Chaitra Navratri 4th Day: मां कूष्मांडा देंगी दीर्घायु का वरदान, होगा सभी रोगों का नाश-पढ़िए सही पूजाविधि और मंत्र
By मेघना वर्मा | Published: March 28, 2020 08:35 AM2020-03-28T08:35:30+5:302020-03-28T08:35:30+5:30
Chaitra Navratri 4th Day: मान्यता है कि मां कूष्मांडा से जो मनुष्य सच्चे मन और संपूर्ण विधिविधान से इनकी अराधना करते हैं उन्हें आसानी से अपने जीवन में परम पद की प्राप्ति होती है।
नवरात्र का चौथा दिन देवी कूष्मांडा को समर्पित होता है। इस दिन उपासक देवी कूष्मांडा की उपासना करता है। मान्यता है कि कूष्मांडा माता अपने भक्तों के सभी रोग और कष्ट हरती हैं। इस दिन बेहद साफ और पवित्र मन से मां कूष्मांडा देवी की पूजा की जानी चाहिए।
मान्यता है कि मां कूष्मांडा से जो मनुष्य सच्चे मन और संपूर्ण विधिविधान से इनकी अराधना करते हैं उन्हें आसानी से अपने जीवन में परम पद की प्राप्ति होती है। यह भी माना जाता है कि मां की पूजा से भक्तों के सारे रोग नष्ट हो जाते हैं।
ऐसा है मां का स्वरूप
मां कूष्मांडा को अष्टभुजाओं वाली देवी कहा जाता है। उनकी भुजाओं में बाण, चक्र, गदा, अमृत कलश, कमला और कमंडल सजे हैं। दूसरी और उनकी वही भुजा सिद्धियों और निधियों से युक्त माला धारण किए है। मां की सवाली सिंह है।
ऐसे करें मां कूष्मांडा की पूजा
1. सबसे पहले सुबह नाह धोकर स्वच्छ कपड़े धारण करें।
2. फिर कलश और उस में उपस्थित देवी-देवता की पूजा करें। फिर अन्य देवी देवता की पूजा करना चाहिए।
3. अब इसके बाद देवी कूष्मांडा की पूजा आरंभ करें। हाथों में फूल लेकर देवी को प्रणाम करें।
4. व्रत और पूजन का संकल्प लें।
5. फिर मां कूष्मांडा सहित समस्त स्थापित देवताओं की षोडशोपचार पूजा करें।
6. फिर माता की कथा सुनें।
7. अब इनके मंत्रों का उच्चारण करें।
8. अंत में मां की आरती गावें।
9. इसके बाद प्रसाद का वितरण करें।
क्या हो माता का भोग
कूष्मांडा माता बेहद सौम्य हैं। बताया जाता है कि माता को मीठा सबसे ज्यादा पसंद है। इसलिए आप मां को मालपुए या फिर कम्हरे या कदूद से बने पेठे का भोग लगा सकते हैं। इसे शुभ माना गया है।