Christmas 2019: 25 दिसंबर को ही क्यों मनाया जाता है क्रिसमस, जानिए इसके पीछे की वजह
By मेघना वर्मा | Published: December 5, 2019 10:05 AM2019-12-05T10:05:16+5:302019-12-05T15:14:20+5:30
क्रिसमस के 7 दिन बाद से ही नए साल का आगाज होता है। ईसाई धर्म के लोग ईसा मसीह या जीसस क्राइस्ट को ईश्वर का पुत्र मानते हैं।
दिसंबर का महीना शुरू होते ही पूरा विश्व क्रिसमस की तैयारियों में लग जाता है। हर साल 25 दिसंबर को क्रिसमस या बड़ा दिन का त्योहार मनाया जाता है। ईसाई धर्म के इस सबसे बड़े त्योहार की तैयारियां इस समय शुरू हो चुकी है। खुशियों से भरे इस फेस्टिवल को पूरे दुनिया में सेलिब्रेट किया जाता है।
क्रिसमस ट्री से सजे लोगों के घरों में रंग-बिरंगी लाइट और डेकोरेटिव आइटम्स भी देखने को मिल जाते हैं। मगर क्या आपको पता है कि केक, कैंडिल और कैंडिज के इस फेस्टिवल को 25 दिसंबर के दिन ही क्यों मनाया जाता है। आइए हम बताते हैं आपको।
25 दिसंबर को क्यों मनाते हैं क्रिसमस
क्रिसमस के 7 दिन बाद से ही नए साल का आगाज होता है। ईसाई धर्म के लोग ईसा मसीह या जीसस क्राइस्ट को ईश्वर का पुत्र मानते हैं। हर साल 25 दिसंबर को ईसा मसीह के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है। हलांकि इस बात की पुष्टि बाइबल में नहीं मिलती की ईसा मसीह का जन्म 25 दिसंबर को ही हुआ था।
दरअसल शुरुआती दौर में ईसा मसीह के जन्म दिवस को लेकर ईसाई समुदाय के बीच काफी मदभेद भी था। किसी को ईसा मसीह के जन्म की तिथि के बारे में कुछ नहीं पता था। वहीं 336 ईसा पहले ईसाई रोमन सम्राट के समय पहली बार 25 दिसंबर को क्रिसमस मनाया गया था। इसके बाद पोप जुलियन से आधिकारिक तौर पर इस बात की घोषणा कर दी कि ईसा मसीह के जन्मदिवस को 25 दिसंबर को क्रिसमस मनाया जाएगा। बस तभी से 25 दिसंबर को ईसा मसीह के जन्म के दिवस के तौर पर क्रिसमस डे मनाया जाता है।
क्रिसमस एक ऐसा त्योहार है जिसे दुनिया भर में पूरे जोश और उत्साह के साथ मनाया जाता है। इस पर्व की सबसे खास बात ये है कि इसे ईसाई धर्म के साथ सभी धर्म के लोग मनाते हैं। लोग इस दिन पर एक दूसरे को गिफ्ट देते हैं और प्रेयर भी करते हैं।