राष्ट्रपति से मिले भाजपा नेता, पश्चिम बंगाल सरकार को बर्खास्त करने की मांग, हमें राज्य सरकार की किसी भी जांच एजेंसी पर भरोसा नहीं
By भाषा | Published: July 14, 2020 05:32 PM2020-07-14T17:32:18+5:302020-07-14T17:32:18+5:30
BJP MLA डीएन रे का शव फंदे से लटका मिलने के मामले पर राष्ट्रपति से मुलाकात के बाद BJP नेता कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि हमें राज्य सरकार की किसी भी जांच एजेंसी पर भरोसा नहीं है। हमने CBI जांच की मांग की है। पुलिस SP की भी इस हत्या में कोई भूमिका हो सकती है। ऐसी सरकार को बने रहने का कोई अधिकार नहीं।
नई दिल्लीः भाजपा नेताओं के एक प्रतिनिधमंडल ने मंगलवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात की और पश्चिम बंगाल में उत्तरी दिनाजपुर जिले के हेमताबाद के विधायक देबेंद्र नाथ रे की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत की सीबीआई जांच की मांग के साथ-साथ राज्य की तृणमूल कांग्रेस सरकार को बर्खास्त करने की भी मांग की।
भाजपा महासचिव व पश्चिम बंगाल के प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय के नेतृत्व में राष्ट्रपति से मिलने गए प्रतिनिधमंडल ने इसके साथ ही पश्चिम बंगाल विधानसभा को भंग करने और राष्ट्रपति कोविंद से इस संबंध में आवश्यक कदम उठाने की मांग की। राष्ट्रपति से मुलाकात के बाद संवाददाताओं से बातचीत में विजयवर्गीय ने कहा, ‘‘हमें वहां की किसी भी एजेंसी पर कोई विश्वास नहीं है। हमने राष्ट्रपति जी से मांग की है कि इस प्रकरण की सीबीआई जांच होनी चाहिए।’’
उन्होंने कहा, ‘‘साथ ही ऐसी सरकार को सत्ता में बने रहने का कोई अधिकार नहीं है, जहां पर जनप्रतिनिधि भी सुरक्षित नहीं रह सकते। इसलिए इस सरकार को तत्काल बर्खास्त किया जाना चाहिए। इस संबंध में राज्यपाल से रिपोर्ट मंगवानी चाहिए।’’ विजयवर्गीय के अलावा इस प्रतिनिधमंडल में केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो, राज्यसभा सदस्य स्वपन दासगुप्ता, लोकसभा सदस्य राजू बिष्ट और भाजपा के संगठन मंत्री अरविंद मेनन शामिल थे। विजयवर्गीय ने बाद में एक वीडियो जारी कर कहा कि पश्चिम बंगाल में प्रजातंत्र ‘‘सूली पर लटका’’ हुआ है।
अभी तक वहां कार्यकर्ताओं की हत्या हो रही थी, सांसदों को अपने क्षेत्रों में जाने नहीं दिया जा रहा था और अब जनप्रतिनिधियों की हत्या हो रही है। उन्होंने कहा, ‘‘और उसे आत्महत्या दिखाकर पूरा दृश्य बदला जा रहा है। मैं समझता हूं कि देश के अंदर पश्चिम बंगाल एक ऐसा अराजक राज्य हो गया है जहां की सरकार को सत्ता में बने रहने का कोई अधिकार नहीं है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘इस सरकार को एक मिनट के लिए भी बने रहने का हक नहीं है। इसलिए विधानसभा भंग करनी चाहिए।’’
तीन वर्षों में 105 भाजपा कार्यकर्ताओं या समर्थकों की सत्ताधारी पार्टी द्वारा निर्मम हत्या की गई है
राष्ट्रपति को सौंपे गए ज्ञापन में पार्टी ने दावा किया है कि पिछले तीन वर्षों में 105 भाजपा कार्यकर्ताओं या समर्थकों की सत्ताधारी पार्टी द्वारा निर्मम हत्या की गई है। ज्ञापन के माध्यम से राष्ट्रपति से आग्रह किया गया कि वे पश्चिम बंगाल में हिंसा को खत्म करने और राज्य विधानसभा को भंग करने के लिए न्यायसंगत व उपयुक्त कदम उठाएं ताकि राज्य में न्याय व कानून व्यवस्था का राज स्थापित किया जा सके। रे का शव सोमवार को उत्तर दिनाजपुर जिले के बिंदाल गांव में अपने घर के पास एक बंद दुकान के बाहर बरामदे की छत से लटका मिला था।
मंगलवार को जारी पोस्टमार्टम रिपोर्ट में कहा गया कि रे की मृत्यु फांसी लगाने के कारण हुई और उनके शरीर पर कोई अन्य चोट का निशान नहीं पाया गया। पश्चिम बंगाल पुलिस ने कहा कि उनकी कमीज की जेब से एक सुसाइड नोट मिला जिसमें उन्होंने दो लोगों को उनकी मौत के लिए जिम्मेदार ठहराया। केंद्रीय मंत्रियों बाबुल सुप्रियो ने इस पोस्टमार्टम रिपोर्ट को ‘‘मैन्यूफैक्चर्ड’’ बताया और कहा कि पार्टी को इस पर भरोसा नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘रे का शव घर से ढाई किलोमीटर दूर लटका मिला है।
