Dhanteras 2019: 100 साल बाद बन रहा है ऐसा महासंयोग, इस समय पूजा करने से होगी हर मनोकामना पूरी
By रोहित कुमार पोरवाल | Published: October 20, 2019 07:49 AM2019-10-20T07:49:28+5:302019-10-20T07:49:28+5:30
इस महासंयोग पर अगर सही से उपाय किया जाए तो व्यक्ति की हर मनोकामना पूरी हो सकती है। महासंयोग का समझने के लिए हिंदी कैलेंडर को थोड़ा बारीकी से समझना होगा।
इस बार धनतेरस शुक्रवार (25 अक्टूबर) को है। धनतेरस पर खरीददारी करने के लिए बाजारों में अभी से खूब रौनक देखी जा रही है। मजे की बात यह है कि इस बार धनतेरस पर ऐसा महासंयोग बन रहा है जो सौ साल बाद आ रहा है। इस महासंयोग पर अगर सही से उपाय किया जाए तो व्यक्ति की हर मनोकामना पूरी हो सकती है। महासंयोग का समझने के लिए हिंदी कैलेंडर को थोड़ा बारीकी से समझना होगा।
दरअसल, हिंदी महीना शुक्ल और कृष्ण पक्ष को मिलाकर पूरा होता है। प्रत्येक पक्ष लगभग 15 दिन का होता है। एक दिन में 20 से 24 तक घंटे होते हैं। चंद्रमा बढ़ने के दौरान की अवधि को शुक्ल पक्ष और उसके घटने की अवधि को कृष्ण पक्ष कहते हैं। दोनों ही पक्षों में त्रयोदशी आती है। त्रयोदशी यानी तेरहवां दिन। त्रयोदशी को प्रदोष काल भी कहते हैं।
पौराणिक कथा के अनुसार, इस दिन भगवान शिव ने चंद्रमा को क्षय रोग से बचाकर पुनर्जीवित किया था। इस बार का प्रदोष काल इसलिए खास है क्योंकि यह शुक्रवार के दिन है। इसे शुक्र प्रदोष भी कहते हैं।
शुक्र प्रदोष के दिन आराधना करने के विशेष लाभ बताए गए हैं। शुक्र प्रदोष जीवन में सौभाग्य स्थापित करता है। सौभाग्य यानी अच्छा भाग्य। अगर यह आपके पास है तो धन-वैभव संपदा और हर तरह से संपन्नता की कमी नहीं रहती है। ऐसी स्थिति में कार्यों में सफलता मिलती है।
शुक्र प्रदोष को भ्रुगुवारा प्रदोष भी कहा जाता है। चूंकि धनतेरस भगवान विष्णु के अंशावतार, देवताओं के वैद्य और औषधियों के जनक और संसार को रोगमुक्त करने वाले भगवान धन्वंतरी की जयंंती है और इस दिन शुक्र प्रदोष भी है, इसी के साथ इस दिन ब्रह्म और सिद्धि योग भी बन रहा है। ऐसा महासंयोग सौ साल बाद बन रहा है।
इसलिए धनतेरस पर भगवान धन्वंतरी, यम देवता की आराधना करने के साथ-साथ भगवान शिव और ब्रह्म देव की भी पूजा करें। राजधानी नई दिल्ली में प्रदोष काल- शाम 05:39 से रात 08:14 बजे तक रहेगा और धनतेरस की पूजा का शुभ समय शाम 7:06 बजे से रात 08:16 बजे तक रहेगा। भगवान धन्वंतरी की कृपा पाने के लिए 'ॐ नमो भगवते धन्वंतराय विष्णुरूपाय नमो नमः' मंत्र के साथ पूजा-अर्चना करें।