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Durga Puja 2019: देवी दुर्गा ने 9 दिन चले युद्ध में कैसे किया महिषासुर का वध, क्या है पूरी कथा

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: September 19, 2019 12:03 IST

ब्रह्माजी से वरदान पाकर महिषासुर का अहंकार सातवें आसपान पर पहुंच गया। उसने धरती और पाताल लोक को अपने वश में कर लिया और इंद्रलोक पर भी आक्रमण कर स्वर्ग भी जीत लिया।

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ठळक मुद्देनौ दिन चले युद्ध के बाद माता दुर्गा ने किया था महिषासुर का वधसभी देवी-देवताओं ने किया था महिषासुर वध के लिए माता दुर्गा का आह्वान

Durga Puja 2019: शारदीय नवरात्रि का त्योहार अगले कुछ दिनों में शुरू होने वाला है। इस बार महालया 28 सितंबर को नवरात्रि की शुरुआत 29 सितंबर से है। नौ दिनों तक चलने वाले हिंदुओं के इस विशेष त्योहार के दौरान शक्ति की देवी माता दुर्गा की विशेष पूजा होती है। मान्यता है कि महालया के दिन माता दुर्गा धरती पर आई थीं और फिर नौ दिनों तक चले भयंक युद्ध में उन्होंने असुर महिषासुर का वध किया। पौराणिक कथाओं के अनुसार महिषासुर ने कठोर तपस्या कर ऐसा वर मांग लिया था जिससे उसकी मृत्यु लगभग नामुमकिन थी। उसका अत्याचार बढ़ता जा रहा था। ऐसे में माता दुर्गा ने उसका वध कर इस लोक की रक्षा की। आईए जानते हैं कौन था महिषासुर और क्या है उसके वध की पूरी कहानी....

Durga Puja 2019: महिषासुर वध की कहानी

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार महिषासुर असुर दंभ का पुत्र था। उसने ब्रह्मा जी की कठोक तपस्या की और अमरता का वरदान मांगा। ब्रह्मा ने यह कहकर उसकी बात टालनी चाही कि जन्म और मृत्यु अटल सत्य हैं। इसलिए अमरता जैसी बात अस्तित्व में नहीं है। ब्रह्मा जी की बात सुनकर महिषासुर ने कहा कि अगर मृत्यु निश्चित ही है तो उसे ऐसा वरदान दिया जाए कि उसकी मृत्यु ना ही कोई मानव, ना देवता और ना ही कोई दैत्य कर सके। ब्रह्मा जी वरदान देने को बाध्य थे इसलिए उन्होंने उसे ये वरदान दे दिया।

यह वरदान हासिल करने के बाद महिषासुर का अहंकार सातवें आसपान पर पहुंच गया। उसने  धरती और पाताल लोक को अपने वश में कर लिया और इंद्रलोक पर भी आक्रमण कर स्वर्ग भी जीत लिया। महिषासुर का बढ़ता अत्याचार देख सभी देव भगवान विष्णु के पास पहुंचे। भगवान विष्णु ने इस पर शक्ति की देवी से मदद की गुहार की सलाह दी।

Durga Puja 2019: माता दुर्गा ने किया महिषासुर का वध

महिषासुर के वध के लिए सभी देवताओं ने शक्ति की देवी का आह्वान किया। सभी देवताओं के शरीर से एक-एक दिव्य तेज निकलकर परम सुन्दरी स्त्री के रूप में एक आकृति प्रकट हुई। इसके बाद सभी देवी-देवताओं ने अपने-अपने अस्त्र-शस्त्र उन्हें दिये। इस पर भगवती ने प्रसन्न होकर उन्हें शीघ्र ही महिषासुर के भय से मुक्त करने का आश्वासन दिया।

इस के बाद महिषासुर और माता दुर्गा का भयंकर युद्ध छिड़ गया। एक-एक करके महिषासुर के सभी सैनिक मारे गए। यह लड़ाई 9 दिनों तक चलती रही। निर्णायक लड़ाई महिषासुर और माता दुर्गा के बीच हुई। कथा के अनुसार महिषासुर ने नाना प्रकार के मायावी रूप बनाकर देवी को छल से मारने का प्रयास किया लेकिन अंत में भगवती ने उसका वध कर दिया।

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