Eid-e-Milad-Un-Nabi 2024:ईद-ए-मिलाद-उन-नबी इस्लाम मजहब का प्रमुख त्योहार है। इसे पैगंबर हजरत मोहम्मद के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है। इस्लाम में यह त्योहार बारावफात के नाम से जाना जाता है। ईद-ए-मिलाद-उन-नबी को रात में दुआएं पढ़ने और जुलूस निकालने की परंपरा है। पैगंबर हजरत मोहम्मद के जन्मदिवस पर घरों को सजाया जाता है, साथ ही मस्जिदों को भी रौशन किया जाता है। मान्यता है कि इस दिन जरूरतमंद व निर्धन लोगों की मदद करने से अल्लाह प्रसन्न होते हैं।
इस्लाम धर्म की मान्यताओं के अनुसार, 571 ई. में इस्लामिक कैलेंडर के तीसरे माह रबी अल अव्वल की 12 तारीख को अंतिम पैगंबर हजरत मोहम्मद का जन्म हुआ था। सउदी अरब के मक्का में उनका जन्म हुआ था। उनकी माताजी का नाम अमीना बीबी और पिताजी का नाम अब्दुल्ला था। वे पैगंबर हजरत मोहम्मद ही थे जिन्हें अल्लाह ने सबसे पहले पवित्र कुरान अता की थी। इसके बाद ही पैगंबर साहब ने पवित्र कुरान का संदेश जन-जन तक पहुंचाया।
इस्लामिक मान्यता के अनुसार, पैंगबर मोहम्मद साहब को खुद अल्लाह ने फरिश्ते जिब्रईल के जरिए कुरान का संदेश दिया था। पैगंबर मोहम्मद के जन्मदिन समारोह को लेकर मुस्लिम समुदाय के कई अलग-अलग वर्गों का मानना है कि जन्मदिन समारोह का इस्लामी संस्कृति में कोई स्थान नहीं है, जबकि भारत में उनके जन्मदिन को मनाने की परंपरा का व्यापक रूप से पालन किया जाता है।