Devshayani Ekadashi 2022: देवशयनी एकादशी के दिन इन 3 मंत्रों से होगा आपका कल्याण, श्री हरि का मिलेगा वरदान
By रुस्तम राणा | Published: July 5, 2022 03:00 PM2022-07-05T15:00:03+5:302022-07-05T15:02:57+5:30
देवशयनी एकादशी पर भगवान विष्णु को प्रसन्न करने, व्रत का संकल्प लेने और भगवान श्री हरि से क्षमा मांगने के लिए इन मंत्रों का जाप करना चाहिए।
Devshayani Ekadashi 2022: देवशयनी एकादशी व्रत आषाढ़ माह शुक्ल पक्ष की एकादशी के दिन रखा जाता है। धार्मिक दृष्टि यह तिथि और व्रत बेहद ही महत्वपूर्ण माना जाता है। इसी दिन से ही जगत के पालनहार भगवान विष्णु चार माह की निद्रा में पाताल लोक चले जाते हैं और अपना कार्यभार भगवान शिव को दे जाते हैं।
भगवान विष्णु की अनुपस्थिति के कारण चार माह तक मांगलिक कार्यों पर विराम लग जाता है। इसी के साथ इस तिथि से चतुर्मास प्रारंभ हो जाते हैं। चतुर्मास का अंत कार्तिक माह में पड़ने वाली देवउठनी एकादशी के दिन समाप्त होता है। देवशयनी एकादशी के दिन जो कोई भक्त पूर्ण विधि-विधान के साथ व्रत करता है उसकी समस्त प्रकार की मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं।
देवशयनी एकादशी का शुभ मुहूर्त
पंचांग के अनुसार, आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि की शुरूआत 09 जुलाई दिन शनिवार को शाम 04 बजकर 39 मिनट पर हो रहा है। यह तिथि अगले दिन 10 जुलाई रविवार को दोपहर 02 बजकर 13 मिनट तक मान्य रहेगी। 11 जुलाई सोमवार को प्रात: 05 बजकर 31 मिनट से लेकर सुबह 08 बजकर 17 मिनट के मध्य तक पारण कर सकते हैं।
देवशयनी एकादशी पर इन मंत्रों का करें जाप
देवशयनी एकादशी पर भगवान विष्णु को प्रसन्न करने, व्रत का संकल्प लेने और भगवान श्री हरि से क्षमा मांगने के लिए इन मंत्रों का जाप करना चाहिए
सुप्ते त्वयि जगन्नाथ जगत सुप्तं भवेदिदम।
विबुद्धे त्वयि बुध्येत जगत सर्वं चराचरम।
देवशयनी एकादशी व्रत का संकल्प मंत्र
सत्यस्थ: सत्यसंकल्प: सत्यवित् सत्यदस्तथा।
धर्मो धर्मी च कर्मी च सर्वकर्मविवर्जित:।।
कर्मकर्ता च कर्मैव क्रिया कार्यं तथैव च।
श्रीपतिर्नृपति: श्रीमान् सर्वस्यपतिरूर्जित:।।
देवशयनी एकादशी क्षमा याचना मंत्र
भक्तस्तुतो भक्तपर: कीर्तिद: कीर्तिवर्धन:।
कीर्तिर्दीप्ति: क्षमाकान्तिर्भक्तश्चैव दया परा।।