Basant Panchami 2022: बसंत पंचमी के दिन क्यों है पीले रंग का इतना महत्व, जानिए क्या है इसके पीछे का कारण
By रुस्तम राणा | Published: February 4, 2022 04:05 PM2022-02-04T16:05:00+5:302022-02-04T16:05:00+5:30
बसंत पंचमी के दिन पीले रंग को पहनना बेहद शुभ माना जाता है। इस दिन लोग ना सिर्फ पीले वस्त्र पहनते हैं बल्कि पीले रंग के भोजन भी ग्रहण करते हैं।
बसंत पंचमी का पावन पर्व 5 फरवरी, शनिवार को मनाया जाएगा। हिन्दू पंचांग के अनुसार माघ शुक्ल पक्ष की पचमी को बसंत पंचमी मनाई जाती है। इस दिन ज्ञान एवं सुरों की देवी मां सरस्वती की पूजा विधि-विधान के साथ की जाती है।
बसंत पंचमी के दिन पीले रंग को पहनना बेहद शुभ माना जाता है। इस दिन लोग ना सिर्फ पीले वस्त्र पहनते हैं बल्कि पीले रंग के भोजन भी ग्रहण करते हैं। पीले लड्डू और केसरयुक्त खीर बना कर मां सरस्वती और भगवान कृष्ण और भगवान विष्णु को अर्पित किया जाता है।
मन में उमंग और ऊर्जा लाता है पीला रंग
बसंत ऋतु को पीले रंग का प्रतीक माना जाता है। बसंत ऋतु एक ऐसी ऋतु है जिसमें ना बहुत ज्यादा ठंड का एहसास होता है ना गर्मी का। इस ऋतु में सूरज ना तो तेज होता है और ना ही हल्का। इस मौसम में चारों तरफ पीली सरसों के फूल से लहलहाते खेत दिखाई देते हैं जो मन में ऊर्जा भर देते हैं। सिर्फ यही नहीं पेड़ों पर ताजी नई पत्तियां भी आने लगती हैं। इसी कारण से बसंत ऋति में पीले रंग का विशेष महत्व होता है।
सूर्य की किरणों से पृथ्वी हो जाती है पीली
ऐसी भी मान्यता है कि बसंत पंचमी के समय सूर्य उत्तरायण में होते हैं, जिससे सूर्य की किरणों से पृथ्वी पीली हो जाती है, इसलिए आज के दिन कपड़े भी पीले रंग के पहने जाते हैं। इस दिन मां सरस्वती की पूजा करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है। कहते हैं कि पीला रंग समृद्धि, एनर्जी और प्रकाश का प्रतीक है। वहीं, पीला रंग तनाव को दूर करता है और दिमाग एक्टिव रखता है। साथ ही, आत्मविश्वास बढ़ाने में भी मदद करता है।
मां शारदा को अर्पित करें पीले रंग की ये चीजें
सुबह जल्दी उठकर स्नान करें। पूजा के दौरान मां वीणा वादिनी को पीले पुष्प, पीले वस्त्र, पीले रंग की मिठाई की मिठाई अर्पित करें। इस दिन मां सरस्वती की प्रतिमा को पीले रंग के कपड़े से सजाएं। स्वयं भी पीले वस्त्र धारण करें। मां की प्रतिमा के समक्ष वाद्य यंत्र, पुस्तकें रखें और अंत में आरती करने के पश्चात प्रसाद का वितरण करें।