12 दिसंबर को ईशा अंबानी-आनंद पीरामल की शादी, धमाकेदार गुजराती वेडिंग में शामिल होंगी ये 10 रस्में
By गुलनीत कौर | Published: December 10, 2018 01:28 PM2018-12-10T13:28:02+5:302018-12-10T13:28:02+5:30
गुजराती शादी में शादी से पहले के फंक्शन की बात करें तो भगवान कृष्ण की आरती सबसे महत्वपूर्ण होती है। इसके बाद गरबा नाईट का आयोजन किया जाता है जिसमें फंक्शन में मौजूद सभी को गरबा करना होता है।
दीपिका-रणवीर और प्रियंका-निक के बाद अब बॉलीवुड के गलियारों ईशा अंबानी की शादी की धूम मची हुई है। भारत के सबसे रईस व्यक्ति मुकेश अंबानी और उनकी पत्नी नीता अंबानी की बेटी ईशा की शादी 12 दिसंबर को आनंद पीरामल से होने जा रही है। यह शादी राजस्थान के उदयपुर में होगी। 8 दिसंबर को भगवान श्रीनाथ की महाआरती के बाद शादी के फंक्शन शुरू हुए।
शादी में देश विदेश से करीब 1800 लोग शामिल होंगे। बॉलीवुड की सभी बड़ी हस्तियाँ इस ग्रैंड वेडिंग का हिस्सा होंगी। ईशा अंबानी के संगीत के फंक्शन में शाहरुख और सलमान खुद स्टेज पर नाचते हुए दिखाई दिए। शाहरुख ने जहां पत्नी गौरी खान संग ठुमके लगाए, वहीं सलमान ने ईशा के भाई संग मिलकर स्टेज पर परफॉर्म किया।
मगर इनके अलावा भी शादी से पहले और बाद में कई छोटे बड़े फंक्शन होंगे, जो कि एक गुजराती शादी का हिस्सा होते हैं। आइए आपको बताते हिं गुजराती शादी से जुड़ी 10 ऐसी खास बातें जिन्हें जानने भर से ही आपका मन भी गुजराती वेडिंग को अटेंड करने का हो जाएगा।
1. गुजराती शादी में सगाई की रस्म को 'गोल धाना' कहा जाता है। यह रस्म शादी से कुछ महीनों पहले या फिर कुछ दिन पहले भी की जा सकती है। इसमें दूल्हा और दुल्हन के परिवार वालों की ओर से एक दूसरे को मिठाई देकर मुंह मीठा कराया जाता है।
2. गुजराती शादी में शादी से पहले के फंक्शन की बात करें तो भगवान कृष्ण की आरती सबसे महत्वपूर्ण होती है। इसके बाद गरबा नाईट का आयोजन किया जाता है जिसमें फंक्शन में मौजूद सभी को गरबा करना होता है।
3. शादी से कुछ दिन पहले घर की औरतें मिलकर पूरी रात वर और वधु के सुखी भविष्य के लिए छोटी छोटी रस्में अदा करती हैं और कामना करती हैं कि दोनों का वैवाहिक जीवन खुशियों भरा हो।
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4. शादी से दो दिन पहले मेहंदी की रस्म अदा की जाती है। गुजराती पारमपरिक गीतों को गाती हुई महिलाएं दुल्हन के हाथ और पांव में मेहंदी लगाती हैं।
5. इसके बाद मंडप पूजा की जाती है। यह पूजा दूल्हा और दुल्हन के माता-पिता द्वारा की जाती है। इसमें भूमि देवी का आशीर्वाद लेते हुए उनसे जमीन खोदकर मंडप लगाने का आज्ञा प्राप्त ली जाती है।
6. मंडप मुहूर्त के बाद ग्रह शांति पूजा भी की जाती है। यह पूजा दूल्हा और दुल्हन, दोनों के घर में अलग अलग की जाती है। गुजराती शादी में यह बेहद महत्वपूर्ण और नजरअंदाज ना करें वाली रस्म मानी जाती है।
7. पिठी - हल्दी की रस्म की तरह ही गुजरातियों द्वारा पिठी की रस्म की जाती है। इसमें हल्दी, चन्दन, गुलाब जल, खुशबूदार इत्र का इस्तेमाल किया जाता है। यह दूल्हा और दुल्हन को लगाया जाता है ताकि शादी वाले दिन उनका रूप निखरकर सामने आए।
8. ममेरू - गुजराती शादी में एक दिन पहले लड़की के मामा का परिवार जब शगुन लेकर घर आता है तो इसे ममेरू की रस्म कहा जाता है। इसमें दोनों परिवार एकत्रित होते हैं, नाचते गाते हैं और सभी का मुंह मीठा कराते हैं।
9. गुजरती शादी में शादी के दिन दूल्हे का खास तरीके से स्वागत किया जाता है। दरवाजे पर आई बारात का पहले स्वागत किया जाता है, फिर वधु की मां दूल्हे की आरती उतारती हैं और इसके बाद बड़े नटखट अंदाज से दूल्हे को नाक से पकड़ते हुए शादी के वेन्यू के अन्दर ले जाया जाता है। इस रस्म को 'पोंखाना' कहते हैं।
10. वरमाला के बाद फेरों की रस्म की जाती है। गुजराती शादी में किसी भी हिन्दू शादी की तरह 7 फेरे लिए जाते हैं और इसके बाद बड़े-बुजुर्गों का आशीर्वाद प्राप्त किया जाता है। इसके बाद लड़की की विदाई के साथ शादी पूरी हो जाती है।