सरोज खान की बेटी सुकैना ने किया मां को याद, सिंगल मदर्स को सरोज खान से सीखनी चाहिए ये बात

By मेघना वर्मा | Published: July 4, 2020 09:20 AM2020-07-04T09:20:48+5:302020-07-04T09:20:48+5:30

बॉलीवुड की जानी-मानी कोरियोग्राफर सरोज खान का 3 जुलाई को दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। श्रीदेवी से लेकर माधुर दीक्षित तक और प्रियंका चोपड़ा की वो डांस गुरू रह चुकी हैं।

saroj khans youngest daughter sukaina remembers her mother, single mothers must learn these things from choreographer | सरोज खान की बेटी सुकैना ने किया मां को याद, सिंगल मदर्स को सरोज खान से सीखनी चाहिए ये बात

सरोज खान को बॉलीवुड में 'मदर ऑफ डांस' कहा जाता था।

Highlightsसरोज खान के दुनिया से चले जाने के बाद पूरी बॉलीवुड इंडस्ट्री में शोक की लहर है।सरोज खान की छोटी बेटी सुकैना ने मां को याद करते हुए उनकी बहुत सी बातें साझा की हैं।

जानी-मानी कोरियोग्राफर सरोज खान का 3 जुलाई को निधन हो गया। दिल का दौरा पड़ने की वजह से 71 साल की उम्र में वो दुनिया को अलविदा कह गईं। पूरी इंडस्ट्री में शोक की लहर है। अपने डांसिंग मूव पर बड़े-बड़े कलाकारों को नचाने वाली सरोज खान बेहद साफ मिजाज की थीं। जो उनके दिल में होता था वही जुबान पर। 41 साल फिल्म इंडस्ट्री में काम करने के दौरान उन्होंने कई उतार-चढ़ाव देखे। उनके गुजर जाने के बाद उनकी छोटी बेटी सुकैना ने एक इंटरव्यू में कई सारी बातें कही हैं। 

पिंकविला से बातचीत में सुकैना ने बताया कि उनकी मां उनकी हीरो थीं। उनकी जिंदगी पर उनकी मां का प्रभाव सबसे ज्यादा था। सरोज खान ने मां और पिता दोनों का रोल निभाया था। सुकैना ने बताया, 'वो मुझ पर सख्त तो नहीं थीं मगर मुझसे पूरे परफेक्शन की उम्मीद करती थीं।'

सुकैना आगे बोलीं, 'मैं सबसे छोटी थी इसलिए उनका प्यार सबसे ज्यादा मिला। मेरी मां फाइटर थीं। 13 साल की उम्र से लेकर 71 साल तक उन्होंने हमें बेहतरीन जिंदगी देने के लिए सब कुछ किया। उन्होंने कभी कोई शिकायत नहीं की और घर के मर्द की तरह हर जिम्मेदारी उठाई।'

बता दें सरोज खान ने 13 साल की उम्र में शादी की थी और 14 साल की उम्र मे वह मां बन गई थीं। उनकी शादी ज्यादा दिन नहीं चली और फिर उन्होंने सिंगल मदर की पूरी जिम्मेदारी उठाते हुए बच्चों की परवरिश की। सरोज खान की तरह हर सिंगल मदर को बच्चे की परवरिश के लिए उनसे सीख लेनी चाहिए। 

1. रहें हमेशा पॉजिटिव

एक सिंगल मदर को सारी जिम्मेदारियां निभानी होती है। इसलिए हमेशा पॉजिटिव रहना सीखें। परिस्थिति चाहे जैसी भी हो खुद के अंदर कभी गलत भावना या नेगेटिविटी ना लाएं। इससे आपके बच्चे पर काफी सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।

2. सीखें टाइम मैनेजमेंट

आपको अपने प्रोफेशन पर भी ध्यान देना है और अपने बच्चों पर भी। इसलिए आपको टाइम मैनेजमेंट आना जरूरी है। ऐसा ना हो कि आप सिर्फ अपने काम पर ही ध्यान दें। अपने बच्चों के साथ वक्त गुजारना बहुत जरूरी है।

3. बच्चों को सिखाएं काम में हाथ बटांना

आप अकेले पूरा घर संभाल रही हैं। बाहर का काम तो हैंडिल हो जाता है मगर घर के काम में आप अपने बच्चों की थोड़ी-थोड़ी मदद ले सकती हैं। इससे आप उनके करीब भी रहेंगी और आप दोनों को एक साथ समय बिताने का मौका मिलेगा।

4. माता-पिता दोनों बनें

अगर आप अपने बच्चे को मां की तरह प्यार कर रही हैं तो उन्हें उनकी गलती पर पिता की तरह डांटना भी आपको आना चाहिए। आप ही को उनका मां-बाप दोनों बनना है इसलिए प्यार के साथ कभी-कभी डांट भी जरूरी है।

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