World Cancer Day: कैंसर से जंग जीत चुके हैं ये 5 सितारे, ताहिरा कश्यप ने कहा था- 'मैं उम्मीद करती हूं कि...'
By मेघना वर्मा | Published: February 4, 2020 11:33 AM2020-02-04T11:33:42+5:302020-02-04T11:33:42+5:30
World Cancer Day 2020 Motivational Stories: क्रिकेट के मैदान में छह बॉल पर छह छक्का जड़ने वाले युवराज सिंह ने कैंसर की पिच पर भी अपनी शानदार पारी खेली। साल 2011 में पूर्व क्रिकेटर युवराज सिंह को लंग्स का नॉन मैलिगेंट ट्यूमर हुआ। टेस्ट के बाद पता चला उन्हें कैंसर है।
कैंसर, दुनिया का दूसरी ऐसी बड़ी बिमारी है जिससे लोगों की मौत होती है। हर छठंवी में से एक मौत का कारण कैंसर होता है। भारत में पिछले 26 सालों में कैंसर के केस दोगुने से भी ज्यादा हो गए हैं। जिसमें सबसे ज्यादा ब्रेस्ट कैंसर के केस देखें जाते हैं।
वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन यानी डब्लूएचओ के मुताबिक एक तिहाई कैंसर की शिकायत उन लोगों को होती हैं जिनका बॉडी मास ज्यादा होता है, जो फल और सब्जियां कम खाते हैं, जो फीजिकल एक्टिविटी कम करते हैं, जो तंबाकू का सेवन करते हैं या जो हद से ज्यादा शराब पीते हैं। ये पांच मेजर कारण कैंसर को बुलावा देते हैं।
पिछले कुछ सालों में बॉलीवुड और खेल जगत से जुड़ें सितारों में भी ऐसे कई नाम हैं जिन्हें कैंसर की शिकायत हुई। इसमें युवराज सिंह, ऋषि कपूर और सोनाली ब्रेन्द्रे का नाम शामिल है। इसके अलावा भी कई नाम है जिन्होंने ना सिर्फ कैंसर से जंग लड़ी और जीती बल्कि आज भी कैंसर की जंग को लड़ने के लिए लोगों को मोटिवेट कर रहे हैं।
वर्ल्ड कैंसर डे पर आइए आज हम ऐसे ही सितारों के उन मोटिवेशन भरी लाइनों को आप तक पहुंचाने जा रहे हैं जो एक दमदार कोट है जिसे पढ़कर आपको ना सिर्फ जिंदगी जीने का जज्बा मिलेगा बल्कि कैंसर जैसी बड़ी बिमारियों से लड़ने की क्षमता भी मिलेगी। आप भी पढ़िए किसने कैसे लड़ी कैंसर की जंग।
ताहिरा कश्यप खुराना
बॉलीवुड राइटर और डायरेक्टर ताहिरा कश्यप एक दमदार और सशक्त महिला हैं। जिन्होंने ब्रेस्ट कैंसर की जंग लड़ी और उसमें पास भी हुईं। साल 2018 में ताहिरा ब्रेस्ट कैंसर के जीरो स्टेज पर थीं। बीते साल ताहिरा ने अपने इंस्टाग्राम पर एक फोटो शेयर की थी। जो ना सिर्फ वायरल हुई थी बल्कि लोगों को इंस्पायर कर गई थी।
ताहिरा ने इस फोटो के साथ लिखा था, 'ये मेरा दिन है, आप सभी को हैप्पी वर्ल्ड कैंसर डे, मैं उम्मीद करती हूं कि हम सभी इस दिन को मनाएंगे। इससे जुड़ी सभी टैबूस और गलत सोच को जड़ से बाहर फेंकेंगे। हम इसके प्रति अवेयरनेस फैलाएंगे और खुद से प्यार करेंगे चाहे जो भी हो जाए। मैं वास्तव में अपने सभी दागों को गले लगाता हूं क्योंकि वे मेरे सम्मान हैं। कुछ भी परफेक्ट नहीं है। जब आप खुद को वैसे ही एक्सेप्ट करते हो तो वो सबसे बड़ी खुशी होती है। ये मेरे लिए मुश्किल था।'
युवराज सिंह
क्रिकेट के मैदान में छह बॉल पर छह छक्का जड़ने वाले युवराज सिंह ने कैंसर की पिच पर भी अपनी शानदार पारी खेली। साल 2011 में पूर्व क्रिकेटर युवराज सिंह को लंग्स का नॉन मैलिगेंट ट्यूमर हुआ। टेस्ट के बाद पता चला उन्हें कैंसर है। उन्होंने अपने कैंसर के ट्रीटमेंट को बहुत पॉजिटिव तरीके से लिया और इसकी जंग जीतकर 20-20 मैचों में वापसी की।
