पश्चिम बंगाल भाजपा ने कहा- राज्य के बाहर फंसे 3 लाख से ज्यादा श्रमिकों के नाम प्रदेश के मुख्य सचिव को देंगे
By भाषा | Published: May 12, 2020 06:16 AM2020-05-12T06:16:07+5:302020-05-12T06:16:07+5:30
पश्चिम बंगाल सरकार और केंद्र सरकार के बीच जारी तनातनी के बीच पिछले दिनों प्रवासी मजदूरों की घर-वापसी का रास्ता खुला है।
कोलकाता: पश्चिम बंगाल भाजपा के अध्यक्ष दिलीप घोष ने सोमवार को कहा कि वह जल्दी ही राज्य के मुख्य सचिव राजीव सिन्हा को पत्र लिखकर प्रदेश के बाहर फंसे तीन लाख से ज्यादा श्रमिकों के नाम और अन्य जानकारी उन्हें देंगे। घोष ने कहा कि सिन्हा को जो 3.29 लाख नाम भेजे जाएंगे उनमे से करीब 90 प्रतिशत देश के विभिन्न भागों में सोने के गहने बनाने के व्यवसाय से जुड़े हुए थे।
उन्होंने कहा, ‘‘पिछले महीने मैंने 12 राज्यों के मुख्यमंत्रियों और मुख्य सचिवों को पत्र लिखकर देश के विभिन्न भागों में फंसे बंगाल के 11,790 लोगों के नाम दिए थे। सूचना सिन्हा के साथ साझा की गई थी। इस बार मैं सिन्हा को ई-मेल के माध्यम से बंगाल के बाहर फंसे 3.29 लाख प्रवासी श्रमिकों के नाम साझा करुंगा।’’
बता दें कि पश्चिम बंगाल सरकार और केंद्र सरकार के बीच जारी तनातनी के बीच प्रवासी मजदूरों की घर-वापसी का रास्ता खुला। रविवार को बंगाल के मजदूरों की पहली खेप ट्रेन से लौटी। ममता बनर्जी सरकार ने प्रवासी मजदूरों के लिए 10 ट्रेनों को हरी झंडी दे दी है। रविवार को तेलंगाना से एक ट्रेन पश्चिम बंगाल के मालदा पहुंच रही है। लेकिन इस पर मचा सियासी घमासान थमा नहीं है।
मजदूरों के लिए ट्रेन चलाने के मामले ने इतना तूल पकड़ा कि केंद्र और ममता बनर्जी सरकार के बीच तल्खी बढ़ गई। झगड़ा तब बढ़ा जब गृह मंत्री अमित शाह ने सीएम ममता बनर्जी को चिट्ठी लिखी। जिसमें लिखा था, "हमें पश्चिम बंगाल से उम्मीद के मुताबिक समर्थन नहीं मिल रहा है। राज्य सरकार अपने यहां ट्रेनों को अनमुति नहीं दे रही है। यह बंगाल के प्रवासी मजदूरों के साथ अन्याय है। इससे उनके लिए मुश्किलें बढ़ेंगी।'
गृह मंत्री की इस चिट्ठी के बाद पश्चिम बंगाल सरकार में खलबली मच गई। तृणमूल कांग्रेस के सांसद अभिषेक बनर्जी ने तो गृह मंत्री को ट्विटर पर चुनौती दे डाली। अभिषेक बनर्जी ने कहा, ''गृह मंत्री अमित शाह हफ्तों तक चुप्पी साधे रखने के बाद केवल झूठ से लोगों को गुमराह करने के लिए बोलते हैं।विडंबना ये है कि वो उन लोगों के बारे में बात कर रहे हैं, जिन्हें उनकी सरकार द्वारा उनके भाग्य पर छोड़ दिया गया है।अमित शाह, आरोप साबित करें या माफी मांगें।'