चैत्र नवरात्रि 2019: अभिजीत मुहूर्त में होगी नवरात्रि कलश की स्थापना, जानें घट स्थापना का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि

By गुलनीत कौर | Published: March 31, 2019 07:44 AM2019-03-31T07:44:55+5:302019-03-31T07:44:55+5:30

पंचांग के अनुसार 5 अप्रैल 2019, दिन शुक्रवार दोपहर 01:36 बजे से ही नवरात्रि की प्रतिपदा तिथि लग जाएगी जो कि अगले दिन यानी 6 अप्रैल को दोपहर 02:58 बजे तक रहेगी।

Chaitra Navratri 2019: Ghatasthapana 2019 puja date, time, shubh muhurat, Ghatasthapana puja vidhi | चैत्र नवरात्रि 2019: अभिजीत मुहूर्त में होगी नवरात्रि कलश की स्थापना, जानें घट स्थापना का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि

फोटो- पिक्साबे

दुर्गा, महालक्ष्मी, पार्वती के नौ रूपों के पूजन का महापर्व 6 अप्रैल से प्रारंभ हो रहा है। ऐसे में अभी से तैयारियां शुरू हो गई हैं। हिन्दू धर्म में नवरात्रि पर्व का बेहद महत्व है। वर्ष में चार बार नवरात्रि का पर्व आता है, किन्तु इनमें से दो नवरात्रि - चैत्र और आषाढ़ ही लोगों के बीच लोकप्रिय है। 6 अप्रैल 2019, दिन शनिवार से चैत्र नवरात्रि शुरू हो रहे हैं। इस महापर्व की समाप्ति 14 अप्रैल 2019, दिन रविवार को होगी।

चैत्र नवरात्रि 2019 तिथि, महत्व (Chaitra Navratri 2019 start date, end date, significance)

पंचांग के अनुसार 5 अप्रैल 2019, दिन शुक्रवार दोपहर 01:36 बजे से ही नवरात्रि की प्रतिपदा तिथि लग जाएगी जो कि अगले दिन यानी 6 अप्रैल को दोपहर 02:58 बजे तक रहेगी। परंतु नवरात्रि का प्रारंभ 6 अप्रैल को सूर्य उदय होने के बाद से ही माना जाएगा। 6 अप्रैल की सुबह 5 बजकर 47 मिनट पर सूर्य उदय होगा और धार्मिक रूप से तभी से नवरात्रि का शुभारंभ होगा। इसी दिन नवरात्रि का शुभ कलश भी स्थापित किया जाएगा। 6 अप्रैल की दोपहर बाद से प्रतिपदा तिथि समाप्त होगी और द्वितीया तिथि लग जाएगी।

चैत्र नवरात्रि कलश स्थापना शुभ मुहूर्त (Chaitra Navratri 2019 Ghatasthapana date, shubh muhurat)

ज्योतिर्विद पं दिवाकर त्रिपाठी पूर्वांचली के अनुसार कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त लाभ एवं अमृत चौघड़िया तथा शुभ अभिजीत मुहूर्त में किया जाना अति उत्तम होता है। इस वर्ष घट स्थापना प्रातःकाल 07:20 बजे से 08:53 बजे तक शुभ चौघड़िया में सर्वोत्तम है। यदि किसी कारण इस शुभ मुहूर्त में कलश स्थापित नहीं कर पाए हैं तो अभिजीत मुहूर्त एवं मध्यान्ह 11:30 से 12:18 बजे तक का समय भी इस कार्य के लिए उत्तम होगा। वैसे इस वर्ष घटस्थापना सुबह सूर्योदय से दोपहर 02:58 से पूर्व प्रतिपदा तिथि में किया जा सकता है।

कलश स्थापना की विधि (Ghat Sthapana puja vidhi)

कलश स्थापना के लिये प्रतिपदा के दिन शुभ मुहूर्त से पहले उठाकर स्नान कर लें। एक रात पहले ही पूजा की सारी सामग्री एकत्रित करके सोएं ताकि सुबह समय से पूजा प्रारंभ की जा सके। स्नानादि करने के बाद लकड़ी के एक आसन पर लाल रंग का वस्त्र बिछाएं। वस्त्र पर श्रीगणेश जी का स्मरण करते हुए थोड़े चावल रखें। अब मिट्टी की वेदी बनाकर उस पर जौ बोएं, फिर इस पर जल से भरा मिट्टी, सोने या तांबे का कलश विधिवत स्थापित करें। कलश पर रोली से स्वास्तिक या ऊँ बनाएं। कलश के मुख पर रक्षा सूत्र भी बांधना चाहिये साथ ही कलश में सुपारी, सिक्का डालकर आम या अशोक के पत्ते रखने चाहिये।

उपरोक्त सामग्री कलश में डालने के पश्चात कलश के मुख को ढक्कन से ढक कर इसे चावल से भर देना चाहिए। अब एक नारियल लेकर उस पर चुनरी लपेटें और फिर ऊपर से रक्षासूत्र बांध दें। इसे कलश के ढक्कन पर रखते हुए सभी देवी-देवताओं का आह्वान करें और अंत में दीप जलाकर कलश की पूजा करें व षोडशोपचार से पूजन के उपरान्त फूल व मिठाइयां चढ़ा कर माता का पूजन ध्यान पूर्वक करें। यदि संभव हो तो घट पर कुलदेवी की प्रतिमा भी स्थापित करें। कलश की पूजा के बाद दुर्गा सप्तशती का पाठ करें।

English summary :
According to the hindu Panchang, from 5th of April 1:36 p.m, the pratipada tithi of Navratri will take place, which will be till the next day i.e. 6th April at 02:58 p.m. But the beginning of Navaratri will be considered only since sunrise on 6th April.


Web Title: Chaitra Navratri 2019: Ghatasthapana 2019 puja date, time, shubh muhurat, Ghatasthapana puja vidhi

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