कैंसर को लेकर युवराज सिंह ने कहा- 'कैंसर ने मेरे लिए बहुत सी चीजें मुश्किल बना दी थीं। शायद ये एक अच्छी चीज थी जो मेरे साथ हुई। ये मैं अभी नहीं कह सकता लेकिन हो सकता आने वाले सालों में मैं यही कहूं। जब मैं इसका इलाज करवा रहा था तो मेरे साथ कई बुजुर्ग भी अपना इलाज करवा रहे थे जिसे देखकर मैंने बहुत इंसपीरेशन मिली। मुझे लगा जब वो सही हो सकते हैं तो मैं क्यों नहीं।'
मनीषा कोएराला
दिल से फिल्म में अपनी अदायगी का जादू बिखेरने वाली मनीषा कोएराला साल 2012 में कैंसर की शिकार हुईं। एक्ट्रेस ने न्यूयॉर्क में अपना ट्रीटमेंट ले रही थीं जहां से उन्होंने अपनी बोल्ड तस्वीरें शेयर की। उनकी तस्वीरें देखकर इस बात का अंदाजा लगाया जा सकता था कि वो बहुत टफ टाइम से गुजर रही थीं मगर उनकी फोटोज और उनके विचार सभी के लिए इंस्पिरेशन थीं।
मनीषा ने कैंसर को लेकर कहा था,'कैंसर मेरा शिक्षक बन गया। इसने मुझे अपने स्वास्थ्य को प्रभावित करने वाले विभिन्न पहलुओं में मदद लेना सिखाया। इसने मुझे योगा और प्राणायाम सिखाने की ओर अग्रसर किया। सिर्फ यही नहीं मैं आध्यात्मिक रूप से भी आगे बढ़ी।'
लीजा रे
इस खुबसूरत एक्ट्रेस को कैंसर की जंग लड़ते देखकर ना जाने कितनों को इंस्पीरेशन मिली। साल 2009 में लीजा रे कैंसर से पीड़ित हुईं। जब वो इसकी जंग जीतकर वापिस आईं तो उन्होंने एक किताब लिखी। जिसका नाम था Close To The Bone। इसी किताब ने लीजा रे ने कैंसर से अपनी जंग के बारे में बातें लिखीं।
लीजा ने लिखा, 'हमारे प्रोफेशन में जब तक आप बिमार ना हों आप घर नहीं जा सकते। आप अपने साथ मेडिसन भी रखते हो जब आप काम पर निकलते हो। जब हमें किसी चीज को फेस नहीं करना होता हम क्या करते हैं? हम खुद को बिजी रखते हैं। मैंने भी वही किया। मगर उसके बाद मुझे रूकना पड़ा, मेरी बॉडी की सुननी पड़ी, खुद में बदलाव महसूस किया। उस स्टेज पर मैंने महसूस किया ये फिर से उठने का समय है। मुझे पता था ये मेरे लिए अंतिम नहीं है मुझे पता था मैं मरने वाली नहीं हूं, मगर मुझे ये भी पता था ये मेरे लिए आसान नहीं है।'
अनुराग बासू
फिल्म बर्फी से सभी का दिल जीतने वाले अनुराग बासू को साल 2004 में कैंसर हुआ था। उनके बचने के सिर्फ 50 प्रतिशत चांस ही थे। मगर उन्होंने फिर भी कैंसर की जंग लड़ी और जीती।
अनुराग ने अपने एक इंटरव्यू में कहा था, 'कैंसर से लड़ने के लिए आपका सबसे पहला रास्ता है कि आप खुश रहिए। मैंने ये महसूस किया है कि कैंसर की जंग में 50 प्रतिशत मेडिसिन और 50 प्रतिशत आपके अंदर की खुशी और आपके अंदर की क्षमता आपको जिंदा रखती है। जब मैं टाटा मेमोरिएय हॉस्पिटल में एडमिट था तो शुरुआती दिनों में मैं ठीक से चल भी नहीं पाता था। उस समय मैंने खुद के लिए स्मॉल गोल्स सेट किए। जैसे अपने कमरे में कुर्सी पर बैठे ही टहलना या कमरे में ही टहलना। ये छोटे गोल्स ही मेरे अंदर के आत्मविश्वास को बढ़ाते गए।'
कैंसर की जंग जीतकर आज भ ये सितारें लोगों को कैंसर जैसी बिमारी से लड़ने की प्रेरणा दे रहे हैं। ना सिर्फ ऑनलाइन बल्कि लोगों से मिलकर उनसे बात-चीत करके भी वो कैंसर की जंग से लड़ने और जीतने का हौसला देते हैं।