दीपिका रणवीर की शादी से सिख संगठन इस वजह से है नाराज, जानिए क्या है आनंद कारज?

By गुलनीत कौर | Published: November 20, 2018 11:38 AM2018-11-20T11:38:01+5:302018-11-20T11:38:01+5:30

15 नवंबर को सिन्धी रीति रिवाज से हुई दीपिका-रणवीर की शादी में सिखों के 'आनंद कारज' रिवाज को निभाया गया। रस्म के लिए लेक कोमो के होटल से करीब 150 किमी की दूरी पर स्थित गुरुद्वारा से सिखों के पवित्र ग्रन्थ एवं उनके गुरु, 'गुरु ग्रन्थ साहिब' को लाया गया।

Deepika Ranveer Wedding: Sikh body Akal Takht upset over Anand Karaj performed outside gurudwara | दीपिका रणवीर की शादी से सिख संगठन इस वजह से है नाराज, जानिए क्या है आनंद कारज?

दीपिका रणवीर की शादी से सिख संगठन इस वजह से है नाराज, जानिए क्या है आनंद कारज?

इटली में शादी के बाद न्यूली वेड कपल दीपिका और रणवीर भारत आ चुके हैं। अब दोनों बेंगलुरु और मुंबई में होने जा रही अपनी ग्रैंड रिसेप्शन की तैयारी में लग गए हैं। इटली के लेक कोमो होटल में रणवीर-दीपिका ने 14 नवंबर को पहले कोंकणी रिवाज से और उसके बाद 15 नवंबर को सिन्धी रिवाज से शादी की। 15 नवंबर की शाम दोनों की ओर से सोशल मीडिया पर शादी की तस्वीरें अपलोड की गईं। 

सोशल मीडिया के इन पोस्ट पर फैंस और दोस्तों ने कपल को ढेरों बधाईयां दीं। मगर भारत लौटते ही एक खबर ने दीपिका-रणवीर की मुश्किलें बढ़ा दीं। दरअसल यह मुद्दा 15 नवंबर को सिख रीति-रिवाज से हुई उनके शादी से जुड़ा है। इस शादी पर सिख संगठन और कट्टपंथियों द्वारा कुछ सवाल उठाए गए हैं।

दीपिका रणवीर का आनंद कारज

15 नवंबर को सिन्धी रीति रिवाज से हुई दीपिका-रणवीर की शादी में सिखों के 'आनंद कारज' रिवाज को निभाया गया। रणवीर सिंह का परिवार पाकिस्तानी पंजाब 'सिंध' से है, जिस वजह से इस समुदाय के लोग शादी के फेरे सिख आनंद कारज के मुताबिक करते हैं।

यह शादी 15 नवंबर को इटली के लेक कोमो होटल में ही की गई। शादी की रस्म निभाने के लिए लेक कोमो के होटल से करीब 150 किमी की दूरी पर स्थित गुरुद्वारा से सिखों के पवित्र ग्रन्थ एवं उनके गुरु, 'गुरु ग्रन्थ साहिब' को लाया गया। इसके बाद आनंद कारज के तहत सिख फेरे करवाए गए और शादी संपन्न हुई।

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शादी से सिख कट्टरपंथी नाराज

भारत में मौजूद सिख समुदाय ने इस बात पर प्रश्न उठाया। उनके मुताबिक सिख मर्यादा के तहत आनंद कारज की रस्म सिर्फ और सिर्फ गुरुद्वारा में गुरु ग्रन्थ साहिब की मौजूदगी में ही की जाती है।

सिखों के सर्वोच्च धार्मिक स्थल अकाल तख्त, अमृतसर के 'हुक्मनामे' के अनुसार कोई भी व्यक्ति आनंद कारज के लिए गुरु ग्रन्थ साहिब को होटल, बैंक्वेट या अपने घर नहीं ले जा सकता है। आनंद कारज की रस्म केवल गुरूद्वारे जैसी पवित्र जगह पर ही निभाई जानी अनिवार्य है।

मीडिया के दावे के अनुसार दीपिका-रणवीर की सिख शादी के लिए गुरु ग्रन्थ साहिब को गुरूद्वारे से होटल में लाया गया और फिर उनके फेरे करवाए गए। इटली में मौजूद सिख समुदाय के प्रेजिडेंट सुखदेव सिंह कंग ने इस मुद्दे को उठाते हुए अकाल तख्त से अपील की है। 

अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह द्वारा इस मुद्दे को नजर में लाया गया और वे इसकी आधिकारिक शिकायत दर्ज होते ही सिखों के पाँचों तख्तों के जत्थेदारों के साथ मिलकर फैसला लेंगे। 

क्या है आनंद कारज?

आनंद कारज सिख समुदाय के अंतर्गत की जाने वाली शादी की रस्म है जिसमें सिखों के 11वें गुरु, गुरु ग्रन्थ साहिब जी के चारों ओर 4 फेरे लिए जाते हैं। इन सभी फेरों में वर ही वधु के आगे चलता है।

चार फेरों के पूरे होते ही शादी पूरी मानी जाती है। आनंद कारज की इस रस्म को सिखों के चौथे गुरु, गुरु रामदास जी द्वारा रचा गया था। आनंद कारज में 'कारज' संस्कृत का शब्द है जिसका अर्थ होता है कार्य और 'आनंद' शब्द यहां आध्यात्मिक खुशी को दर्शाता है। 

बहरहाल इस मुद्दे पर आगे की कोई खबर नहीं आई है। दीपिका-रणवीर की ओर से भी इस मामले को लेते हुए कोई बयान नहीं आया है। वे फिलहाल 21 नवंबर को बेंगलुरु और 28 नवंबर को मुंबई में होने जा रही अपनी वेडिंग रिसेप्शन की तैयारियों में व्यस्त हैं। 

Web Title: Deepika Ranveer Wedding: Sikh body Akal Takht upset over Anand Karaj performed outside gurudwara

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