छठ पूजा 2018: जानें नहाय खाय, खरना, पहले-दूसरे अर्घ्य की तिथि, पूजा का शुभ मुहूर्त
By गुलनीत कौर | Published: November 9, 2018 11:50 AM2018-11-09T11:50:31+5:302018-11-09T11:50:31+5:30
Chhath Puja 2018: छठ पूजा को मुख्य रूप से बिहार के लोग ही मनाते हैं। बिहार के बाद पड़ोसी देश नेपाल में भी यह पर्व बड़े आयोजन के साथ मनाया जाता है।
हिन्दू पंचांग के अनुसार कार्तिक महीने के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि यानी दिवाली से ठीक 6 दिन बाद छठ पूजा का पर्व मनाया जाता है। इस बार यह पर्व 13 नवंबर को है लेकिन 2 दिन पहले 11 नवंबर को छठ पूजा का नहाय खाय से शुभारम्भ हो जाएगा। हर साल अक्टूबर से नवंबर के बीच ही भगवान सूर्य और छठ मैया को समर्पित यह पर्व बिहार और उत्तर भारत के कई क्षेत्रों में धूमधाम से मनाया जाता है।
छठ पूजा को मुख्य रूप से बिहार के लोग ही मनाते हैं। बिहार के बाद पड़ोसी देश नेपाल में भी यह पर्व बड़े आयोजन के साथ मनाया जाता है। धीरे धीरे इस पर्व की प्रसिद्धि के साथ यह पर्व उत्तर भारत के कई राज्यों में मनाया जा रहा है। छठ पूजा में सूर्य देव, छठ मैया और पवित्र नदियों का विशेष महत्व होता है।
छठ पूजा 2018 तिथि
पहला दिन
11 नवंबर, दिन रविवार को छठ पूजा का प्रथम दिन है जिसे नहाय खाय के नाम से जानते हैं
सूर्योदय: 06:44
सूर्यास्त: 18:01
इस दिन से छठ पूजा का पर्व प्रारंभ हो जाता है
दूसरा दिन
12 नवंबर, दिन सोमवार को छठ पूजा का दूसरे दिन है जिसे 'खारना' के नाम से जाना जाता है। इसदिन सूर्योदय से सूर्यास्त लेकर सूर्यास्त तक अन्न और जल दोनों का त्याग करके उपवास किया जाता है।
सूर्योदय: 06:44
सूर्यास्त: 18:01
दूसरे दिन के अंत में खीर और रोटी का प्रसाद बनाया जाता है। इसे व्रत करने वाले से लेकर परिवार के सभी लोगों में बांटा जाता है। रात में चांद को जल भी दिया जाता है।
तीसरा दिन
तीसरे दिन (13 नवंबर) को संध्या समय में सूर्य देवता को पहला अर्घ्य दिया जाता है। इसदिन भी पूरे दिन का उपवास किया जाता है।
सूर्योदय: 06:45
सूर्यास्त: 18:01
तीसरे दिन शाम को सूर्यास्त से पहले सूर्य देवता को छठ पूजा का पहला अर्घ्य दिया जाता है।
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चौथा दिन
यह छठ पूजा का अंतिम दिना होता है। 14 नवंबर, दिन बुधवार की सुबह सूर्य देवता को अर्घ्य दिया जाएगा। यह छठ पूजा का दूसरा अर्घ्य होता है जिसके बाद 36 घंटे के लंबे उपवास का समापन हो जाता है।
सूर्योदय: 06:45
सूर्यास्त: 18:00