चंडीगढ़: भगवान जगन्नाथ महास्नान के बाद बीमार पड़े! जड़ी-बूटियों से किया जा रहा है इलाज, दर्शन पर रोक
By बलवंत तक्षक | Published: June 22, 2019 10:09 AM2019-06-22T10:09:50+5:302019-06-22T10:09:50+5:30
भगवान जगन्नाथ बीमार हो गए हैं. अगले दो हफ्ते तक अब वे आराम करेंगे. इस दौरान वे भक्तों को दर्शन भी नहीं देंगे. कोई इस दौरान मंदिर में ऊंची आवाज में बोल भी नहीं पाएगा. दरअसल, ये एक परंपरा है। इसके अनुसार भगवान की बीमारी की जांच के लिए वैद्य (पुजारी) उनकी देखभाल करते हैं. इन दिनों रोजाना भगवान को शीतल लेप लगाया जा रहा है. ज्येष्ठ पूर्णिमा पर मंदिर के पुजारियों और भक्तों की तरफ से 108 घड़ों के जल से कराए महास्नान के बाद भगवान जगन्नाथ बीमार हो गए. मंदिर में पूजा अर्चना के बाद भगवान के विग्रह को बाहर निकालकर महास्नान कराया गया.
इस दौरान इस्कॉन और श्री चैतन्य गौड़ीय मठ के संन्यासी और भक्त संकीर्तन करते रहे. भगवान जगन्नाथ के बीमार हो जाने पर जड़ी बूटियों से उनका उपचार किया जा रहा है. ऐसी स्थिति में श्री जगन्नाथ मंदिर के कपाट बंद कर दिए गए हैं. भगवान को अब अन्न का प्रसाद भी नहीं चढ़ाया जाएगा. फलों में केले का प्रसाद भी विर्जत है, लेकिन रात में सोने से पूर्व भगवान से मीठा दूध पीने का निवेदन जरूर किया जा रहा है. इस दौरान भगवान का जड़ी बूटियों, सोंठ, लौंग, इलाइची, काली मिर्च, पीपली के जरिए उपचार किया जा रहा है.
मंदिर के पुजारी लक्ष्मी धर दास उनका इलाज कर रहे हैं. मंदिर के गर्भ गृह में केवल पुजारी को ही जाने की इजाजत है. कोई भी भक्त मंदिर में प्रवेश नहीं कर पाएगा. उत्कल सांस्कृतिक संघ के महासचिव अरु ण मलिक ने बताया कि भगवान के ठीक होने के बाद जगन्नाथ यात्रा का आयोजन किया जाएगा. इसके मुताबिक दो जुलाई को नेत्र उत्सव और तीन जुलाई को उभा यात्रा के बाद चार जुलाई को रथयात्रा निकाले जाने का कार्यक्र म तय किया गया है.