आज नवरात्रि का चौथ दिन, इस महामंत्र से देवी कुष्मांडा को करें खुश, भोग में बनाएं ये मीठी चीज

By गुलनीत कौर | Published: April 9, 2019 07:32 AM2019-04-09T07:32:49+5:302019-04-09T07:32:49+5:30

नवरात्रि यानी 'नौ-रातें'। हिन्दू धर्म में ये त्योहार वर्ष में चार बार आता है - चैत्र, आषाढ़, आश्विन और माघ। चैत्र में चैत्र नवरात्रि और अश्विन में इस पर्व को शारदीय नवरात्रि के नाम से जाना जाता है। इन दो नवरात्रि से ठीक पहले गुप्त नवरात्रि आते हैं जिन्हें गुप्त एवं तांत्रिक साधनाओं के लिए जाना जाता है। लेकिन हिन्दू परिवारों में चैत्र और शारदीय नवरात्रि का महत्व है और इसे ही विशेष रूप से मनाया जाता है।

Chaitra Navratri 2019: 4th day goddess Kushmanda devi worship method fast benefits | आज नवरात्रि का चौथ दिन, इस महामंत्र से देवी कुष्मांडा को करें खुश, भोग में बनाएं ये मीठी चीज

आज नवरात्रि का चौथ दिन, इस महामंत्र से देवी कुष्मांडा को करें खुश, भोग में बनाएं ये मीठी चीज

हिन्दू धर्म का पावन पर्व चैत्र नवरात्रि चल रहा है। इस साल चैत्र नवरात्रि 6 अप्रैल 2019, दिन शनिवार से प्रारंभ हुए हैं और 14 अप्रैल 2019, दिन रविवार को व्रत का पारण किया जाएगा। इसदिन प्रातः 6 बजे तक नवमी तिथि होगी, इसके तत्पश्चात दशमी तिथि प्रारंभ हो जाएगी। हिन्दू धर्म में नवरात्रि का पर्व नौ दिनों तक मनाते हैं और दसवें दिन पारण किया जाता है। 

उत्थान ज्योतिष संस्थान के निदेशक ज्योतिर्विद पं दिवाकर त्रिपाठी पूर्वांचली के मुताबिक, यह पर्व दुर्गा के नौ रूपों को समर्पित है और इस दौरान सभी रूपों की पूजा और व्रत किया जाता है। चौथे दिन यानी 09 अप्रैल, 2019 को मां कुष्मांडा पूजा की पूजा होती है। आइए जानते हैं देवी से जुड़ी पौराणिक कथा, पूजा विधि एवं जानें किस मंत्र के जाप से देवी प्रसन्न होती हैं।

तेजस्वी की हैं देवी

मां कुष्मांडा को शक्ति का चौथा स्वरूप मानते हैं। इन्हें सूर्य के समान तेजस्वी बताया गया है। अगर हम मां के स्वरूप की व्याख्या करें तो उनकी आठ भुजाएं हमें तेज अर्पित करने की प्रेरणा देती हैं। मान्यता है कि देवी कुष्मांडा के पूजन से आपके अन्दर कठिन से कठिन परिस्थितियों में भी काम करने की क्षमता बनी रहती हैं। आप अपने निर्णय खद ले पाते हैं और मां की कृपा से आपको समाज में तेज और यश की प्राप्ति होती है। 

देवी भाग्वत पुराण में माता को आदिशक्ति बताया गया है। पौराणिक कथा के अनुसार जब दुनिया का अस्तित्व नहीं था तब मां कुष्मांडा ने ब्रह्माण की रचना की थी। यही कारण है कि उन्हें आदिशक्ति कहा जाता है। माना जाता है इनका निवास सूर्यमंडल के भीतर के लोक में है। वहां निवास कर सकने की क्षमता और शक्ति केवल इन्हीं में है।

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इस जाप से होंगी मां खुश

नवरात्रि के चौथे दिन मां कुष्मांडा का ध्यान इस मंत्र से कर सकते हैं। 

स्तुता सुरैः पूर्वमभीष्टसंश्रयात्तथा सुरेन्द्रेण दिनेषु सेविता।
करोतु सा नः शुभहेतुरीश्वरी शुभानि भद्राण्यभिहन्तु चापदः।।

माना जाता है कि इस मंत्र का जाप करने से समस्त रोग-शोक मिट जाते हैं साथ ही आयु, यश और बल की प्राप्ति होती है। 
  
मालपुआ का लगता है भोग

नवरात्र के चौथे दिन मां को मालपुआ का भोग लगाया जाता है। इस दिन नारंगी वस्त्र पहनकर श्रद्धालु देवी कुष्मांडा की आराधना करते हैं और रोगों से मुक्ति की प्रार्थना करते हैं। 

Web Title: Chaitra Navratri 2019: 4th day goddess Kushmanda devi worship method fast benefits

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