गंगा दशहरा 2020: गंगा स्नान से कट जाते हैं 10 तरह के पाप, जरूर ध्यान रखें ये 5 बात
By मेघना वर्मा | Published: May 31, 2020 08:57 AM2020-05-31T08:57:21+5:302020-05-31T08:57:21+5:30
गंगा दशहरा वाले दिन गंगा घाटों पर जैसे काशी, प्रयाग और हरिद्वार में श्रद्धालुओं की भीड़ जुटती है और लोग गंगा मईया का स्नान कर उनकी पूजा अर्चना करते हैं।
गंगा को देवों की नदी माना जाता है। किसी भी शुभ कार्य को करने से पहले गंगा की पूजा करना शुभ माना जाता है। गंगा मईया के पर्व गंगा दशहरा को हर साल पूरे उत्साह और उमंग के साथ मनाया जाता है। इस दिन देश के गंगा घाटों पर जैसे काशी, प्रयाग और हरिद्वार में श्रद्धालुओं की भीड़ जुटती है और लोग गंगा मईया का स्नान कर उनकी पूजा अर्चना करते हैं।
इस बार गंगा दशहरा का पावन पर्व एक जून को पड़ रहा है। मान्यता है गंगा दर्शन मात्र से आपकी चित्त तृप्त और स्नान से आपको सभी पापों से मुक्ति मिल जाती है। माना जाता है कि इसी दिन मां गंगा का आगमन धरती पर हुआ था।
गंगा दशहरा तिथि व मुहूर्त 2020
दशमी तिथि प्रारंभ - 31 मई 2020 को 05:36 बजे शाम
दशमी तिथि समाप्त - 01 जून को 02:57 बजे शाम
हस्त नक्षत्र प्रारंभ- 01 जून को 3 बजकर एक मिनट पर सुबह
हस्त नक्षत्र समाप्त- 02 जून को 01 बजकर 18 मिनट, सुबह
दस पापों का करता है नाश
ग्रंथों में दस प्रकार के पाप का वर्णन किया गया है जिसमें काम, क्रोध, मद, लोभ, मोह, मत्सर, ईर्ष्या, ब्रह्महत्या, छल-कपट, परनिंदा है। इसके आलावा अवैध संबंध, बिना बात जीवों को कष्ट देना, असत्य बोलने और किसी को धोखा देने से जैसे पाप भी गंगा दशहरा के दिन गंगा स्नान करने से धुल जाता है।
गंगा स्नान के समय ध्यान रखें ये बातें
1. गंगा स्नान करते समय सबसे पहले अपने ईष्ट देव को प्रणाम करता चाहिए और उसके बाद सूर्य देव को इसके बाद ही गंगा में डुबकी लगानी चाहिए। आप चाहें तो आछमन से सूर्य को जल भी अर्पित कर सकते हैं।
2. गंगा में डुबकी लगाने से पहले खुद को जल से अच्छी तरह धोएं। गंगा के जल में मैल साफ ना करें।
3. गंगा स्नान के बाद शरीर को ना पोंछें। मान्यता है कि गंगा मईया के पानी से शरीर प्राकृतिक रूप से सुन्दर दिखने लगता है।
4. गंगा नदी में जाते ही सबसे पहले उसका जल अपने माथे पर लगाएं। इसके बाद ही पानी में प्रवेश करें।
5. सूतक काल या किसी अशुभ समय में गंगा स्नान करने से परहेज करें। अगर गंगा तट पर नहीं जा पा रहे हैं तो विशेष दिनों में घर पर ही नहाने के पानी में गंगाजल की कुछ बूंदे डालकर नहाएं।