इंदौर में छठ महापर्व की धूम: अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य देकर करेंगे सुख-समृद्धि की कामना
By मुकेश मिश्रा | Published: November 6, 2024 10:53 PM2024-11-06T22:53:17+5:302024-11-06T22:53:37+5:30
शहर के विजय नगर, बाणगंगा, स्कीम नंबर 78, तुलसी नगर, समर पार्क निपानिया, पिपलियाहना तालाब, सिलिकॉन सिटी, शंखेश्वर सिटी, वेंकटेश नगर, श्याम नगर एनेक्स, एरोड्रम रोड, अन्नपूर्णा तालाब, सूर्य मंदिर कैट रोड सुखलिया, शिप्रा, देवास नाका सहित लगभग 150 स्थानों पर सार्वजनिक छठ पूजा का आयोजन किया गया है।
इंदौर: खरना के साथ शुरू हुए 36 घंटे के निर्जला उपवास के बाद, मालवांचल में बसे हजारों पूर्वांचलवासी गुरुवार को छठ महापर्व के तीसरे दिन संध्या में विभिन्न तालाबों, प्राकृतिक जलाशयों और कृत्रिम कुंडों पर एकत्रित होकर अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य अर्पित करेंगे। शहर के विजय नगर, बाणगंगा, स्कीम नंबर 78, तुलसी नगर, समर पार्क निपानिया, पिपलियाहना तालाब, सिलिकॉन सिटी, शंखेश्वर सिटी, वेंकटेश नगर, श्याम नगर एनेक्स, एरोड्रम रोड, अन्नपूर्णा तालाब, सूर्य मंदिर कैट रोड सुखलिया, शिप्रा, देवास नाका सहित लगभग 150 स्थानों पर सार्वजनिक छठ पूजा का आयोजन किया गया है।
पूर्वोत्तर सांस्कृतिक संस्थान, जो इंदौर में पूर्वांचल समाज की प्रमुख संस्था है, के अध्यक्ष ठाकुर जगदीश सिंह और महासचिव के.के. झा ने बताया कि इस वर्ष शहर में श्रद्धालुओं की संख्या में वृद्धि देखी जा रही है। सुबह से ही छठ व्रतियों के घरों में उत्सव का माहौल था, महिलाएं घरों की सफाई और खरना प्रसाद तैयार करने में व्यस्त थीं, जबकि पुरुष पूजा के फलों व सामग्री की खरीदारी में जुटे रहे।
छठ महापर्व के दूसरे दिन बुधवार को व्रतियों ने खरना का आयोजन किया, जिसमें दिनभर व्रत रखने के बाद गंगाजल से स्नान कर भगवान सूर्य की पूजा की और मिट्टी के चूल्हे पर अरवा चावल, दूध-गुड़ की खीर और गेहूं की रोटी का प्रसाद बनाकर छठ मैया को अर्पित किया। इसी के साथ 36 घंटे का निर्जला उपवास प्रारंभ हो गया, जिसका समापन शुक्रवार सुबह 6:38 बजे उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देने के साथ होगा। शहरवासियों के सुख, समृद्धि और अच्छे स्वास्थ्य की कामना के साथ इस महापर्व को पूर्वांचल समाज द्वारा भव्य रूप से मनाया जा रहा है।
छठ गीतों की लोक गायिका शारदा सिन्हा को दी श्रद्धांजलि
लोक गायिका शारदा सिन्हा को उनके असामयिक निधन पर आज शहर के समस्त पूर्वांचल समाज में शोक व्याप्त था। पूर्वोत्तर सांस्कृतिक संस्थान के महासचिव के के झा ने कहा कि बिहार कोकिला शारदा सिन्हा जी के छठ लोक गीतों के बिना छठ महापर्व को मनाने की कामना नहीं की जा सकती पर विधि के विधान को कौन टाल सकता है। इस दुःख भरी समाचार के बीच छठ श्रद्धालु कुछ असहज हैं पर छठी मइया को तो पूजना ही है। आज पूर्वोत्तर सांस्कृतिक संस्थान सहित पूर्वांचल के विभिन्न सामाजिक संस्थाओं द्वारा लोक गायिका शारदा सिन्हा को श्रद्धांजलि दी गयी।