महाशिवरात्रि 2020: हर शादीशुदा व्यक्ति को अपनाने चाहिए भगवान शिव के ये 5 गुण
By मेघना वर्मा | Published: February 21, 2020 12:57 PM2020-02-21T12:57:20+5:302020-02-21T12:57:20+5:30
शिव का पार्वती की ओर प्रेम भी लोगों को बहुत कुछ सिखाता है। गृहस्थ जीवन में खुशहाली चाहिए हो या मनचाहा वर। लोग भगवान भोले की शरण में ही आते हैं।
पूरा देश आज महाशिवरात्रि का पर्व मना रहा है। सभी अपने प्रिय भगवान भोले को मनाने में लगा है। हर कोई वैरागी शिव की कृपा पाना चाहते हैं। हाथों में त्रिशूल, सिर पर चांद, गले में सर्प और डमरू लिए जब शिव अपना तांडव करते हैं तो पूरी दुनिया शिव के इस रूप से अचम्भित हो उठती है। उनकी जटा और सिर पर चांद उनकी शोभा को और सु-शोभित करता है।
शिव का पार्वती की ओर प्रेम भी लोगों को बहुत कुछ सिखाता है। गृहस्थ जीवन में खुशहाली चाहिए हो या मनचाहा वर। लोग भगवान भोले की शरण में ही आते हैं। महाशिवरात्रि के दिन भी भगवान शिव और माता पार्वती की शादी हुई थी। बताया जाता है कि इस दिन उपवास करने से सारी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं। शिव के जीवन से इंसान को बहुत सी चीजों की प्रेरणा लेनी चाहिए। खासकर गृहस्थ जीवन में उनसे हर कुछ सीखना चाहिए।
अटूट है प्यार
भगवान शिव और माता पार्वती का प्यार कौन नहीं जानता। जिस तरह माता पार्वती ने शिव के लिए तप किया था उसी तरह पूरे साफ मन से शिव उनसे प्यार करते हैं। एक अच्छे गृहस्थ जीवन के लिए दोनों में प्यार और समर्पण जरूरी है।
समानता जरूरी
भोलेनात्र को अर्धनारीश्वर कहा जाता है। जिसका मतलब है उनका आधा शरीर पुरुष का है और आधा स्त्री का। पति-पत्नी भले ही शरीर से अलग हों मगर उनके मन हमेशा एक होते हैं। भगवान शंकर यही सिखाते हैं कि स्त्री-पुरुष दोनों बराबर हैं।
बेहतरीन मुखिया
शिव, पूरे परिवार को साथ लेकर चलते हैं। एक इंसान को इस बात को समझना चाहिए कि उसे घर का मुखिया और एक बेहतर मुखिया बनना चाहिए। पूरे परिवार को साथ रखकर चलना चाहिए। वहीं एक अच्छा मुखिया कहलाता है।
दिल के साफ, ईमानदार
हर लड़की अपने साथी में इस गुण को चाहती है। उनका साथी उनसे ईमानदार रहे और उनसे खूब प्यार करे। भगवान शिव ना सिर्फ ईमानदार हैं बल्कि माता पार्वती से बहुत प्यार करते हैं।
करते हैं सबका भला
भगवान शिव अपनी शरण में आने वाले हर इंसान का भला करते हैं। किसी को कभी कोई तकलीफ नहीं पहुंचाते। ऐसे ही किसी इंसान को किसी दूसरे इंसान या जानवर को किसी भी तरह की तकलीफ नहीं पहुंचानी चाहिए।