Chandra Grahan 2022: वैशाख पूर्णिमा पर चंद्र ग्रहण कल, कब, कहां, कैसे, कितने बजे लगेगा ग्रहण, जानें सबकुछ
By रुस्तम राणा | Published: May 15, 2022 03:37 PM2022-05-15T15:37:52+5:302022-05-15T15:41:14+5:30
ज्योतिषीय गणना के अनुसार, बुद्ध पूर्णिमा के दिन लगने वाला चंद्र ग्रहण वृश्चिक राशि और विशाखा नक्षत्र में लगने जा रहा है।
Chandra Grahan 2022: 16 मई को वैशाख पूर्णिमा के दिन पूर्ण चंद्र ग्रहण लगने जा रहा है। यह साल का पहला चंद्र ग्रहण है, हालांकि भारत में यह चंद्र ग्रहण दिखाई नहीं देगा। चंद्र ग्रहण लाल रंग में दिखाई देगा, जिसे ब्लड मून कहते हैं। ज्योतिष और धार्मिक मान्यता के अनुसार, ग्रहण काल एक अशुभ समयावधि होती है। ग्रहण के सूतक काल में पूजा-पाठ जैसे शुभ कार्यों के अलावा अन्य चीजों को भी करने की मनाही होती है। आइए अब सवाल जवाब के माध्यम से जानते हैं चंद्र ग्रहण से जुड़ी सारी जानकारी।
चंद्र ग्रहण कितने बजे लगेगा?
भारतीय समयानुसार 16 मई 2022 को चंद्र ग्रहण सुबह 08:59 बजे से लेकर 10:23 बजे तक रहेगा।
चंद्र ग्रहण कहां दिखाई देगा?
यह चंद्र ग्रहण साउथ-वेस्ट यूरोप, साउथ-वेस्ट एशिया, अफ्रीका, नॉर्थ अमेरिका के ज्यादातर हिस्सों, साउथ अमेरिका, प्रशांत महासागर, हिंद महासागर अंटार्कटिका और अटलांटिक महासागर से दिखाई देगा।
क्या सूतक काल मान्य होगा?
चंद्र ग्रहण में सूतक काल ग्रहण के शुरू होने से 9 घंटे पूर्व ही लग जाता है जो ग्रहण समाप्ति के साथ ही खत्म होता है। भारतीय दृष्टिकोण से साल का आखिरी चंद्रग्रहण उपछाया चंद्रग्रहण है इसलिए यहां ग्रहण का सूतक काल प्रभावी नहीं होगा। हालांकि राशियों और नक्षत्रों पर ग्रहण का प्रभाव देखा जा सकेगा।
किस राशि नक्षत्र में लगेगा ग्रहण?
ज्योतिषीय गणना के अनुसार, बुद्ध पूर्णिमा के दिन लगने वाला चंद्र ग्रहण वृश्चिक राशि और विशाखा नक्षत्र में लगेगा। वृश्चिक राशि के जातकों को इस अवधि में सावधान रहने की सलाह दी जाती है।
चंद्र ग्रहण के दौरान क्या सावधानियां बरतें?
धार्मिक मान्यता के अनुसार, ग्रहण के दौरान कुछ विशेष बातों का ध्यान रखना आवश्यक होता है। सूतक काल में खाने-पकाने, पूजा-पाठ से परहेज करना चाहिए। इस दौरान मन में ईश्वर की आराधना करनी चाहिए। ग्रहण के बाद स्नान जरूर करें। पूरे घर में गंगाजल छिड़कर उसे शुद्ध करना चाहिए। इस अवधि में गर्भवती महिलाओं को विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है। चंद्र ग्रहण के दौरान शिव आराधना करने से लाभ मिलता है।