हो गई डील... बहन प्रियंका की शादी में 'जीजा' निक के जूते चुराएंगी परिणीति चोपड़ा, नेक में साली को मिलेगी बड़ी चीज?
By गुलनीत कौर | Published: August 21, 2018 03:34 PM2018-08-21T15:34:33+5:302018-08-21T15:34:33+5:30
Priyanka Chopra and Nick Jonas Wedding: पंजाबी वेडिंग में 'जूता छिपाई' के अलावा भी 20 ऐसी रस्में होती हैं जिनके साथ सभी की भावनाएं जुड़ी होती हैं और इन रस्मों को करने में मजा भी आता है।
बॉलीवुड की देसी गर्ल प्रियंका चोपड़ा की बॉयफ्रेंड निक जोनस के साथ सगाई होने के बाद दोनों के फैंस के बीच उनकी शादी को लेकर उत्सुकता बढ़ गई है। ट्विटर पर लोगों के सवालों की बाढ़ आ गई है और इन्ही सवालों में से कुछ सवाल प्रियंका की बहन और निक की 'साली साहिबा' परिणीति चोपड़ा के लिए भी आए हैं। ट्विटर पर लोग परिणीति से यह सवाल कर रहे हैं कि क्या वो पंजाबी रीति-रिवाजों के अनुसार शादी में दूल्हे यानी निक के जूते छिपाएंगी?
दरअसल पंजाबी वेडिंग में कई सारे छोटे-छोटे रीति-रिवाज होते हैं जिनके साथ दूल्हा-दुल्हन और करीबी रिश्तेदारों की भावनाएं जुड़ी ही होती हैं। लेकिन कुछ रिवाज मौज-मस्ती के लिए भी बनाए गए हैं। इन्हीं में से एक है दूल्हे के जूते छिपाने का रिवाज जिसके मुताबिक दुल्हन की बहनें अपने होने वाले 'जीजा जी' के जूते छिपाती हैं और शादी खत्म होने पर जुटने लौटाने के बदले 'नेक' (पैसे या तोहफे) मांगती हैं।
इसी पर लोगों ने जब सवाल किया तो जवाब में परिणीति ने कहा, 'हां! क्यूं नहीं, मैंने तो अभी से उनके साथ (निक) मोलभाव करना शुरू कर दिया है।' परिणीति के ट्वीट के अनुसार उन्होंने प्रियंका के सामने ही यह बातचीत की है और उन्हें अपना गवाह ठहराया है।
OF COURSEE!!! Already started negotiating my deal with him. And she’s my witness @priyankachoprahttps://t.co/N4UoKlMV60
— Parineeti Chopra (@ParineetiChopra) August 20, 2018
बहरहाल प्रियंका और निक की शादी में किस तरह के रीति-रिवाज होंगे, शादी पंजाबी संस्कृति के हिसाब से होगी या वेस्टर्न कल्चर शामिल होगा, यह अभी तक मालूम नहीं पड़ा है। लेकिन अगर प्रियंका-निक की शादी पंजाबी तरीके से हुई तो शादी में आगे बताए जा रहे रीति-रिवाज जरूर शामिल होंगे और उम्मीद है कि फैंस को उसी के हिसाब से शादी के फंक्शन की तस्वीरें भी देखने को मिलेंगी।
पंजाबी वेडिंग के रीति-रिवाज:
1. रोका या ठाका: यह पंजाबी वेडिंग की सबसे पहली रस्म होती है जिसमें दोनों परिवार मिलते हैं, दूल्हा-दुल्हन को शगुन देते हैं और रिश्ता पक्का करते हैं।
2. चुन्नी सेरेमनी: यह एक ऐसी रस्म है जिसे पुराने जमाने में महत्वपूर्ण माना जाता था। उस जमाने में लड़के वाले जब पहली बार लड़की के घर जाते थे तो उसे पसंद करने के बाद लड़की की झोली में नारियल, शगुन का एक सिक्का और सिर पर चुनरी देते थे। आजकल यह रस्म कम ही देखने को मिलती है।
3. सगाई: अंगूठी बदलना पश्चिम रिवाज है, लेकिन आजकल की पंजाबी वेडिंग में इसे जरूर शामिल किया जाता है। इस रस्म में लड़का और लड़की एक-दूसरे को अंगूठी पहनाते हैं।
4. मेहंदी: मेहंदी के बिना तो पंजाबी वेडिंग अधूरी ही होती है। मूलतः मेहंदी लड़की को ही लगाई जाती है लेकिन कुछ पंजाबी परिवारों में लड़के को भी मेहंदी लगाने की प्रथा होती है।
5. संगीत: ढोलक और पारंपरिक गीतों के संगम की इस रस्म को लड़का और लड़की, दोनों तरफ अदा किया जाता है। आजकल मॉडर्न पंजाबी शादियों में संगीत को ग्रैंड तरीके से सेलिब्रेट किया जाता है जिसमें बाहर से परफार्मर बुलाये जाते हैं और डीजे भी प्ले किया जाता है।
6. कंगना बांधना: शादी की सुबह लड़का और लड़की दोनों के दाहिने हाथ पर लाल रंग का धागा जिसे हम आम भाषा में मौली भी कहते हैं, उसे बांधा जाता है। यह दूल्हा-दुल्हन को बुरी नजर से बचाने और उन्हें जीवन में शुभ रंगों के साथ आगे बढ़ने के लिए बांधा जाता है।
7. चूड़ा चढ़ाना: शादी से कुछ घंटे पहले लड़की को लाल रंग की चूड़ियां चढ़ाई जाती हैं जिसे पंजाबी में 'चूड़ा' कहा जाता है। यह चूड़ा लड़की के मामा लाते हैं और मामा-मामी मिलकर ही इसे उसके हाथों में पहनाते हैं। चूड़े के एक-एक कंगन को पहले गुलाब की पंखुड़ियां मिले कच्चे दूध में डुबोया जाता है और फिर पहनाया जाता है।
