Ganga Dassehra 2019: गंगा दशहरा आज, वाराणसी सहित गढ़मुक्तेश्वर और हरिद्वार में गंगा किनारे उमड़ा जनसैलाब
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: June 12, 2019 08:52 AM2019-06-12T08:52:36+5:302019-06-12T10:46:22+5:30
पूरे देश में गंगा सहित पवित्र नदियों के किनारे बड़ी संख्या में लोग डुबकी लगाने के लिए जमा हुए हैं। वाराणसी में खासकर हजारों की संख्या में लोग विभिन्न घाटों के पास जुटे हुए हैं।
मां गंगा के धरती पर आने से जुड़ा महापर्व गंगा दशहरा आज मनाया जा रहा है। पूरे देश में गंगा सहित पवित्र नदियों के किनारे बड़ी संख्या में लोग डुबकी लगाने के लिए जमा हुए हैं। वाराणसी में खासकर हजारों की संख्या में लोग विभिन्न घाटों के पास जुटे हुए हैं। इसके अलावा हरिद्वार में भी बड़ी संख्या में भक्त गंगा में स्नान के लिए जमा हुए हैं। गंगा नदी हरिद्वार से ही पहाड़ी क्षेत्रों को छोड़ कर मैदानी क्षेत्र में प्रवेश करती है।
साथ ही माना जाता है कि समुंद्र मंथन के समय यहां अमृत की बूंदें गिरी थी। इसलिए भी इस जगह का विशेष महत्व है। साथ ही ऋषिकेश में लोग गंगा स्नान के लिए जुटे हैं। गंगा किनारे बसे गढ़मुक्तेश्वर में भी भक्तों की भीड़ लगी है। यहां गंगा दशहरा के मौके पर हर साल मेले का आयोजन होता है। यहां मां गंगा का एक मंदिर भी है, इस कारण इसका महत्व काफी बढ़ जाता है। इलाहाबाद में भी गंगा किनारे लोगों गंगा स्नान के लिए उमड़े हैं।
Varanasi: Devotees take holy dip in river Ganga on Ganga Dussehra today. pic.twitter.com/FFaXKFk24V
— ANI UP (@ANINewsUP) June 12, 2019
गंगा दशहरा 2019: इस त्योहार का महत्व और मान्यता
गंगा दशहरा का त्योहार हर साल ज्येष्ठ मास की दशमी तिथि के दिन मनाया जाता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार इसी दिन मां गंगा भगीरथ की कठोर तपस्या से प्रसन्न होकर धरती पर आई थीं। इसके बाद से इस दिन मां गंगा की पूजा की परंपरा शुरू हुई।
हिंदू मान्यता के अनुसार इस दिन गंगा में स्नान करने और मां गांगा पूजा करने से दस तरह के पाप धुल जाते हैं। कहा जाता है कि जो भी व्यक्ति इस दिन गंगा नदी में उतर कर पूजन करता है और गंगा की अराधना करता है तो उसे पापों से मुक्ति मिलती है उसकी सभी समस्याएं भी दूर होती हैं।
गंगा दशहरा के दिन पूजन करने वालों को गंगा नदी में जाकर स्नान करना चाहिए। अगर आप गंगा नदी में स्नान नहीं कर सके तो भी किसी पवित्र नदी में स्नान कर मां गंगा का ध्यान करना चाहिए।
पूजा के दौरान साधक को लगातार मंत्र ‘ऊँ नम: शिवाय नारायण्यै दशहराय गंगाय नम:’ का जाप करना चाहिए। एक खास बात ये भी है कि गंगा दशहरा में 10 की संख्या का काफी महत्व होता है। ऐसे में पूजा में आप जिस चीज का भी इस्तेमाल करते हैं, उसकी संख्या 10 जरूर होनी चाहिए। उदाहरण के लिए आप 10 दीपों, 10 प्रकार के फूल, दस प्रकार के नैवेद्य, दस प्रकार के फल आदि का इस्तेमाल करें।