Basant Panchami 2021: जानिए, बसंत पंचमी पर मां सरस्वती की पूजा विधि, शुभ मुहूर्त और जन्म से जुड़ी कथा

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: February 15, 2021 01:49 PM2021-02-15T13:49:33+5:302021-02-15T13:49:33+5:30

Basant Panchami 2021: बसंत पंचमी के दिन माता सरस्वती को पूजने की परंपरा रही है। इस दिन से वसंत ऋृतु के आगमन की भी मान्यता है। इस बार ये पर्व 16 फरवरी को मनाया जा रहा है।

Basant Panchami 2021: Saraswati puja vidhi, shubh muhurat, auspicious time | Basant Panchami 2021: जानिए, बसंत पंचमी पर मां सरस्वती की पूजा विधि, शुभ मुहूर्त और जन्म से जुड़ी कथा

Basant Panchami 2021: सरस्वती पूजा विधि और शुभ मुहूर्त (फाइल फोटो)

Highlightsमाघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी को माता सरस्वती की विशेष पूजा की रही है परंपरामान्यताओं के अनुसार बसंत पंचमी के दिन माता सरस्वती की उत्पत्ति हुई थी, संगीत और ज्ञान की हैं देवीबसंत पंचमी पर पीले रंग का विशेष महत्व है, पूजा का शुभ मुहूर्त करीब साढ़े पांच घंटे का रहेगा

Basant Panchami 2021: सरस्वती पूजा का विशेष पर्व बसंत पंचमी इस बार 16 फरवरी (मंगलवार) को पूरे देश में मनाया जा रहा है। हिंदू धर्म में इस पर्व का विशेष महत्व है और इसलिए हर साल माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी को संगीत और ज्ञान की देवी माता सरस्वती का पूजन पूरे विधि-विधान से किया जाता है।

ऐसी मान्यता है कि बसंत पंचमी के दिन से वसंत ऋतु की भी शुरुआत होती है। धार्मिक ग्रंथों में इसका भी उल्लेख है कि इसी दिन माता सरस्वती की उत्पत्ति हुई थी। यही कारण है कि छात्रों, कला, संगीत, पढ़ने-लिखने आदि कार्यों से जुड़े लोगों के लिए ये दिन काफी महत्वपूर्ण है। 

आईए इस मौके पर हम आपको बताते हैं कि बसंत पंचमी पर सरस्वती पूजा की विधि क्या है, इस बार पूजन का शुभ मुहूर्त क्या है और साथ ही बसंत पंचमी से जुड़ी कथा क्या कहती है।

बसंत पंचमी 2021: सरस्वती पूजा की विधि

बसंत पंचमी के दिन साधक को सुबह जल्दी उठना चाहिए और साफ-सफाई सहित स्नान आदि के बाद पूजा की तैयारी करनी चाहिए। माता सरस्वती की प्रतिमा या तस्वीर को पीले रंग के वस्त्र अर्पित करें।

इसके बाद चंदन, अक्षत, हल्दी, रोली सहित पीले या सफेद रंग के फूल और पीली मिठाई माता सरस्वती को अर्पित करें। पूजा के स्थान पर वाद्य यंत्र और किताबों को माता के सामने रखें। इसके बाद मां सरस्वती की वंदना का पाठ करें। मां सरस्वती के लिए व्रत भी रख सकते हैं।

बसंत पंचमी 2021: सरस्वती पूजा का शुभ मुहूर्त

इस बार माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि की शुरुआत 16 फरवरी, 2021 को तड़के 3.36 बजे होगी और इसका समापन अगले दिन यानी 17 फरवरी (बुधवार) को सुबह 5.46 बजे होगा। इसके मायने ये हुए कि पूरे दिन पंचमी तिथि रहेगी।

वहीं, बसंत पंचमी पर इस बार सरस्वती पूजा का शुभ मुहूर्त करीब साढ़े पांच घंटे का है। अलग-अलग स्थानों पर कुछ अंतर रह सकता है। दिल्ली बात करें तो यहां शुभ मुहूर्त 16 फरवरी को सुबह 6.59 बजे से दोपहर 12.35 तक है।

ऐसे ही लखनऊ में सुबह 6.42 से दोपहर 12.21 तक पूजा का शुभ मुहूर्त है। वहीं, पटना में ये शुभ मुहूर्त 16 फरवरी की सुबह 6.24 बजे से शुरू होगा और दोपहर 12.04 तक होगा।

सरस्वती पूजा 2021: बसंत पंचमी की कथा

पौराणिक कथाओं के मुताबिक भगवान ब्रह्मा ने जब संसार को बनाया तो पेड़-पौधों और जीव जन्तु सब कुछ दिख रहा था। इसके बावजूद वे अपने सृजन से बहुत खुश नहीं थे। उन्हें कुछ कमी महसूस हो रही थी। इसके बाद उन्होंने अपने कमंडल से जल निकालकर छिड़का तो सुंदर स्त्री के रूप में एक देवी प्रकट हुईं।

इनके एक हाथ में वीणा और दूसरा हाथ आशीर्वाद देने के मुद्रा में था। वहीं, अन्य दोनों हाथों में पुस्तक और माला थी। मान्यताओं के अनुसार इन सुंदर देवी ने जब वीणा का मधुर नाद किया तो संसार के सभी जीव-जंतुओं को वाणी प्राप्त हुई। 

इससे ब्रह्माजी अति प्रसन्न हुए और उन्होंने सरस्वती को वीणा की देवी के नाम से संबोधित करते हुए वागेश्वरी नाम दिया। हाथों में वीणा होने के कारण उनका एक नाम वीणापाणि भी पड़ा। 

मां सरस्वती को शारदा, शतरूपा, वाणी, वाग्देवी, वागेश्वरी और भारती भी कहा जाता है। वैसे माता सरस्वती के जन्म को लेकर 'सरस्वती पुराण' और 'मत्सय पुराण' में भी अलग-अलग उल्लेख मिलते हैं। 

Web Title: Basant Panchami 2021: Saraswati puja vidhi, shubh muhurat, auspicious time

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