Chaitra Durga Ashtami 2021: आज है अष्टमी, होगी मां महागौरी की पूजा, जानें कन्या पूजन का शुभ मुहूर्त और सही विधि

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: April 20, 2021 07:11 AM2021-04-20T07:11:03+5:302021-04-20T07:11:03+5:30

अष्टमी और नवमी तिथि पर मां महागौरी और सिद्धिदात्री की पूजा के बाद कन्याओं को घरों में बुलाकर भोजन कराने का विशेष महात्म है। नवरात्रि में नौ कन्याओं को भोजन करवाना चाहिए क्योंकि 9 कन्याओं को देवी दुर्गा के 9 स्वरुपों का प्रतीक माना जाता है।

Chaitra Durga Ashtami 2021 mata mahagauri Puja Vidhi, mantra, shubh muhurat all details | Chaitra Durga Ashtami 2021: आज है अष्टमी, होगी मां महागौरी की पूजा, जानें कन्या पूजन का शुभ मुहूर्त और सही विधि

दुर्गा अष्टमी और पूजन विधि (फाइल फोटो)

Highlightsनवरात्रि में अष्टमी तिथि को दुर्गा अष्टमी या महाअष्टमी भी कहा जाता हैआज पूरे दिन अष्ट्मी तिथि, 21 अप्रैल को मध्यरात्रि 12 बजकर 35 मिनट के बाद शुरू होनी नवमी

नवरात्रि के नौ दिनों तक मां दुर्गा के नौ स्वरूपों का पूजन किया जाता है। नवरात्रि में अष्टमी और नवमी तिथि का बहुत महत्व होता है। इस बार चैत्र नवरात्रि की अष्टमी तिथि 20 अप्रैल 2021 दिन मंगलवार को पड़ रही है।

इस दिन मां महागौरी की पूजा करने का प्रावधान है। अष्टमी और नवमी तिथि पर लोग अपने घरों और मंदिरों में हवन एवं कन्या पूजन करते हैं। नवरात्रि में अष्टमी तिथि को दुर्गा अष्टमी या महाअष्टमी भी कहा जाता है।

 नवरात्रि में नौ दिन मां की उपासना करने के बाद लोग देवी स्वरूप छोटी कन्याओं को भोजन कराते हैं.  माना जाता है कि मां दुर्गा होम और दान से उतनी प्रसन्न नहीं होती जितनी कन्याओं की सेवा से प्रसन्न होती हैं. 

नवरात्रि के नौ दिनों के व्रत के बाद आठवें दिन कन्या पूजन का विधान है। जो भक्त मां के नौ दिन का व्रत करते हैं वो नवमी के दिन कन्या पूजन के बाद भी व्रत का पारण करते हैं। वैसे शास्त्रों के अनुसार अष्टमी का दिन कन्याओं के पूजन के लिए सबसे शुभ बताया जाता है। कन्या पूजन से हर तरह के विघ्न और वास्तु दोष का नाश होता है। कन्या पूजन करने के लिए भी कुछ विशेष सामग्री की जरूरत होती है।

जानें कब है अष्टमी और नवमी पूजन

चैत्र नवरात्रि 2021 की सप्तमी तिथि 19 अप्रैल 2021 दिन सोमवार को मध्य रात्रि 12 बजकर 01 मिनट तक है. इसके बाद अष्टमी तिथि शुरू हो जायेगी. जो कि 20 अप्रैल को पूरे दिन रहेगी.

अष्टमी तिथि 21 अप्रैल को मध्यरात्रि 12 बजकर 35 मिनट तक रहेगी. इसके बाद नवमी तिथि का प्रारंभ होता है. इसलिए अष्टमी व नवमी दोनों ही दिन नवरात्रि व्रत का पारण और कन्या पूजन के लिए पर्याप्त समय मिल रह है. इस लिए व्रतधारी के लिए चैत्र नवरात्रि में कन्या पूजन का शुभ मुहूर्त अष्टमी और नवमी दोनों दिन है. वे बहुत आराम से कन्या का पूजन कर अपने व्रत को पूरा कर व्रत का पारण करें.  

