Durga Ashtami, Navratri 8th Day Maa Mahagauri: आज होगी महागौरी की पूजा, जानिए महत्व, पूजा विधि और शुभ मुहूर्त

By मेघना वर्मा | Published: October 6, 2019 07:20 AM2019-10-06T07:20:25+5:302019-10-06T07:20:25+5:30

मां गौरी की उपासना करते समये इस बात का ध्यान रखें कि आपने सफेद वस्त्र धारण किया हो। क्योंकि मां को सफेद रंग बहुत पसंद है।

Durga Ashtami, Navratri 8th Day Maa Mahagauri: puja vidhi shubh muhurat mantra aarti significance in hindi | Durga Ashtami, Navratri 8th Day Maa Mahagauri: आज होगी महागौरी की पूजा, जानिए महत्व, पूजा विधि और शुभ मुहूर्त

Durga Ashtami, Navratri 8th Day Maa Mahagauri: आज होगी महागौरी की पूजा, जानिए महत्व, पूजा विधि और शुभ मुहूर्त

दुर्गाष्टमी या महाष्टमी पर देवी के आठवें स्वरूप मां महागौरी की पूजा की जाती है। लोग इस दिन अपने व्रत को पूरा करते हुए कन्याओं को कंजक भी खिलाते हैं। माना जाता है कि महागौरी की उपासना करने से इंसान को पाप से मुक्ति मिलती है। सिर्फ यही नहीं महागौरी की पूजा करने से आर्थिक परेशानियां दूर हो जाती है सिर्फ यही नहीं मनचाहे विवाह का वरदान भी इन्हीं से प्राप्त होता है। 

शास्त्रों की मानें तो महागौरी को आठवें दिन ही विवाह का वरदान मिला था। मां के आशीर्वाद से भक्तों का वैवाहिक जीवन सुखी हो जाता है। मान्यता तो ये भी है कि इसी दिन माता सीता ने श्रीराम को पति रूप में प्राप्त किया था। इसके लिए उन्होंने महागौरी की पूजा-अर्चना की थी। 

ऐसा है मां का स्वरूप

मां के स्वरूप की बात करें तो देवी का रंग गौर होने के कारण इनका नाम महौगौरी पड़ा। महागौरी के हाथ में दुर्गा शक्ति का प्रतीक त्रिशूल तो दूसरे हाथ में भगवान शिव का प्रतीक डमरू है। मां दुर्गा ने उज्जवल, कोमल और श्वेत वस्त्र धारण किया है। उनके एक हाथ में त्रिशूल भी है। और एक हाथ में वरमुद्रा भी वहीं मां का चौथा हाथ एक गृहस्थ महिला को दर्शाता है। मां महागौरी बैल पर सवार होती हैं। 

ज्योतिष शास्त्र की मानें तो मानें तो मां महागौरी का संबंध शुक्र ग्रह से है। इस दिन माता की पूजा करने से आपकी कुंडली में बैठे राहू से भी राहत मिलती है। सिर्फ यही नहीं कुंडली के शुक्र कि स्थिति मजबूत होती है। इसलिए उन लोगों को भी इनकी पूजा करनी चाहिए जिनकी कुंडली में कोई दोष होता है।

क्या है महागौरी की महत्व

बताया जाता है कि शिव की प्राप्ति के लिए महागौरी ने कठोर पूजा की थी। इससे उनका पूरा शरीर काला पड़ गया था। मां की इस तपस्या से खुश होकर भगवान शिव ने उनको दर्शन दिया और मां का शरीर कांतिमय कर दिया। तभी से मां का नाम महागौरी पड़ गया। बताया तो ये भी जाता है कि इसी दिन माता सीता ने श्रीराम के लिए महागौरी से प्रार्थना की थी। 

चढ़ता है नारियल

महागौरी को नारियल चढ़ाया जाता है। मगर खास बात ये है कि इस नारियल को चढ़ाने के बाद इसका उपयोग नहीं करते। बल्कि इसे बहते हुए जल में प्रवाहित कर देते हैं। अष्टमी के दिन मां को नारियल का भोग लगाएं और किसी बहते जल के स्त्रोत के पास जाकर उसे सिर घुमाकर जल में प्रवाहित कर दें। इसे मुड़ कर ना देखें।

कहा जाता है कि महागौरी की कृपा से मनचाहे विवाह की मनोकामना पूरी होती है। साथ ही इस स्वरूप की पूजा करने से मधुमेह और हारमोंस की समस्या भी दूर होती है। सिर्फ यही नहीं महागौरी की पूजा करने से आंखों की समस्या से छुटकारा मिलता है। तो इस आठवें दिन महागौरी की पूजा अवश्य करें। 

ध्यान रखें ये बातें

मां गौरी की उपासना करते समये इस बात का ध्यान रखें कि आपने सफेद वस्त्र धारण किया हो। क्योंकि मां को सफेद रंग बहुत पसंद है।  शुक्र के मूल मंत्र 'ॐ शुं शुक्राय नमः' का जाप करें। वहीं मां को अर्पित किए हुए इत्र को अपने पास जरूर रखें। मगर इसका इस्तेमाल बिल्कुल ना करें।

ऐसे करें मां गौरी की उपासना ये है मुहूर्त

मां गौरी को पूजने के लिए सफेद या पीले वस्त्र धारण करें।
मां के समक्ष दीपक जलाएं और उनका ध्यान करें।
पूजा में मां को सफेद या पीला फूल ही चढ़ाएं।
इसके बाद इनके मन्त्रों का जाप करें।
माना जाता है कि महागौरी की पूजा मध्य रात्रि में की जाय तो इसके परिणाम ज्यादा शुभ होता है।
महाष्टमी तिथी 5 अक्टूबर सुबह 9 बजकर 53 मिनट से शुरू होकर 6 अक्टूबर की सुहब 10:30 से 11:18 तक रहेगा।
 

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