बुद्ध पूर्णिमा पर 502 साल बाद बना ऐसा अद्भुत नक्षत्रीय संयोग, लाभ पाने के लिए कर लें ज्योतिषीय उपाय, जानें शुभ मुहूर्त
By गुलनीत कौर | Published: May 18, 2019 07:17 AM2019-05-18T07:17:00+5:302019-05-18T07:17:00+5:30
पंचांग के अनुसार 18 मई की सुबह 4 बजकर 10 मिनट पर पूर्णिमा तिथि प्रारंभ हो जाएगी जो कि अगले दिन यानी रविवार 19 मई की सुबह 2 बजकर 41 मिनट तक मान्य है। 18 मई को सूर्य उदय से बुद्ध मुर्निमा का पर्व पारंभ हो जाएगा।
हिन्दू धर्म में वैशाख मास की पूर्णिमा तिथि को 'बुद्ध पूर्णिमा' के नाम से जाना जाता है। हिन्दू मान्यताओं के अनुसार इसीदिन बौद्ध धर्म के संस्थापक गौतम बुद्ध यानी भगवान बुद्ध ने जन्म लिया था। इस साल वैशाख मास की पूर्णिमा 18 मई को है। इस मौके पर भगवान बुध्ह और भगवान विष्णु दोनों का पूजन किया जाता है। भगवान बुद्ध को भगवान विष्णु का ही अवतार माना जाता है।
बुद्ध पूर्णिमा पूजा का शुभ मुहूर्त (Buddha Purnima 2019 puja shubh muhurat)
पंचांग के अनुसार 18 मई की सुबह 4 बजकर 10 मिनट पर पूर्णिमा तिथि प्रारंभ हो जाएगी जो कि अगले दिन यानी रविवार 19 मई की सुबह 2 बजकर 41 मिनट तक मान्य है। 18 मई को सूर्य उदय से बुद्ध मुर्निमा का पर्व पारंभ हो जाएगा। सुबह से लेकर रात तक किसी भी समय पूजा की जा सकती है। चद्रमा उदय होने पर पूर्णिमा तिथि संबंधित उपाय करने से विशेष फल की प्राप्ति होगी।
बुद्ध पूर्णिमा ग्रहीय संयोग (Buddha Purnima 2019 astrological significance)
ज्योतिष परिणामों के अनुसार करीब 502 वर्षों के बाद वैशाख मास की पूर्णिमा तिथि पर एक दुलर्भ संयोग बना है। संयोग के अन्जुसार एक ही समय पर मंगल-राहू की युति मिथुन राशि में थी और शनि-केतु की युति धनु राशि में थी। ठीक ऐसा संयोग इस बार 18 मई को बन रहा है। इन चार ग्रहों के एक साथ, एक समय पर होने से एक बड़ा ज्योतिषीय संयोग बन रहा है जिसमें ज्योतिष उपाय करने से वे फलित सिद्ध होंगे।
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बुद्ध पूर्णिमा सरल पूजा विधि (Buddha Purnima puja vidhi)
पूर्णिमा के दिन सुबह जल्दी उठ जाएं, स्नान करें और साफ वस्त्र पहनकर तैयार हो जाएं। भगवान विष्णु की मूर्ति या तस्वीर के सामने बैठ जाएं। अब जल से भरा एक पात्र लेकर उसे तस्वीर के सामने रख दें। थोड़ी चीनी और तिल भी रख दें। अब भगवान के सामने तेल का दीपक जलाएं। विष्णु मंत्र का एक माला जाप करें और अंत में आरती करके पूजा संपन्न करें।
बुद्ध पूर्णिमा उपाय (Buddha Purnima upay)
- पूर्णिमा के दिन सुबह समय से उठकर स्नान करें और पूरे घर की साफ-सफाई अवश्य करें। इसके बाद ही पूजा करें
- पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु की पूजा करने का महत्व है। पूजा के बाद घर में गंगाजल का छिड़काव करें
- घर के मुख्य द्वार पर हल्दी या कुमकुम से स्वास्तिक बनाएं। यह शुभ माना जाता है
- कार्यस्थल पर भी गंगाजल का छिड़काव करें और यदि संभव तो हो कुमकुम के इस्तेमाल से स्वास्तिक का चिह्न भी बनाएं
- पूर्णिमा के शुभ दिन पर कार्यस्थल पर लक्ष्मी-नायारम की मूर्ति स्थापित करें। मूर्ति स्थापित करने के बाद उसके आगे घी का दीपक जलाएं
- पूर्णिमा के दिन खीर बनाने की प्रथा है। खीर बनाकर पहले भगवान को भोग लगाएं और इसके बाद घर के सदस्यों में बांट दें। मान्यता है कि ऐसा करने से परिवार वालों में आपसी प्रेम बना रहता है और पैसे की कमी भी दूर होती है
- संभव हो तो पूर्णिमा के दिन किसी तीर्थ स्थल के दर्शन करें और पवित्र जल में स्नान भी करें। पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान का महत्व होता है
- पूर्णिमा का व्रत करने के विभिन्न लाभ होते हैं। इसदिन व्रत ना भी करें तो सुबह भगवान विष्णु की पूजा अवश्य करें और शाम में चन्द्रमा को जल अर्पित करें। ऐसा करने से मन माँगी मुराद पूरी होती है