Ahoi Ashtami 2019: कब है अहोई अष्टमी, जानें शुभ मुहूर्त, पूजा विधि कथा और महत्व
By मेघना वर्मा | Published: October 10, 2019 03:33 PM2019-10-10T15:33:40+5:302019-10-20T09:02:19+5:30
Ahoi Ashtami 2019: मान्यता है कि अहोई माता का ये व्रत रखने और उनकी दिल से पूजा करने से अहोई मां उन्हें लम्बी उम्र का आशीर्वाद देते हैं। संतान की सलामती से जुड़े इस व्रत का बहुत महत्व है।
कार्तिक का महीना शुरू होते ही त्योहारों का मौसम शुरू हो जाता है। इस महीने में की व्रत और तीज-त्योहार एक साथ पड़ते हैं। इन्ही व्रत में से एक है अहोई अष्टमी। हर कोई जानना चाहता है कि अहोई अष्टमी कब है। बता दें कि इस बार अहोई अष्टमी का व्रत जो 21 अक्टूबर को पड़ने वाला है। संतान की लंबी उम्र के लिए रखे जाने वाले इस व्रत को लेकर काफी मान्यता है
मान्यता है कि अहोई माता का ये व्रत रखने और उनकी दिल से पूजा करने से अहोई मां उन्हें लम्बी उम्र का आशीर्वाद देते हैं। संतान की सलामती से जुड़े इस व्रत का बहुत महत्व है। साथ ही इस दिन की पूजा को विशेष पूजा भी कहा जा सकता है। आइए आपको बताते हैं इस साल अहोई अष्टमी कब पड़ रही है और क्या है इसका शुभ मुहूर्त।
इस साल अहोई अष्टमी का ये त्योहार 21 अक्टूबर को पड़ रहा है। अहोई अष्टमी को कालाष्टमी भी कहते हैं। इस दिन मथुरा के राधा कुंड में लाखों श्रद्धालु स्नान करने के लिए पहुंचते हैं। अहोई अष्टमी का व्रत करवा चौथ के चार दिन बाद
और दिवाली से आठ दिन पहले रखा जाता है।
ये है शुभ पूजा मुहूर्त
पूजा का समय- 21 अक्टूबर 2019 को शाम 05:45 बजे से 07:02 बजे तक
इस साल तारों के दिखने का समय- शाम 06:10 बजे
चंद्रोदय- 21 अक्तूबर 2019 को रात्रि 11:46
अष्टमी तिथि प्रारम्भ- 21 अक्तूबर 2019 को प्रातः 6:44 बजे
अष्टमी तिथि समाप्त- 22 अक्तूबर 2019 को प्रातः 5:25 बजे
ऐसे करें अहोई माता की पूजा
* सुबह के समय जल्दी उठकर सबसे पहले स्नान आदि करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
* अब मंदिर की दीवार पर गेरू और चावल से अहोई माता यानी कि मां पार्वती और स्याहु व उसके सात पुत्रों का चित्र बनाएं। आप चाहें तो बाजार में मिलने वाले पोस्टर का इस्तेमाल भी कर सकती हैं।
* अब एक नए मटके में पानी भरकर रखें, उसपर हल्दी से स्वास्तिक बनाएं, अब मटके के ढक्कन पर सिंघाड़े रखें।
* घर में मौजूद सभी बुजुर्ग महिलाओं को बुलाकर सभी के साथ मिलकर अहोई माता का ध्यान करें और उनकी व्रत कथा पढ़ें। सभी के लिए एक-एक स्वच्छ कपड़ा भी रखें।
* कथा खत्म होने के बाद इस कपड़े को उन महिलाओं को भेंट कर दें।
* रखे हुए मटके का पानी खाली ना करें इस पानी से दीवाली के दिन पूरे घर में पोंछा लगाएं। इससे घर में बरकत आती है।
* रात के समय सितारों को जल से अर्घ्य दें और फिर ही उपवास को तोड़ें।