Akshaya Tritiya 2022 Muhurat: अक्षय तृतीया पर इस शुभ मुहूर्त में करें सोने चांदी की खरीदारी, जानें चौघाड़िया मुहूर्त
By रुस्तम राणा | Published: May 2, 2022 03:20 PM2022-05-02T15:20:25+5:302022-05-02T15:20:25+5:30
मान्यता है कि अक्षय तृतीया के दिन सोना-चांदी खरीदने से मां लक्ष्मी की कृपा हमेशा बनी रहती है और जीवन में सुख-सौभाग्य बना रहता है।
Akshaya Tritiya 2022: अक्षय तृतीया का पर्व इस बार 3 मई, मंगलवार को है। इस दिन सोना-चांदी खरीदने के लिए शुभ माना जाता है। मान्यता है कि इस दिन सोना खरीदने से मां लक्ष्मी की कृपा हमेशा बनी रहती है और जीवन में सुख-सौभाग्य बना रहता है। शास्त्रों में इसे अबूझ मुहूर्त के नाम से भी जाना जाता है, इसलिए इस दिन अन्य प्रकार के मांगलिक कार्यों को करने से अक्षय फल की प्राप्ति होती है। इसके अलावा इस दिन दान-पुण्य का भी विशेष महत्व है। आइए जानते हैं अक्षय तृतीया के दिन सोना खरीदने का शुभ मुहूर्त क्या है-
अक्षय तृतीया के दिन शुभ मुहूर्त
तृतीया तिथि प्रारंभ - 3 मई को सुबह 05 बजकर 19 मिनट से
तृतीया तिथि समाप्ति - 4 मई को सुबह 07 बजकर 33 मिनट तक
सोना-चांदी खरीदने का मुहूर्त- सुबह 05 बजकर 39 मिनट से 4 मई सुबह 05 बजकर 38 मिनट तक
अक्षय तृतीया का चौघड़िया मुहूर्त
सुबह के समय शुभ मुहूर्त- 06:21 बजे से 08:16 बजे तक इसके बाद 10:31 बजे से दोपहर 12:51 बजे तक
दोपहर के समय शुभ मुहूर्त- 03:09 बजे से शाम 05:25 बजे तक
शाम के समय शुभ मुहूर्त- 07:45 बजे से रात 10:03 बजे तक
रात के समय शुभ मुहूर्त- रात 1 बजकर 49 मिनट से 4 मई सुबह 5 बजकर 38 मिनट तक
अक्षय तृतीया के दिन क्यों खरीदा जाता है सोना चांदी?
धार्मिक मान्यता के अनुसार, समुद्र मंथन के दौरान जिस अमृत कलश की प्राप्ति हुई थी वह अक्षय तृतीया का ही दिन था। इसी कारण माना जाता है कि आज के दिन अक्षय प्राप्ति के लिए सोने चांदी या फिर अपनी योग्यता के अनुसार कुछ न कुछ जरूर खरीदकर घर लाना चाहिए। इससे घर में सुख-समृद्धि आती है और सदैव मां लक्ष्मी का आशीर्वाद बना रहता है।
अक्षय तृतीया का महत्व
हिंदू धर्म में अक्षय तृतीया को बेहद शुभ तिथि माना गया है। शादी-विवाह, गृह प्रवेश, जनेऊ संस्कार समेत किसी भी नए कार्य को करने के लिए अक्षय तृतीया को अबूझ मुहूर्त माना गया है। यानी कि इस दिन बिना मुहूर्त निकाले भी शुभ काम किए जा सकते हैं। साथ ही इस दिन गंगा स्नान करने से भगवत पूजन से समस्त पाप भी नष्ट हो जाते हैं औक जप-तप, हवन, स्वाध्याय व दान का फल भी अक्षय होता है। रोहिणी नक्षत्र पर इस दिन किए गए दान, जप-तप का फल भी अधिक बढ़ जाता है।