Ahoi Ashtami 2019: अहोई व्रत की पूजा में ध्यान रखें ये 7 बातें, वरना रूठ जाएंगी अहोई माता
By मेघना वर्मा | Published: October 18, 2019 11:13 AM2019-10-18T11:13:12+5:302019-10-18T11:13:12+5:30
संतान की सलामती से जुड़े अहोई अष्टमी के व्रत का बहुत महत्व है। साथ ही इस दिन की पूजा को विशेष पूजा भी कहा जा सकता है।
संतान की लम्बी उम्र के लिए किया जाने वाला व्रत अहोई अष्टमी को बेहद खास बताया जात है। दिन भर निर्जला व्रत रखकर मां अपने बेटे की लम्बी उम्र के लिए और उज्जवल भविष्य के लिए मां अहोई की पूजा करती है। इस बार अहोई अष्टमी का ये व्रत 21 अक्टूबर को पड़ रहा है। जिसकी तैयारी सभी महिलाओं ने अभी से ही शुरू कर दी है।
माना जाता है कि अहोई माता का ये व्रत रखने और उनकी दिल से पूजा करने से अहोई मां उन्हें लम्बी उम्र का आशीर्वाद देते हैं। संतान की सलामती से जुड़े इस व्रत का बहुत महत्व है। साथ ही इस दिन की पूजा को विशेष पूजा भी कहा जा सकता है। इस पूजा में महिलाएं तारों को देखकर व्रत खोलती हैं। साथ ही अपने पुत्रों के लिए यह व्रत करती हैं।
अहोई अष्टमी को कालाष्टमी भी कहते हैं। इस दिन मथुरा के राधा कुंड में लाखों श्रद्धालु स्नान करने के लिए पहुंचते हैं। अहोई अष्टमी का व्रत करवा चौथ के चार दिन बाद और दिवाली से आठ दिन पहले रखा जाता है। वहीं इस दिन की अहोई माता की पूजा करते समय कुछ ध्यान रखने की जरूरत भी होती है। वरना आपका व्रत उल्टा भी पड़ सकता है।
अहोई अष्टमी की पूजा में ध्यान में रखें ये बात
1. अहोई अष्टमी के दिन अहोई माता से पहले गणेश जी की पूजा करना ना भूलें। हिन्दू धर्म में भगवान गणेश को प्रथम पूजनीय बताया गया है।
2. कोशिश करें कि अहोई अष्टमी का व्रत निर्जला रहें। ऐसा करने से संतान को लम्बी आयु का वरदान मिलता है और उसे समृद्धि प्राप्त होती है।
3. अहोई अष्टमी के दिन तारों को अर्घ्य देते हैं। तारों के निकलने के बाद ही अपने उपवास को तोड़े तभी पानी या भोजन ग्रहण करें।
4. अहोई अष्टमी के दिन अपने सास-ससुर के लिए बयाना जरूर निकालें। अगर आपके सास-ससुर ना हों तो अपना बायना किसी पंडित या किसी बुजुर्ग को दें।
5. अहोई अष्टमी के दि व्रत कथा सुनते समय 7 तरह के अनाज अपने हाथ में रखें। पूजा के बाद इस अनाज को किसी गाय को खिला दें।
6. जब अहोई अष्टमी के दिन पूजा करते समय अपने बच्चों को अपने पास बिठाएं और अहोई माता को भोग लगाने के बाद वो प्रसाद अपने बच्चों को जरूर खिलाएं।
7. अहोई अष्टमी के दिन पूजन के बाद किसी ब्राह्मण या गाय को खाना जरूर खिलाएं और उनका आशीर्वाद प्राप्त करें।