इस मामले की जांच सीबीआई से नहीं कराई जाती है तो हम सत्य के निकट भी नहीं पहुंच सकते
इस परिस्थिति में यदि इस मामले की जांच सीबीआई से नहीं कराई जाती है तो हम सत्य के निकट भी नहीं पहुंच सकते। ममता बनर्जी को मुख्यमंत्री पद पर बने रहने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है। हमने महामहिम राष्ट्रपति से मामले की सीबीआई जांच कराने के साथ पश्चिम बंगाल विधानसभा भंग करने का भी आग्रह किया है।’’
रे ने हेमताबाद की अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित सीट से माकपा के टिकट पर विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज की थी, लेकिन पिछले साल लोकसभा चुनाव के बाद वह भाजपा में शामिल हो गए थे। हालांकि, उन्होंने माकपा से विधायक के तौर पर इस्तीफा नहीं दिया था। भाषा ब्रजेन्द्र ब्रजेन्द्र दिलीप दिलीप
A delegation of BJP leaders comprising Kailash Vijayvargiya, Arvind Menon, Babul Supriyo, Swapan Dasgupta and Raju Bista called on President Ram Nath Kovind at Rashtrapati Bhavan: President’s Secretariat pic.twitter.com/yPjYgDsRrs
— ANI (@ANI) July 14, 2020
बंगाल में विधायक के पोस्टमार्टम रिपोर्ट पर भरोसा नहीं, राज्य सरकार जांच सीबीआई को सौंपे : भाजपा
भाजपा ने दोहराया है कि पार्टी नेता और हेमताबाद से विधायक देबेंद्र नाथ रॉय की हत्या हुई है। पार्टी ने मंगलवार को कहा कि उसे विधायक के पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट पर भरोसा नहीं है जिसमें कहा कि विधायक की मौत फंदे पर झूलने की वजह से हुई और उनके शरीर पर चोट का कोई निशान नहीं है। भाजपा के राष्ट्रीय सचिव राहुल सिन्हा ने मामले की सीबीआई जांच कराने की मांग करते हुए कहा कि पुलिस और प्रशासन हत्या को आत्महत्या दिखाने का प्रयास कर रहा है।
सिन्हा ने कहा, ‘‘राज्य पुलिस और प्रशासन इस मामले पर लिपापोती करना चाहते हैं। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में हत्या को आत्महत्या बताया गया है। हमें इस रिपोर्ट पर कोई भरोसा नहीं है। राज्य सरकार को इस मामले की जांच या तो केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को सौंपनी चाहिए या उच्च न्यायालय के मौजूदा न्यायाधीश की देखरेख में न्यायिक जांच का आदेश देना चाहिए। उल्लेखनीय है कि हेमताबाद के विधायक का शव उत्तरी दिनाजपुर के बिंदल गांव में उनके घर के नजदीक शटर वाली दुकानों के बाहर बरामदे में छत से लटकता हुआ मिला था।
पुलिस ने कहा कि विधायक की जेब से सुसाइड नोट मिला था जिसमें उन्होंने अपनी मौत के लिए दो लोगों को जिम्मेदार ठहराया है। वहीं रॉय के परिवार और भाजपा ने इसे सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस पार्टी द्वारा की गई हत्या करार दिया है जबकि तृणमूल कांग्रेस ने इन आरोपों का खंडन किया है। रॉय माकपा के टिकट पर वर्ष 2016 में हेमताबाद (सुरक्षित) सीट से जीते थे लेकिन बाद में भाजपा में शामिल हो गए थे। हालांकि, उन्होंने विधानसभा से इस्तीफा नहीं दिया था।
भाजपा नेता की अप्राकृतिक मौत के खिलाफ पार्टी द्वारा मंगलवार को उत्तरी बंगाल में बुलाए गए 12 घंटे के बंद के दौरान भाजपा कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच झड़पे हुईं और प्रदर्शनकारियों ने बसों पर पथराव किया। भाजपा के एक प्रतिनिधि मंडल ने मंगलवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से भी मुलाकात कर पश्चिम बंगाल की तृणमूल कांग्रेस सरकार को बर्खास्त करने और रॉय की मौत की जांच सीबीआई से कराने की मांग की।