सीएम ममता ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को पत्र लिखा, कहा-विधायक रे की मौत राजनीतिक मामला नहीं, जैसा कि भाजपा दिखा रही है
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: July 15, 2020 01:50 PM2020-07-15T13:50:40+5:302020-07-15T17:10:45+5:30
ममता बनर्जी ने राष्ट्रपति को लिखे पत्र में कहा है कि विधायक इस सप्ताह अपने घर के पास फांसी पर लटके पाए गए थे। हेमताबाद के विधायक दीबेंद्र नाथ रे की मौत राजनीतिक मामला नहीं लगती जैसा कि भाजपा दिखा रही है।
कोलकाताः पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को पत्र लिखा है। पत्र में कहा है कि बंगाल में मामले को तूल दिया जा रहा है। विधायक ने सुसाइड किया है लेकिन भाजपा के नेता इस पर राजनीति कर रहे हैं।
ममता बनर्जी ने राष्ट्रपति को लिखे पत्र में कहा है कि विधायक इस सप्ताह अपने घर के पास फांसी पर लटके पाए गए थे। हेमताबाद के विधायक दीबेंद्र नाथ रे की मौत राजनीतिक मामला नहीं लगती जैसा कि भाजपा दिखा रही है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भाजपा के हेमताबाद के विधायक की मौत के मामले की ओर ध्यान आकर्षित करने के लिए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को पत्र लिखा।
एक दिन पहले भाजपा के प्रतिनिधिमंडल ने अपने विधायक की मौत पर राष्ट्रपति से मुलाकात की
भाजपा के एक विधायक की ‘‘राजनीतिक हत्या’’ पर ममता बनर्जी सरकार को बर्खास्त करने की मांग को लेकर पार्टी के एक प्रतिनिधिमंडल के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात करने के एक दिन बाद पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने कोविंद को पत्र लिखकर दावा किया कि भगवा पार्टी ने ‘‘तथ्यों को तोड़ मरोड़कर’’ पेश किया होगा।
उन्होंने कहा कि इस मामले को उचित जांच के लिए सीआईडी को सौंप दिया गया है। तृणमूल कांग्रेस के संसदीय दल के नेता डेरेक ओ’ब्रायन की अध्यक्षता में पार्टी के एक प्रतिनिधिमंडल ने भी बुधवार को राष्ट्रपति भवन में कोविंद से मुलाकात कर उन्हें मामले के तथ्यों से अवगत कराया।
पत्र में बनर्जी ने राज्य पुलिस की प्रारंभिक जांच और पोस्टमार्टम रिपोर्ट के हवाले से कहा कि दीबेंद्र नाथ राय की मौत ‘‘संदिग्ध आत्महत्या का मामला है और राजनीतिक मामला नहीं लगता जैसा कि भाजपा दिखा रही है।’’ पत्र में कहा गया है, ‘‘मैं खास तथ्य की ओर आपका ध्यान आकर्षित करने के लिए विवश हूं। यह भाजपा के एक प्रतिनिधिमंडल के साथ आपकी बैठक के संदर्भ में है जिसने आपके समक्ष कुछ तथ्यों को तोड़ मरोड़कर पेश किया होगा।’’
प्रारंभिक जांच के आधार पर पश्चिम बंगाल पुलिस ने इसे संदिग्ध आत्महत्या का मामला बताया है
इसमें कहा गया है, ‘‘पोस्टमार्टम रिपोर्ट और प्रारंभिक जांच के आधार पर पश्चिम बंगाल पुलिस ने इसे संदिग्ध आत्महत्या का मामला बताया है और यह धन के लेनदेन का स्थानीय मामला हो सकता है। मृतक की जेब में मिले पत्र में दो ऐसे लोगों के नाम भी लिखे हैं जो कथित तौर पर इलाके में धन के लेनदेन की ऐसी गतिविधियों से जुड़े पाए गए।’’ मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने उत्तर दिनाजपुर जिले में हेमताबाद के विधायक राय की मौत के फौरन बाद विस्तृत जांच के लिए सोमवार को ‘‘सभी आवश्यक कार्रवाई’’ की।
उन्होंने कहा, ‘‘मैंने उचित जांच के लिए पहले ही मामला सीआईडी को सौंप दिया है।’’ तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ने कहा, ‘‘मैं आश्वस्त करना चाहूंगी कि पश्चिम बंगाल ऐसा राज्य है जहां हम हमेशा सभी राजनीतिक दलों, उनके नेताओं और कार्यकर्ताओं का सम्मान करते हैं।’’
राज्य सीआईडी ने कथित सुसाइड नोट में लिखे दो लोगों में से एक को मंगलवार को हिरासत में लिया था। यह सुसाइड नोट विधायक की कमीज की जेब से मिला था। उनका शव उनके घर के पास एक बाजार में एक बंद दुकान में फंदे से लटका मिला था। राय के परिवार और पार्टी के नेताओं ने आरोप लगाया कि यह ‘‘तृणमूल कांग्रेस द्वारा की गई निर्मम हत्या’’ है। भाजपा ने ‘‘राजनीतिक हत्या’’ का विरोध करते हुए मंगलवार को उत्तर बंगाल में 12 घंटे का बंद बुलाया और सीबीआई जांच की मांग की।
रे का शव एक दुकान के बाहर छत से लटकता मिला था
हेमताबाद के विधायक देबेंद्र नाथ रे का शव उत्तरी दिनाजपुर जिले में बिंदल गांव में स्थित उनके घर के निकट बंद पड़ी एक दुकान के बाहर छत से लटकता मिला था। भारतीय जनता पार्टी ने रे की मौत के मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो से जांच कराने की मांग की है।
पार्टी का आरोप है कि उनकी हत्या हुयी है । दूसरी ओर राज्य सरकार ने कहा है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट से ऐसा संकेत मिल रहा है कि यह आत्महत्या का मामला है । केंद्रीय मंत्री देबश्री चौधरी और भारतीय जनता पार्टी के सांसद जयंत रॉय, सुकांत मजुमदार और निशिथ प्रमाणिक ने दिवंगत नेता को रायगंज में श्रद्धांजलि दी । भाजपा नेताओं ने इस बंद का आह्वान सुबह छह बजे से शाम छजे तक के लिये किया था । विभिन्न स्थानों पर बंद समर्थकों और पुलिस के बीच सड़क पर झड़प और पथराव की घटनाएं हुयीं।
पुलिस ने बताया कि क्षेत्र में विभिन्न जिलों में बंद कराने का प्रयास करने के आरोप में कुल 33 लोगों को हिरासत में लिया गया है । उत्तरी दिनाजपुर जिले में पूरी तरह बंद रहा । रायगंज और आस पास के इलाकों में सड़कों से वाहन नदारद रहे जबकि दूकानें भी बंद थी।
बंद समर्थकों को सड़कों पर धरना देते देखा गया। ये लोग नारेबाजी कर रहे थे और माकपा से भाजपा में आये नेता की मौत के मामले की जांच कराने की मांग कर रहे थे । बालुरघाट, गंगारामपुर एवं बुनियादपुर शहरों में कोविड—19 के कारण पहले से जारी लॉकडाउन के कारण पूर्ण बंद रहा।