कुछ नियम मैरिज मैनेजमेंट के, जानेंगे तो कभी नहीं टूटेगा आपका रिश्ता

By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Published: October 9, 2018 08:05 AM2018-10-09T08:05:56+5:302018-10-09T08:05:56+5:30

जिस तरह आप चाहती हैं कि आप का बिजनैस ग्रो करे, वैसे ही आप अपने रिश्ते को भी पॉजिटिव नोट के साथ ग्रो करते देखना चाहती हैं, तो फिर बिजनैस की तरह ही अपनी स्ट्रैटजी प्लान करने में हिचक कैसी?

How to manage your married life in simple ways | कुछ नियम मैरिज मैनेजमेंट के, जानेंगे तो कभी नहीं टूटेगा आपका रिश्ता

कुछ नियम मैरिज मैनेजमेंट के, जानेंगे तो कभी नहीं टूटेगा आपका रिश्ता

किसी कंपनी को चलाना किसी मैरिज को मैनेज करने जैसा ही हो सकता है। सुनने में यह अजीब बात लग सकती है। पर गौर करें तो दोनों में ही कहीं एक समानता नजर आएगी। तो फिर वैवाहिक जिंदगी को अपने बिजनेस या प्रोफेशनल लाइफ की तरह मैनेज करने में बुराई ही क्या है?

जैसे आप किसी बिजनेस को चलाने के लिए बजट बनाते हैं, लोगों को काम सौंपते हैं, उन्हें समय समय पर प्रोत्साहित करते हैं, रिवार्ड देते हैं। ठीक वैसे ही वैवाहिक जीवन में भी बजट बनाना पड़ता है, एकदूसरे को काम सौंपे जाते हैं, जिम्मेदारियां बांटी जाती हैं, साथी को प्रोत्साहित किया जाता है, उसे समय समय पर गिफ्ट दे कर अपने प्यार का इजहार कर यह जताया जाता है कि वह उस के जीवन में कितना महत्त्वपूर्ण है।

ग्रोइंग बिजनेस की तरह समझें

कोई भी अपने वैवाहिक जीवन की तुलना बिजनेस के साथ करना पसंद नहीं करता है। ऐसा करने से रिश्ते से रोमांस खत्म होता लगता है। पर विवाह में भी अपेक्षाएं और सीमाएं वैसी ही होती हैं जैसी कि किसी कंपनी में।आर्थिक जिम्मेदारियां, स्वास्थ्य संबंधी फायदे और प्रौफिट मार्जिन विवाहित संबंध में भी देखे जा सकते हैं। अगर हम अपने रिश्ते को एक ग्रोइंग बिजनेस की तरह देखते हैं, जिस में भविष्य की योजनाएं होती हैं, तब हमारा विवाह भी ग्रो कर सकता है।

पार्टनरशिप डील है

अगर सीधे शब्दों में कहें तो मैरिज को एक प्रकार की पार्टनरशिप ही मानें जिसे आप सफल बनाना चाहती हैं। लक्ष्य बनाएं और एक टीम की तरह उसे पूरा करने के लिए सहमत हों। याद रखें कि सब से सफल पार्टनरशिप प्रत्येक पार्टनर की बेहतरीन व अनोखी विशेषताओं का उपयोग करती है। आप में से कोई फाइनैंस संभालने में एक्सपर्ट हो सकता है तो दूसरा प्लानिंग में। आप को एक दूसरे की इन विशेषताओं का वैसे ही सम्मान करना चाहिए जैसे कि बिजनेस पार्टनर आपस में करते हैं।

अपनी शादी को एक प्राइवेट कंपनी की तरह अच्छे कम्यूनिकेशन के साथ चलाना और उसे सफल बनाने की इच्छा रखना बहुत माने रखता है। एक अच्छा बिजनेसमैन अपने कर्मचारी को सम्मान देता है और उस का खयाल रखता है, इसी वजह से कर्मचारी उस का सम्मान करते हैं और उम्मीद से ज्यादा काम करते हैं। बिजनेस के साथ प्लैजर को भी मिक्स करें।

बिजनेस को भी ऐंजॉय करें और मैरिज को भी। इससे संतुलन बने रहने के साथसाथ जोश और उत्साह भी बना रहेगा जो निरंतर आगे बढ़ते रहने को प्रोत्साहित करेगा। विवाह अगर नीरस बन जाए तो जीवन की गाड़ी खींचना बोझ लगने लगता है, तो फिर दायित्वों के साथ थोड़ा प्लैजर भी क्यों न मिक्स कर लिया जाए?

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वर्क एथिक्स जरूरी

चाहे बिजनेस हो या मैरिज दोनों ही वर्क ऐथिक्स पर चलते हैं। दोनों में ही निवेश करना पड़ता है। जिस तरह से आप अपने पोर्टफोलियो को मैनेज करते हैं, उसी तरह मैरिज में भी आप को अपने संबंधों के पोर्टफोलियो को मैनेज और अपडेट करते रहना पड़ता है। अगर आप अपने मनपसंद प्रोफैशन में सफल होने के लिए कड़ी मेहनत कर सकते हैं तो क्या वही वर्क ऐथिक्स आप की मैरिज पर लागू नहीं होते?

बात आश्चर्यजनक लग सकती है पर अपने कैरयर में आप ने जो सफलता व निपुणता हासिल की है, उसे ही मैरिज में ट्रांसफर कर दीजिए। फिर उसी तरह से एक मजबूत परिवार निर्मित कर पाएंगे जैसे आप ने अपनी कंपनी खड़ी की है।

ईगो को रखें दूर

मैरिज हो या बिजनेस, दोनों में ही अगर ईगो फैक्टर सिर उठाने लगे तो बिजनेस चौपट हो जाता है और मैरिज में टकराव या अलगाव ङोलना पड़ जाता है। इसीलिए माना जाता है कि एक सही तरह से चलने वाला बिजनेस एक सही ढंग से चल रही शादी के समान है। दोनों ही अपनेअपने खिलाड़ियों के ईगो को बढ़ने नहीं देते। ईगो वह संवेग है, जो युगल को अपने स्वार्थ से बाहर आने और एकदूसरे के प्रति पूर्ण समर्पित होने से रोकता है, चाहे युगल एकदूसरे को बहुत ज्यादा प्यार व सम्मान देने की चाह ही क्यों न रखते हों। इसी तरह बिजनेस के फेल होने का मुख्य कारण ईगो ही होता है, क्योंकि मालिक को वह अपने मातहतों के साथ सही ढंग से पेश आने या उन की परेशानियों को समझने से रोकता है।

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कमिटमेंट है जरूरी

विवाह हो या बिजनेस दोनों ही जगह सहयोग अपेक्षित है। दोनों ही जगह अगर समझौते की स्थिति न हो तो असफलता हाथ लगते देर नहीं लगती है। समझौते के साथसाथ कम्यूनिकेशन एक ऐसा आधार है, जो दोनों को ही सफल बनाता है। एकदूसरे को बदलने की कोशिश करने के बजाय दोनों को अपने को सुधारने पर काम करने को तैयार रहना चाहिए। कम्युनिकेशन के साथसाथ कमिटमैंट भी एक आवश्यक तत्त्व है शादी को निभाने के लिए वैसे ही जैसे वह बिजनेस को चलाने के लिए आवश्यक होता है। इसी तरह अगर बिजनेस में कमिटमेंट न हो तो बॉस उस के प्रति न तो चिंतित रहेगा न ही उसे सुधारने के लिए मेहनत करेगा। 

Web Title: How to manage your married life in simple ways

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