भैरव अष्टमी 2018: जानिए कौन हैं भैरव बाबा, कहे जाते हैं रहस्यमयी देवता

By मेघना वर्मा | Published: November 29, 2018 09:02 AM2018-11-29T09:02:51+5:302018-11-29T09:02:51+5:30

Bhairava Ashtami 2018 (भैरव अष्टमी): भगवान भैरव को भैरू महाराज, भैरू बाबा, मामा भैरव जैसे नामों से भी बुलाया जाता है। कई समाजों के ये कुल देवता भी कहे जाते हैं।

bhairava ashtami 2018: who is Lord Bhairava and significance of bhairava ashtami | भैरव अष्टमी 2018: जानिए कौन हैं भैरव बाबा, कहे जाते हैं रहस्यमयी देवता

भैरव अष्टमी 2018: जानिए कौन हैं भैरव बाबा, कहे जाते हैं रहस्यमयी देवता

हिन्दू धर्म में करोड़ो देवी-देवता हैं जिनका अपना अलग-अलग महत्व है। इन्हीं देवताओं में कुछ ऐसे भी है जिनके बारे में बहुत से लोगों को नहीं पता है। उन्हीं में से एक का नाम है काल भैरव। काल भैरव को भगवान शिव का रूप भी माना जाता है। कहीं-कहीं तो उन्हें शिव का पुत्र भी कहा गया है। मगर कम ही लोग जानते हैं कि काल भैरव की उत्पत्ती कैसे हुई। साथ उन्हें रहस्यों का देवता क्यों कहा जाता है। काल भैरव अष्टमी आइए बात करते हैं भय और अवसाद को नाश करने वाले काल भैरव की। 

शिव के रूधिर से भैरव की हुई उत्पत्ति

माना जाता है कि भैरव बाबा की उत्पत्ति शिव के क्रोध से हुई थी। शिव के रूधिर के दो भाग हुए। पहला बटुक भैरव और दूसरा काल भैरव। इन दोनों ही भैरवों की पूजा, हिन्दू धर्म में की जाती है। पुराणों की मानें तो भगवान भैरव को असितांग, रुद्र, चंड, क्रोध, उन्मत्त, कपाली, भीषण और संहार नाम से भी जाना जाता है। माना ये भी जाता है कि भगवान शिव के पांचवें अवतार भैरव को भैरवनाथ बोलते हैं। भैरव अष्टमी के दि भैरव बाबा की विशेष पूजा का महत्व है। 

कई समाज के हैं कुल देवता

भगवान भैरव को भैरू महाराज, भैरू बाबा, मामा भैरव जैसे नामों से भी बुलाया जाता है। कई समाजों के ये कुल देवता भी कहे जाते हैं। इनको पूजने का तरीका भी अलग-अलग है। इन्हें काशी का संरक्षक भी कहा जाता है। 

कलिका पुराण में है दर्ज

काल भैरव भक्त की हर मनोकामना पूरी करते हैं। उन्हें मनचाहा वर देते हैं। भगवान शिव की सेना में 11 रुद्र, 11 रुद्रिणियां, चौंसठ योगिनियां, अनगिनत मातृकाएं और 108 भैरव हैं। कलिका पुराण में बताया गया है कि बालक गणेश ने सिर कटने से पहले इन्हीं से युद्ध किया था इसीलिए भोलेनाथ इन्हें वीरभद्र के नाम से पुकारते हैं।

देश भर में काल भैरव के कई प्रसिद्ध मंदिर हैं। सबसे प्राचीन और चमत्कारिक मंदिर है उज्जैन और काशी में। काल भैरव मंदिर उज्जैन में और बटुक भैरव का मंदिर लखनऊ है जहां हर भैरव अष्टमी के दिन भक्तों का जमावड़ा लगा होता है। 

English summary :
Bhairava Ashtami 2018 Wishes, Images, Quotes, Greeting in Hindi: Kaal Bhairav is also considered the form of Lord Shiva. Somewhere he is also called Shiva's son. But Do you know how Kaal Bhairav was born.


Web Title: bhairava ashtami 2018: who is Lord Bhairava and significance of bhairava ashtami

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