Dev Uthani Ekadashi 2019: कब है देवोत्थान एकादशी? जानें शुभ मुहूर्त और पूजा विधि
By मेघना वर्मा | Published: October 31, 2019 11:51 AM2019-10-31T11:51:33+5:302019-10-31T11:51:33+5:30
Dev Uthani Ekadashi 2019: देवश्यनी एकादशी के बाद से सभी शुभ कार्य बंद हो जाते हैं। जो की देवउठनी एकादशी पर ही आकर वापिस से शुरू होते हैं।
हिन्दू धर्म में एकादशी का सबसे ज्यादा महत्व बताया गया है। खासकर कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी यानी देवउठनी या देवोत्थान एकादशी का काफी महत्व होता है। बताया जाता है कि इस दिन से भगवान विष्णु अपनी चार महीने की निद्रा अवस्था से जागते हैं। माना जाता है कि इस दिन से सभी देवता जागते हैं। इसी दिन के बाद से सारे शुभ और मांगलिक काम भी शुरू हो जाते हैं।
कब है देवउठनी एकादशी
इस साल देवउठनी एकादशी 8 नवंबर को पड़ रही है। देवश्यनी एकादशी के बाद से सभी शुभ कार्य बंद हो जाते हैं। जो की देवउठनी एकादशी पर ही आकर वापिस से शुरू होते हैं। माना जाता है कि इस दिन भगवान विष्णु अपनी नींद से जागते हैं। कार्तिक मास में आने वाली इस एकादशी को देवोत्थान, देवउठनी या प्रबोधिनी एकादशी भी कहते हैं।
क्या है देवउठनी एकादशी का शुभ मुहूर्त
देवउठनी एकादशी 2019 तिथि देवउठनी एकादशी 2019 में कार्तिक मास की शुक्लपक्ष तिथि में 8 नवंबर 2019 को है देवउठनी एकादशी 2019 शुभ मुहूर्त देवउठनी एकादशी तिथि प्रारम्भ - सुबह 9 बजकर 55 मिनट से ( 7 नवम्बर 2019)
देवउठनी एकादशी तिथि समाप्त - अगले दिन दोपहर 12 बजकर 24 तक (8 नवम्बर 2019)
देवउठनी एकादशी पूजा विधि
1. एकादशी के नियमों का पालन दशमी तिथि से करना चाहिए।
2. इस दिन सूर्योदय से पहले उठकर पूरे घर की सफाई करनी चाहिए।
3. इसके बाद स्नानादि करके साफ वस्त्र धारण करना चाहिए।
4. एक साफ चौकी पर पीला कपड़ा बिछाकर भगवान विष्णु की प्रतिमा को स्थापित करें।
5. पूजा करने वाली जगह के चारों ओर विष्णु के चरणों की आकृति बनाएं।
6. भगवान विष्णु को पंचामृत से स्नान कराएं।
7. उन्हें पीले कपड़े, पीले फूल, नवैद्य फल, मिठाई, बेर और गन्ना अर्पित करें।
8. अब भगवान विष्णु की विधिवत पूजा करें।
9. रात के समय घर के बाहर और पूजा स्थल पर दीया जलाएं।
10. इसके बाद प्रसाद को सभी में वितरित करें।