Chandra Grahan 2020: 30 November को लगने वाले साल के अखिरी चंद्र ग्रहण के बारें में सब कुछ, क्या पड़ेगा असर

By प्रतीक्षा कुकरेती | Published: November 23, 2020 08:31 AM2020-11-23T08:31:10+5:302020-11-23T08:31:32+5:30

30 नवम्बर को लगने वाले आखिरी चंद्र ग्रहण का असर सबसे ज्यादा वृषभ राशि और रोहिणी नक्षत्र में पड़ेगा. ज्योतिषीय गणना के अनुसार, ग्रहण के दौरान वृष राशि के जातकों को विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है.

Chandra Grahan 2020 30 November Date and Time in India | Chandra Grahan 2020: 30 November को लगने वाले साल के अखिरी चंद्र ग्रहण के बारें में सब कुछ, क्या पड़ेगा असर

Chandra Grahan 2020: 30 November को लगने वाले साल के अखिरी चंद्र ग्रहण के बारें में सब कुछ, क्या पड़ेगा असर

साल 2020 का आखिरी चंद्र ग्रहण 30 नवंबर दिन सोमवार को लगने जा रहा है. इसी दिन कार्तिक पूर्णिमा भी है. हालांकि, यह महज उपच्छाया चंद्र ग्रहण होगा और इसका प्रभाव कुछ ज्यादा नहीं होगा. लेकिन फिर भी इस दौरान कुछ सावधानियां बरतने की आवश्यकता है. रिपोर्ट्स की मानें तो आखिरी चंद्र ग्रहण का असर सौरमंड पर ज्यादा होगा. साल 2020 में पड़ने वाला यह चौथा चंद्र ग्रहण होगा. इससे पहले 10 जनवरी,  5 जून और 5 जुलाई को चंद्र ग्रहण लगा था. आइए जानते हैं चंद्र ग्रहण का सूतक काल, धार्मिक मान्यता और कुछ ज़रूरी बातें. 

चंद्र ग्रहण का समय

ग्रहण प्रारंभ- 30 नवंबर, सोमवार, दोपहर 1 बजकर 4 मिनट

ग्रहण मध्यकाल- 30 नवंबर, सोमवार, दोपहर 3 बजकर 13 मिनट

ग्रहण समाप्त- 30 नवंबर, सोमवार, शाम 5 बजकर 22 मिनट 

कहां-कहां दिखाई देगा चंद्रग्रहण?

साल का आखिरी चंद्रग्रहण एशिया के कुछ देशों के साथ अमेरिका के कुछ हिस्सों में भी देखा जा सकेगा. इसके अलावा यह ऑस्ट्रेलिया और प्रशांत महासागर क्षेत्र में भी दिखाई देगा. 

चंद्र ग्रहण का असर

30 नवम्बर को लगने वाले आखिरी चंद्र ग्रहण का असर सबसे ज्यादा  वृषभ राशि और रोहिणी नक्षत्र में पड़ेगा. ज्योतिषीय गणना के अनुसार, ग्रहण के दौरान वृष राशि के जातकों को विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है.  इसका कुछ-कुछ असर अन्या राशियों पर भी होगा.  यह चंद्र ग्रहण उपच्छाया मात्र होगा. यही वजह है कि इस चंद्र ग्रहण का सूतक काल मान्य नहीं होगा. 

जानें उपच्छाया चंद्र ग्रहण के बारे में

उपछाया चंद्रग्रहण वो होता है  जब सूर्य और चंद्रमा के बीच पृथ्‍वी आ जाती है. हालांकि, इस स्थिति में सूर्य, चंद्रमा और पृथ्‍वी तीनों एक सीधी लाइन में नहीं होते.  इस दौरान चंद्रमा की छोटी-सी सतह पर अंब्र(पृथ्वी के बीच के हिस्से से पड़ने वाली छाया) नहीं पड़ती.  चंद्रमा के बाकी हिस्‍से में पृथ्‍वी के बाहरी हिस्‍से की छाया पड़ती है, जिसे पिनम्‍ब्र या उपच्छाया कहा जाता है. हिंदू शास्त्र के अनुसार, उपच्‍छाया चंद्र ग्रहण में सूतक मान्‍य नहीं होता है. चंद्र ग्रहण एक खगोलीय घटना होने के कारण वैज्ञानिकों के लिए ग्रहण विशेष महत्‍व रखता है. वैज्ञानिकों के अनुसार चंद्रग्रहण को नंगी आंखों से भी देखा जा सकता है. लेकिन, धार्मिक मान्‍यता के अनुसार चंद्रग्रहण को नंगी आंखों से देखना शुभ नहीं माना जाता है.  ज्योतिष शास्त्र के अनुसार गर्भवती महिलाओं को तो ग्रहण के दौरान विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है. 

Web Title: Chandra Grahan 2020 30 November Date and Time in India

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