दशहरा कब है शुभ मुहूर्त?: विजयदशमी के दिन आदि शक्ति देवी सीता की करें विशेष पूजा
By मेघना वर्मा | Published: October 18, 2018 10:14 AM2018-10-18T10:14:06+5:302018-10-18T10:21:51+5:30
इस दिन को आदि शक्ति के रूप में भी माना गया है। यही कारण है कि दशहरा पर मां सीता की भी पूजा की जाती है।
हर साल अश्विन मास के शक्ल पक्ष को दशहरा के रूप में मनाया जाता है। मान्यता है कि इसी दिन भगवना श्री राम ने 9 दिनों तक होने वाले लगातार युद्ध के बाद लंका नरेश रावण का वध किया था। बुराई पर अच्छाई की जीत के इसी त्योहार को पूरा देश धूमधाम से मनाता है। इस साल यह दशहरा 19 अक्टूबर को पड़ रहा है। दशहरा के इस मौके पर देश के अलग-अलग हिस्सों में जहां झांकियां निकलती हैं तो वहीं रामलीला का मंचन भी किया जाता है।
ये है दशहरे का शुभ मुहूर्त
इस साल दशहरा के मुहूर्त को लेकर लोगों में काफी दुविधा है। उत्थान ज्योतिष संस्थान के निदेशक पंडित दिवाकर त्रिपाठी पूर्वांचली ने बताया कि इस साल दशमी तिथी की शुरूआत 18 अक्टूब दिन में 3 बजकर 28 मिनट से शुरू होकर 19 अक्टूबर को 5 बजकर 57 मिनट तक रहेगी।
कुछ मान्यताओं में उदयकाल में तिथि को मान्यता मिलती है जो इस बार 19 अक्टूबर को पड़ रही है। इस दिन वाहन, इलेक्ट्रॉनिक्स आइटम, सोना, आभूषण आदि खरीदने से शुभ होता है। मान्यता ये भी है कि दशहरे के दिन नीलकंठ के दर्शन से भी साल शुभ हो जाता है।
श्रवण नक्षत्र में हो विजय दशमी
मान्यता है कि जिस दिन श्रवण नक्षत्र होता है उसी दिन विजयदशमी मनाई जाती है। पुराणों के अनुसार इसी दिन भगवान राम ने लंका पर विजय प्राप्त कर प्रस्थान किया था। इस दिन से कोई भी नया शुभ काम करना सही माना जाता है।
करें देवी सीता की पूजा
इस दिन को आदि शक्ति के रूप में भी माना गया है। यही कारण है कि दशहरा पर मां सीता की भी पूजा की जाती है। शक्ति का स्वरूप मां सीता की पूजा करने के लिए श्री रामचरितमानस के इस मंत्र का जाप करना चाहिए।
जनक सुता जग जननी जानकी, अतिसय प्रिय करुनानिधान की।
ताके जग पद कमल मनवाऊं, जासु कृपा निर्मल मन पावऊं।।
मान्यता है कि इस महामंत्र को पढ़ने से आपके व्यक्तित्व की सारी बुराइयों का अंत हो जाता है।
राम रक्षा स्तोत्र का पाठ करें
दशहरा के दिन राम रक्षा स्तोत्र का पाठ करना भी शुभ होता है। माना जाता है कि अगर आप किसी असुर के प्रभाव से पीड़ित हैं तो आप राम रक्षा स्तोत्र का जाप कर सकते हैं। आप चाहें तो इस दिन बंगलामुखी अनुष्ठान करा सकते हैं।