सुशांत सिंह राजपूत डिप्रेशन में थे, जानें ज्योतिष शास्त्र में छिपे डिप्रेशन के रहस्यों के बारे में
By गुणातीत ओझा | Published: June 15, 2020 01:31 PM2020-06-15T13:31:41+5:302020-06-15T13:36:10+5:30
ज्योतिष शास्त्र में डिप्रेशन के बारे में विस्तार से जानकारियां दी गई हैं। ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक जिन जातकों की राशि में चंद्रमा रूठ जाते हैं उन्हें डिप्रेशन की बीमारी लगने का भय होता है।
Astro Tips To Avoid Depression: फिल्ज जगत के जाने-माने और लाखों दिलों के चहेते अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत अब इस दुनिया में नहीं है। कल रविवार के दिन उन्होंने अपने घर में खुदकुशी कर ली। उनके इस खौफनाक कदम के पीछे 'डिप्रेशन' वजह बताई जा रही है। सुशांत लंबे समय से डिप्रेशन यानि अवसाद से जूझ रहे थे। उनका इलाज भी चल रहा था, लेकिन वे इस बीमारी से उबर नहीं सके और मौत को गले लगा लिया। आपको बता दें कि ज्योतिष शास्त्र में डिप्रेशन के बारे में विस्तार से जानकारियां दी गई हैं। ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक जिन जातकों की राशि में चंद्रमा रूठ जाते हैं उन्हें डिप्रेशन की बीमारी लगने का भय होता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार किसी भी जातक की कुंडली देखकर यह आसानी से जाना जा सकता है कि वह अवसाद या डिप्रेशन का शिकार है या नहीं। कुंडली का पहला घर मस्तिष्क का प्रतिनिधित्व करता है। चंद्रमा को मस्तिष्क और भावनाओं का स्वामी माना जाता है। यदि जातक के जन्मांग चक्र के प्रथम भाव में चंद्रमा नीच का हो या पाप ग्रहों से युक्त हो तो ऐसी स्थिति जीवन में डिप्रेशन का डर सताने लगता है।
क्या होता है डिप्रेशन
जब तनाव व्यक्ति के सिर चढ़ जाता है तो यह डिप्रेशन का रूप ले लेता है। डिप्रेशन में व्यक्ति कोई भी काम ढंग से नहीं कर पाता और नकारात्मक विचारों से घिर जाता है। कई बार डिप्रेशन इस हद तक बढ़ जाता है कि व्यक्ति को काउंसलर की मदद लेनी पड़ती है। ऐसा नहीं करने पर वो आत्महत्या जैसा खौफनाक कदम भी उठा सकता है। रिजल्ट बिगड़ने, नौकरी ना लगने, बीमारी के कारण आत्महत्या करने वाले व्यक्ति हायपर डिप्रेशन के शिकार होते हैं।
इन दशाओं में डिप्रेशन हो जाता है हावी
-यदि चंद्रमा त्रिक भाव में छठवें, आठवें या बारहवें स्थान पर हो।
-यदि चंद्रमा शनि, सूर्य, राहू या मंगल जैसे ग्रहों के साथ बैठा हो।
-यदि चंद्रमा किसी भी घर में अकेला बैठा हो, उसके साथ कोई भी दूसरा ग्रह दिखाई ना दे रहा हो।
-यदि चंद्रमा सूर्य के करीबी भाव में होकर अस्त के समान दिखाई दे।
-यदि चंद्रमा पाप ग्रहों से युक्त हो या पाप ग्रहों के घर में बैठा हो।
-यदि चंद्रमा लग्न या नवमांश में नीच राशि में हो।
ज्योतिष शास्त्र में सुझाए गए हैं ये समाधान
-यदि जातक की कुंडली में चंद्रमा कमजोर है तो उसे मजबूत बनाने के लिए चांदी के गिलास में बार-बार पानी पीना लाभदायक होता है।
-यदि चंद्रमा कमजोर होकर गलत घर में स्थित है तो चांदी में बनी हुई मोती की अंगूठी धारण करना चाहिए।
-डिप्रेशन से परेशान जातकों को सोमवार का व्रत रखने से लाभ होता है।
-चंद्रमा के कमजोर होने की स्थिति में भगवान शिव की पूजा का सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। शिवलिंग पर जल चढ़ाने के भी उत्तम परिणाम सामने आते हैं।
-जातक को अधिक से अधिक चांदी के आभूषण पहनने चाहिए। याद रखें कि इन आभूषणों में कहीं जोड़ ना हो और इन्हें सोमवार के दिन ही धारण करें।
-हिंदू शास्त्रों के अनुसार भगवान शिव चंद्रमा के स्वामी माने जाते हैं। इसलिए डिप्रेशन में भगवान शिव की पूजा का विशेष लाभदायक प्रभाव देखने को मिलता है। ऐसे में जातक को 108 बार ओम नमः शिवाय का जाप करने का निर्देश दिया जाता है। यदि आप ध्यान एकाग्र ना कर पा रहे हों, तो शांत मन से शिव चालीसा भी पढ़ सकते हैं। शिव जी की पूर्ण भक्ति से की गई साधना का प्रभाव सभी नकारात्मक प्रभावों को दूर करता है।