कन्या पूजा अप्रैल 2019: कन्याओं की संख्या दिलाती है मनचाहा वरदान, जानें कितनी कंजकें बिठाने से मिलता है कैसा फल
By गुलनीत कौर | Published: April 12, 2019 01:07 PM2019-04-12T13:07:46+5:302019-04-12T13:07:46+5:30
हिन्दू धर्म में आदि शक्ति दुर्गा को समर्पित नवरात्रि का पर्व कुल नौ दिनों तक चलता है। चैत्र मास की प्रतिपदा तिथि से प्रारंभ होकर यह पर्व नवमी पर समाप्त होता है। इन नौ दिनों में भक्त अपनी श्रद्धा के अनुसार, पूजा, पाठ, हवन, व्रत आदि धार्मिक कार्य करते हैं। नौ दिनों के पश्चात दशमी तिथि को नवरात्रि व्रत का पारण किया जाता है। उत्थान ज्योतिष संस्थान के निदेशक ज्योतिर्विद पं दिवाकर त्रिपाठी पूर्वांचली के अनुसार इस बार 6 अप्रैल 2019 से प्रारंभ हुए चैत्र नवरात्रि पर्व का समापन 14 अप्रैल की सुबह 6 बजे के बाद दशमी तिथि लगने पर होगा।
कन्या पूजन अप्रैल 2019 तिथि, समय, महत्व (Kanya puja april 2019 date, time, significance)
पंडित जी ने आगे बताया कि 12 अप्रैल 2019 दिन शुक्रवार की सुबह 10:18 बजे से अष्टमी तिथि लग जाएगी जो कि अगले दिन यानी 13 अप्रैल दिन शनिवार की सुबह 08:16 बजे तक चलेगी। इसके बाद नवमी तिथि शुरू हो जाएगी। चूंकि अष्टमी तिथि का सूर्य उदय 13 अप्रैल को हुआ है और सुबह ही 8:16 बजे नवमी तिथि भी शुरू हो जाएगी, इसलिए महाष्टमी और नवमी का व्रत एवं पूजन दोनों ही 13 अप्रैल को होगा। इसीदिन कन्याओं को घर बुलाकर उनकी पूजा की जाएगी, उन्हें प्रसाद का भोग लगाकर साथ ही भेंट भी दी जाएगी।
नवरात्रि कन्या पूजन नियम (Things to do on Kanya pujan)
2 से 7 साल की कन्याएं
ख्याल रखें कन्याओं की उम्र 2 से 7 साल के बीच हो, कन्या पूजन सप्तमी, अष्टमी या नवमी में किसी भी दिन कर सकते हैं
बालक का आना जरूरी
ध्यान रखें कन्या पूजन में एक बालक को अवश्य आमंत्रीत करें कहा जाता है ऐसा न करने से कन्या पूजन पूरा नही हो पाता
पानी और दूध से धुलें पैर
कन्या पूजन से पहले उनका पैर पानी या दूध से जरूर धुलें ऐसा करने के बाद उनका पैर पोछकर उन्हें साफ जगह पर बैठाएं
तिलक लगाना न भूलें
कन्याओं के माथे पर कुमकुम, अक्षत और फूल का तिलक लगाना न भूलें
खीर पूड़़ी प्रसाद होना आवश्यक
कन्याओं को परोसे खाने में खीर पूड़़ी का प्रसाद होना आवश्यक है
विदाई के वक्त भेंट करें लाल चुनरी
खाने के पश्चात कन्याओं को लाल चुनरी, रूमाल, फल और खिलौने भेंट करके उनका आशिर्वाद लें और खुशी खुशी उन्हें विदा करें । अगर आप ऐसा करते हैं तो देवी माँ की कृपा हमेशा आप पर रहेगी।
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कन्या पूजन पर कन्याओं की संख्या का महत्व (Importance of number of girls in Kanya Puja)
कन्या पूजा के लिए अक्सर लोग 5, 7 या 9 कन्याओं को आमंत्रित करते हैं। कुछ लोग कन्याओं के साथ एक बालक को भी कंजक में बैठाते हैं। लेकिन कंजक में कितनी कन्याएं होने के साथ इन कन्याओं की संख्या आपको कैसा फल प्रदान करती है, यह हम आपको बताने जा रहे हैं। शास्त्रीय मान्यताओं के अनुसार कन्या पूजा में यदि:
- एक कन्या हो तो अच्छा भविष्य मिलता है
- दो कन्याएं हो तो पापों से मुक्ति मिलती है
- तीन कन्याएं हो जीवन में उन्नति की प्राप्ति होती है
- चार कन्याएं हो तो समाज में पद, प्रतिष्ठा मिलती है
- पांच कन्याएं हो तो ज्ञान की प्राप्ति होती है
- छः कन्याएं हो तो सिद्धि की प्राप्ति होती है
- सात कन्याएं हो तो शक्ति मिलती है
- आठ कन्याएं हो तो धन लाभ होता है
- नौ कन्याएं हो तो समाज में सर्वोच्चता मिलती है