कन्या पूजन करते समय इन बातों का रखें ध्यान

– कन्याओं के साथ एक बालक को भी भोजन करवाना आवश्यक होता है क्योंकि उन्हें बटुक भैरव का प्रतीक माना जाता है। मां के साथ भैरव की पूजा आवश्यक मानी गई है।

– सिर्फ 2 वर्ष से लेकर 10 वर्ष की आयु तक की कन्याओं का कंजक पूजन करना चाहिए।

– कन्या पूजन के दौरान कन्याओं को साफ स्थान पर बैठा कर दूध और पानी से उनके पैर धोने के पश्चात उनके पैर छूकर उनका आशीर्वाद ग्रहण कीजिए।

– कन्या पूजन के दौरान जब आप कन्याओं को भोजन करा रहे हैं तो खीर पूड़ी जरूर खिलाएं, आप चाहे तो नमकीन में आलू अथवा कद्दू की सब्जी भी खिला सकते हैं।

– कन्याओं को भोजन कराने के पश्चात दान में रुमाल लाल चुनरी फल खिलौने आदि देकर उनके चरण स्पर्श कीजिए। सम्मान पूर्वक उनको घर से विदा कीजिए यदि आप ऐसा करते हैं तो इससे दुर्गा माता की कृपा बनी रहती है।

कन्या पूजन का महत्व

अष्टमी और नवमी तिथि पर मां महागौरी और सिद्धिदात्री की पूजा के बाद कन्याओं को घरों में बुलाकर भोजन कराने का विशेष महात्म है। नवरात्रि में नौ कन्याओं को भोजन करवाना चाहिए क्योंकि 9 कन्याओं को देवी दुर्गा के 9 स्वरुपों का प्रतीक माना जाता है। कन्याओं के साथ एक बालक को भी भोजन करवाना पड़ता है जिन्हें बटुक भैरव का प्रतीक माना जाता है। मां के साथ भैरव की पूजा जरूरी मानी गई है।

इन सामग्रियों को कन्या पूजन से पहले कर लें एकत्र
1. साफ जल (जिसेस कन्याओं का पैर धुलाना है।)
2. साफ कपड़ा (जिससे कन्याओं का पैर पोंछना है।)
3. रोली (कन्याओं के माथे पर टीका काढ़ने के लिए)
4. कलावा (हाथ में बांधने के लिए)
5. चावल (अक्षत)
6. फूल (आरती के बाद कन्याओं पर चढ़ाने के लिए)
7. चुन्‍नी (कन्याओं को उढ़ाने के लिए)
8. फल (कन्याओं को देने के लिए)
9. मिठाई (कन्याओं के भोग के लिए)
10. भोजन सामग्री

नवरात्रि: ऐसे करें कन्या पूजन

1. अष्टमी या नवमी के दिन स्नानआदि करके भगवान गणेश और महागौरी की पूजा करें।
2. कन्या पूजन के लिए दो साल से 10 साल तक की कन्याओं को और एक बालक को आमंत्रित करें।
3. जब कन्याएं घर में आएं तो उनके आते ही जयकारा लगाना चाहिए।
4. इसके बाद सभी कन्याओं का पैर खुद अपने हाथों से धुलें और उन्हें पोछें।
5. उनके माथे पर कुमकुम और अक्षत का टीका लगाएं।
6. इसके बाद कन्याओं के हाथ में मौली या कलावा बाधें।
7. एक थाली में घी का दीपक जलाएं और सभी कन्याओं की आरती उतारें।
8. आरती करने के बाद सभी कन्याओं को भोग लगाएं और खाने में पूरी, चना और हलवा जरूर खिलाएं।
9. भोजन के बात अपनी सामर्थ अनुसार उन्हें भेंट दें।
10. आखिरी में कन्याओं का पैर छूकर उनसे आशीर्वाद जरूर लें और उन्हें विदा करें।

Web Title: Chaitra Durga Ashtami 2021 mata mahagauri Puja Vidhi, mantra, shubh muhurat all details

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