगा नदी का काफी महत्व बताया गया है।

ganga dussehra 2020 kab hai, know the date, ganga and king shantanu married | गंगा दशहरा 2020: जब राजा शांतनु से हुआ था मां गंगा का विवाह, रखी थी ये 1 शर्त-पढ़ें महाभारत की ये पौराणिक कथा

गंगा दशहरा 2020: जब राजा शांतनु से हुआ था मां गंगा का विवाह, रखी थी ये 1 शर्त-पढ़ें महाभारत की ये पौराणिक कथा

Highlightsमहाभारत में मां गंगा से जुड़े कई प्रसंग सुनने को मिलते हैं।हर साल गंगा दशहरा को लोग पूरी श्रद्धा और आस्था के साथ मनाते हैं।

इस साल एक जून को गंगा दशरहा का प्रमुख पर्व मनाया जाएगा। हर साल गंगा नदी पर इस दिन हजारों की संख्या में लोग इकट्ठा होते हैं और गंगा नदी की उपासना करते हैं। गंगा नदी को देवों की नदी कहा जाता है। हिन्दू धर्म  में गंगा नदी का काफी महत्व बताया गया है। मान्यता है कि इसमें एक बार स्नान करने से सभी तरह के पापों का नाश होता है। 

हर साल गंगा दशहरा को लोग पूरी श्रद्धा और आस्था के साथ मनाते हैं। माना जाता है कि इसी दिन मां गंगा का आगमन धरती पर हुआ था। गंगा दशहरा वाले दिन लोग मां गंगा की पूजा करते हैं। काशी, हरिद्वार और प्रयाग के घाटों पर गंगा में डुबकी लगाने जाते हैं

गंगा दशहरा तिथि व मुहूर्त 2020
दशमी तिथि प्रारंभ - 31 मई 2020 को 05:36 बजे शाम
दशमी तिथि समाप्त - 01 जून को 02:57 बजे शाम
हस्त नक्षत्र प्रारंभ- 01 जून को 3 बजकर एक मिनट पर सुबह
हस्त नक्षत्र समाप्त- 02 जून को 01 बजकर 18 मिनट, सुबह

गंगा विवाह 

महाभारत में मां गंगा से जुड़े कई प्रसंग सुनने को मिलते हैं। उन्हीं में से एक है गंगा विवाह का। बताया जाता है मां गंगा का विवाह राजा शांतनु से हुआ था। राजा शांतनु को देव नदी गंगा से प्यार हो गया था। राजा ने गंगा के सामने विवार की इच्छा जाहिर की। गंगा ने शांतनु की बात मानी तो मगर एक शर्त रखा। देव नदीं गंगा ने कहा कि उन्हें अपने अनुसार सारा कार्य करना है। उन्हें काम करने की पूरी स्वतंत्रता होगी। 

नदीं में बहा देती थीं अपनी संतान

शांतनु ने मां गंगा की शर्तें मान लीं। उन्होंने कहां कि वो कभी भी देव नदी गंगा को कोई कार्य करने के लिए नहीं रोकेंगे। जब दोनों का विवाह हो गया और गंगा को संतान हुईं तो उन्होंने तुरंत उसे नदी में बहा दिया। सिर्फ यही नहीं अपने सात पुत्रों को इसी तरह देव नदी गंगा ने बहा दिया मगर शर्त के अनुसार शांतनु उनसे कुछ नहीं कह पाए। 

आठवीं संतान पर तोड़ दिया अपना वचन

जब गंगा ने अपने सात पुत्रों को जल में बहा दिया और आठवें पुत्र के साथ भी वो ऐसा ही करने जा रही थीं तब शांतनु ने उन्हें रोक लिया। शांतनु ने गंगा को रोकर पूछा कि वो अपनी संतानों को इस तरह नदी में क्यों बहा देती हैं। गंगा ने कहा राजन आज आपने अपनी संतान के लिए मेरी शर्त को तोड़ दिया। अब ये संतान ही आपके पास रहेगी।

देवव्रत पड़ा नाम

शांतनु ने अपनी संतान को बचा लिया मगर अच्छी शिक्षा के लिए कुछ सालों तक उसे गंगा के साथ ही छोड़ दिया। उस लड़के का नाम देवव्रत रखा गया। कुछ सालों बाद जब गंगा उसे लौटाने आईं। तब तक वह एक महान योद्धा और धर्मज्ञ बन चुका था। देवव्रत ने का नाम भीष्म पड़ा। भीष्म ने ही आखिरी तक अपने पिता के वंश की रक्षा की।


 

English summary :
Ganga dussehra will be celebrated on 1 June. Thousands of people gather on the Ganges River every year and worship the Ganga on this day. The river Ganges is called the river of gods.


Web Title: ganga dussehra 2020 kab hai, know the date, ganga and king shantanu married

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