क्या आपके बच्चे की भी स्कूल से आती हैं ढेर सारी शिकायतें, तो बच्चे में नहीं, खुद में लाएं ये 5 बदलाव

By गुलनीत कौर | Published: December 14, 2018 02:48 PM2018-12-14T14:48:35+5:302018-12-14T14:48:35+5:30

कई बार बच्चे जब गलत काम करते हैं तो अपने पैरेंट्स से इसे छिपाते हैं। उन्हें डर होता है कि अगर पैरेंट्स को पता चल गया तो डांट पड़ेगी। लेकिन आप अपने बच्चे के अन्दर इतना भरोसा पैदा कर दें कि वो अपनी हर बात आपको आकर बताए।

Parenting Tips: If you are receiving so many complaints about your kid in school, then follow these things | क्या आपके बच्चे की भी स्कूल से आती हैं ढेर सारी शिकायतें, तो बच्चे में नहीं, खुद में लाएं ये 5 बदलाव

क्या आपके बच्चे की भी स्कूल से आती हैं ढेर सारी शिकायतें, तो बच्चे में नहीं, खुद में लाएं ये 5 बदलाव

बच्चों का जिद्दीपन एक ऐसी समस्या है जिसे आज हर दूसरा पैरेंट झेल रहा है। उम्र के साथ उनके बिहेवियर में बदलाव आना सामान्य बात है। लेकिन इस बदलाव के साथ जिद्देपन और चिड़चिड़ापैन भी आने लगता है। यह उनके व्यवहार का हिस्सा बना जाता है। घर में तो पैरेंट्स इस बिहेवियर को किसी तरह से झेल लेते हैं लेकिन घर से बाहर जब बच्चे ऐसा व्यवहार करते हैं तो उनकी परेशानी कई गुना बढ़ जाती है।

बच्चों के जिद्दी और नासमझ बिहेवियर के चलते जब स्कूल से उनकी शिकायत आती है तो पैरेंट्स बेइज्जत महसूस करते हैं। ऐसे में कुछ पेरेंट्स गुस्से में आकर बच्चे को फटकार लगाते हैं। लेकिन इस डांट का असर उलटा ही होता है। जब यह बढ़ जाए तो बच्चे डांट को भी रूटीन समझकर हलके में लेने लगते हैं। इसलिए पैरेंट्स को बच्चों को डांटने की बजाय घर में कुछ खास बदलाव लाने चाहिए। इन्हीं बदलाव से बच्चे के बिहेवियर में परिवर्तन आएगा। आइए जानते हैं आपको क्या करना होगा:

1. घर का माहौल बदलें

अपने बच्चे को डांटकर बदलने की बजाय अपने घर के माहौल को बदलें। घर में अगर माता-पिता या बड़े हर समय लड़ते-झगड़ते रहते हों तो इसका बुरा असर बच्चे पर भी होता है। उसे लगता है कि किसी से बहस करना सामान्य बात है। अगर आप अपने झगड़े कम करेंगे, तो वह भी अपने अन्दर सहनशक्ति उत्पन्न करना सीखेगा। 

2. बच्चे में आत्मविश्वास जगाएं

आत्मविश्वास की कमी के कारण अक्सर बच्चे अजीब बर्ताव करते हैं। दूसरे बच्चों से खुलकर बात नहीं करते। आत्मविश्वास की कमी के कारण उनकी बातें आक्रामक होने लगती हैं। घर में ही बच्चे का आत्मविश्वास बाधाएं। उसे अच्छी बातें सिखाएं।

3. उसके साथ बैठें

हम मानते हैं कि आजकल माता-पिता दोनों के ही कामकाजी होने के कारण बच्चे के लिए समय निकालना मुश्किल होता है। लेकिन 24 घंटे में से कम से कम एक घंटा अपने बच्चे के नाम करें। अपनी खुद की एक इच्छा को मारकर उसके भविष्य पर ध्यान दें। उससे बात करें। उसकी परेशानी सुनें और हल निकालें। 

4. उसे भरोसा दिलाएं

कई बार बच्चे जब गलत काम करते हैं तो अपने पैरेंट्स से इसे छिपाते हैं। उन्हें डर होता है कि अगर पैरेंट्स को पता चल गया तो डांट पड़ेगी। लेकिन आप अपने बच्चे के अन्दर इतना भरोसा पैदा कर दें कि वो अपनी हर बात आपको आकर बताए।

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5. उसे प्रोत्साहित करें

कई बार बच्चों को जब यह एहसास होता है कि उनकी किसी भी हरकत या सफलता का किसी को भी फर्क नहीं पड़ता है, तो वे व्यवहार से जिद्दी बन जाते हैं। ऐसे में पैरेंट्स की जिम्मेदारी बनती है कि वे समय समय पर बच्चों को प्रोत्साहित करें। उनकी छोटी कोशिशों पर भी वाह-वाही दें। इससे उन्हें स्कूल में अच्छा परफॉर्म करने और हर क्षेत्र में अच्छा बनने का कांफिडेंस मिलेगा।

Web Title: Parenting Tips: If you are receiving so many complaints about your kid in school, then follow these things

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