Chaitra Navratri 2021 Day 5: कल होती है स्कंदमाता की पूजा, क्या लगाएं स्कंदमाता को भोग, जानिए पूजा विधि

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: April 16, 2021 07:02 PM2021-04-16T19:02:59+5:302021-04-16T19:04:27+5:30

नवरात्र के दिनों में देवी के नौ रूपों की उपासना की जाती है। स्कंदमाता को मां दुर्गा का पांचवा रूप मानते हैं। बताया जाता है कि जो भी भक्त माता की सच्चे मन से अराधना करता है उसे ज्ञान और मोक्ष की प्राप्ति होती है। आइए आपको बताते हैं क्या है माता का स्वरूप और कैसे करें स्कंदमाता की पूजा

Chaitra Navratri 2021 Day 5 Puja Vidhi | Chaitra Navratri 2021 Day 5: कल होती है स्कंदमाता की पूजा, क्या लगाएं स्कंदमाता को भोग, जानिए पूजा विधि

Chaitra Navratri 2021 Day 5: कल होती है स्कंदमाता की पूजा, क्या लगाएं स्कंदमाता को भोग, जानिए पूजा विधि

 नवरात्रि का पर्व मां दुर्गा की भक्ति का पर्व माना गया है। पंचांग के अनुसार 17 अप्रैल को नवरात्रि का 5 वां दिन है । इस दिन स्कंदमाता की पूजा की जाती है । पंचांग के अनुसार आज चैत्र मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि है। इस दिन चंद्रमा वृषभ राशि में गोचर कर रहा है।

कल शोभन योग बना हुआ है। नवरात्रि का पांचवा दिन स्कंदमाता को समर्पित है। माना जाता है कि सच्चे मन से स्कदंमाता की पूजा करने से संतान की प्राप्ति होती है। हिन्दू मान्यताओं में स्कंदमाता को सूर्यमंडल की अधिष्ठात्री देवी कहते हैं। 

नवरात्र के दिनों में देवी के नौ रूपों की उपासना की जाती है। स्कंदमाता को मां दुर्गा का पांचवा रूप मानते हैं। बताया जाता है कि जो भी भक्त माता की सच्चे मन से अराधना करता है उसे ज्ञान और मोक्ष की प्राप्ति होती है। आइए आपको बताते हैं क्या है माता का स्वरूप और कैसे करें स्कंदमाता की पूजा

कौन हैं स्कंदमाता
प्राचीन कथाओं की मानें तो स्कंदमाता को हिमालय की पुत्री बताया गया है। इसलिए इन्हें माता पार्वती भी कहा जाता है। इनका रंग गौर है और उन्हें गौरी के नाम से भी जानते हैं। मां कमल के पुष्प पर विराजमान हैं। भगवान स्कंद यानी कार्तिकेय की माता होने के कारण इन्हें स्कंदमाता कहा गया। 

कैसा है स्कंदमाता का स्वरूप
स्कंदमाता की चार भुजाएं हैं। दाई तरफ वाली ऊपर की तरफ भुजा पर उन्होंने स्कंद को गोद में पकड़ा है वहीं नीचे वाली भुजा में कमल का फूल है। बाईं तरफ ऊपर वाली भुजा में वरदमुद्रा में है और नीचे वाली भूजा में कमल पुष्प है। मां की सवारी शेर है। 

ऐसे करें मां स्कंदमाता की पूजा
1. नवरात्रि के पांचवें दिन सबसे  पहले स्नान करें और स्वच्छ कपड़े पहनें।
2. घर में मंदिर में पूजा स्थान पर स्कंदमाता की तस्वीर या प्रतिमा रखें।
3. गंगाजल से इसका  अनुष्ठान करें।
4. अब एक कलश के पानी लेकर उसमें कुछ सिक्के डालें। 
5. अब पूजा का संकल्प लें।
6. इसके बाद स्कंदमाता को रोली-कुमकुम लगाएं और नैवेद्य अर्पित करें।
7. आरती के बाद ही घर में प्रसाद वितरण करें।

स्कंदमाता की पूजा के लिए मंत्र
सिंहासनगता नित्यं पद्माञ्चितकरद्वया। 
शुभदास्तु सदा देवी स्कन्दमाता यशस्विनी॥ 
इसके मायने ये हुए जो नित्य सिंहासन पर विराजमान हैं और जिनके दोनों हाथ कमल-पुष्पों से सुशोभित हैं, वे स्कंदमाता मेरे लिए शुभदायिनी हों। इसके अलावा 'ऊं स्कंदमात्रै नम:' का भी जाप कर सकते हैं। साथ ही 'या देवी सर्वभूतेषु मां स्कंदमाता रूपेण संस्थिता..नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमों नम:' मंत्र का भी जाप करें।

Web Title: Chaitra Navratri 2021 Day 5 Puja Vidhi

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