छठ पूजा में ढलते सूरज को क्यों देते हैं अर्घ्य, इसके पीछे छिपे हैं ये 2 कारण
By गुलनीत कौर | Published: November 13, 2018 08:07 AM2018-11-13T08:07:29+5:302018-11-13T08:07:29+5:30
सूर्य देव को सुबह अर्घ्य देने से अच्छा स्वास्थ्य, दोपहर को अर्घ्य देने से समाज में मान-सम्मान बढ़ता है। शाम को ढलते सूरज को अर्घ्य देने से भी एक खास लाभ मिलता है।
हिन्दू कैलेंडर के अनुसार दिवाली से ठीक 6 दिन बाद यानी कार्तिक महीने के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि की शाम ओ ढलते सूरज को अर्घ्य देकर छठ पूजा की जाती है। यह त्यौहार उत्तर भारत में बिहार समेत कई अन्य क्षेत्रों में भी मनाया जाता है।
छठ का पर्व आस्था का पर्व है, जिसमें सूर्य देवता और छठी मैया की उपासना की जाती है। छठ में सबसे पहले नहाया खाय, फिर खरना और इसके बाद तीसरे दिन ढलते सूरज को अर्घ्य दिया जाता है। लेकिन क्या कभी आपने सोचा है कि हिन्दू धर्म में जहां हमेशा उगते सूरज को अर्घ्य देने की प्रथा है, वहीं छठ पूजा में ढलते सूरज की पूजा क्यों की जाती है?
इसके पीछे ज्योतिष शास्त्र द्वारा कुछ तर्क दिए जाते हैं। जिसके अनुसार सूर्य देव को सुबह अर्घ्य देने से स्वास्थ्य सही रहता है। यदि दोपहर को अर्घ्य दिया जाए तो समाज में पद, प्रतिष्ठा और मान-सम्मान बढ़ता है। शाम को ढलते सूरज को अर्घ्य देने से जीवन में किसी चीज की कोई कमी नहीं रहती है।
इसके अलावा शाम को सूरज को अर्घ्य देने से लंबे समय से चल रहे कानूनी मसलों से छुटकारा मिलता है। छात्रों को परीक्षा में सफलता दिलाने, पेट संबंधी रोगों से छुटकारा पाने, धन की कमी को दूर करने और मानसिक तकलीफों से छुटकारा पाने के लिए भी शाम को सूरज को अर्घ्य देना सहायक सिद्ध होता है।
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लेकिन सीके अलावा ढलते सूरज को अर्घ्य देने के पीछे एक और पौराणिक मान्यता भी जुड़ी है। कहा जाता है कि शमा के समय सूर्य देव अपनी दूसरी पत्नी प्रत्युषा के साथ होते हैं। इस समय यदि महिलाएं सूर्य देव की उपासना करें तो उन्हें कई तरह के लाभ हासिल होते हैं। यह भी छठ में शाम के समय पूजा करने का एक ठोस कारण है।
छठ पूजा में सूरज को अर्घ्य देते समय ध्यान में रखें ये बातें:
- छठ पूजा में सूरज को अर्घ्य देने के लिए स्टील, लोहे या अन्य धातु के बर्तन का इस्तेमाल ना करें
- पूजा में अर्घ्य देते समय बांस से बने बर्तन या थाल का इस्तेमाल करें
- इस थाल में पांच प्रकार के फल रखें। ध्यान रहे कि ये सभी फल ताजा होने चाहिए
- इस थाल को ढकने के लिए पीले रंग का साफ और नया कपड़ा होना चाहिए