8. कलीरे: चूड़ा के ठीक बाद पहनाये जाते हैं कलीरे। पारम्परिक तौर पर कलीरे नारियल और मखानों के इस्तेमाल से बने होते हैं लेकिन आजकल फैशन के बढ़ते दौर में इस तरह के कलीरे गायब हो गए हैं। आजकल लड़कियां छोटे-छोटे गोल्डन कलीरे पहनती हैं जो उनकी ड्रेस के साथ मैच भी करते हैं। रस्म के अनुसार कलीरे बहनें और सहेलियां लड़की को बांधती हैं।
9. हल्दी: हल्दी पहले लड़के को लगती है और फिर उसी हल्दी को लड़की के यहां भेजा जाता है। ससुराल से आई इस हल्दी को घर की सुहागिन स्त्रियां दुल्हन को लगाती हैं। हल्दी के अलावा दही, सरसों का तेल आदि लगाने की भी रस्म होती है। इसे 'बातणा' रस्म कहा जाता है। यह दूल्हा-दुल्हन दोनों को करनी होती है।
10. घड़ोली: हल्दी के ठीक बाद किसी पवित्र जल या पुराने कुएं से पानी भरकर लाया जाता है। इस रस्म में घर की सभी महिलाएं होती हैं। जोर-शोर से घड़ा भरकर पानी लाते हैं और इस पानी से ही दूल्हा-दुल्हन की हल्दी निकाली जाती है।
11. सेहराबंदी: कुछ पंजाबी वेडिंग में लड़के के मामा सेहरा बांधते हैं और कहीं-कहीं पर इस रस्म को बहनों द्वारा निभाया जाता है। सेहरा लगने के बाद ही दूल्हे को शादी के लिए पूरी तरह से तैयार माना जाता है।
12. घोड़ी चढ़ना: सेहराबंदी के बाद दूल्हे को घोड़ी पर चढ़ाया जाता है। परिवार वाले उसकी नजर उतारते हैं और भाभियों द्वारा उसकी आंखों में 'काला सुरमा' यानी काजल लगाया जाता है ताकि उसे हर बुरी नजर से बचाया जा सके।
13. मिलनी: बारात के पहुंचने के बाद दोनों परिवारों के बीच मिलनी की जाती है। यह लड़की वालों की ओर से भव्य स्वागत की तरह होता है। लड़की के पिता लड़के के पिता को हार पहनाते हैं, तोहफा देते हैं और शगुन भी दिया जाता है। इसी तरह से लड़के के चाचा की लकड़ी के चाचा के साथ, मामा की मामा से, भाई की भाई से, आदि मिलनियां होती हैं। कुछ पंजाबी परिवारों में महिलाओं के बीच भी ऐसी मिलनी होती है।
14. वरमाला: वरमाला पारम्परिक ना होकर एक ऐसी रस्म है जिसे हिंदी सिनेमा ने काफी फेमस किया। मॉडर्न पंजाबी वेडिंग में आजकल घूमते हुए प्लेटफार्म पर, हवा में, ऊंचे स्टेज पर, आदि स्टाइल में वर-वधु एक दूसरे को फूलों की माला पहनाते हैं।
15. कन्यादान: यह एक इमोशनल रस्म होती है जिसमें दुल्हन के पिता अपनी बेटी की चुनरी का पल्लू या फिर उसका हाथ लड़के के हाथ में पकड़ाते हैं और कहते हैं कि 'आज से मैनें अपनी बेटी इन्हें दान में दी'।
16. मंगल फेरे: सात फेरे और उनके सात वचन, यह सबसे महत्वपूर्ण होते हैं। हर एक फेरे के साथ वर-वधु एक दूसरे का जिंदगी भर साथ निभाने का वचन लेते हैं। ये सात फेरे सभी देवताओं को साक्षी मानते हुए अग्नि देव के सामने लिए जाते हैं।
17. सिन्दूर दान: सात फेरों के बाद एक रुपये के सिक्के या अंगूठी के इस्तेमाल से वर सिन्दूर से वधु की मांग भरता है। इस रस्म को सिन्दूर दान कहते हैं। इसके बाद मंगलसूत्र भी पहनाया जाता है। इसके साथ ही दोनों पति-पत्नी कहलाते हैं।
18. जूता छुपायी: दुल्हन की बहनें यानी दूल्हे की 'सालियां' दूल्हे के जूते को छुपाती हैं। शादी के अंत में इन जूतों को वापिस लौटाने पर उन्हें 'नेक' के रूप में पैसे दिए जाते हैं।
19. विदाई: विदाई के समय दुल्हन की बहन उसके पास एक प्लेट में चावल लेकर जाती है और उन चावलों को लड़की आगे चलते हुए पीछे की ओर अपने हाथों से उछालती है। यह उसके अपने घर में आखिरी रस्म होती है।
20. पानी भरना: शादी के बाद और लड़के के घर पहुंचने पर गृहप्रवेश से पहले यह रस्म लड़के की मां निभाती है। पानी से भरे कलश से वर-वधु की नजर उतारी जाती है और इस पानी को लड़के की मां अंत में पीकर रस्म पूरी करती है।
21. मुंह दिखाई: इस रस्म में घर की नई बहु को रिश्तेदार और आसपास की औरतें देखने आती हैं। लड़की का चेहरा घूंघट से ढका जाता है। एक-एक करके महिलाएं घूंघट उठाकर नई बहू का चेहरा देखती हैं और उसे शगुन के रूप में पैसे या तोहफा देती हैं।