मौसम का हालः मध्य प्रदेश में भारी बरसात, मुसीबत, नर्मदा समेत, तमाम नदियां उफान पर, भोपाल के कोविड अस्पताल में पानी घुसा
By शिवअनुराग पटैरया | Published: August 29, 2020 07:54 PM2020-08-29T19:54:19+5:302020-08-29T19:54:19+5:30
नर्मदा, बेतवा, चंबल, कैन, घसान, तवा समेत राज्य की सभी नदियां उफान पर हैं. नदियों में आए उफान के कारण राज्य के लगभग सभी बड़े बांध भर चुके हैं. शानिवार दोपहर तक बरगी और तवा डेम के अलावा इंदिरा सागर के 22, ओंकारेश्वर के 23, राजघाट के 14 के अलावा मंडला, पेंच और सतपुड़ा बांध के गेट भी खोले गए है.
भोपालः मध्य प्रदेश में भारी बरसात का दौर जारी है. राज्य भर हो रही भारी बरसात के कारण इंदौर, भोपाल, जबलपुर और ग्वालियर जैसे शहरों में अनेक स्थानों पर जल जमाव की स्थिति पैदा हो गई है.
भोपाल के कोविड हास्पिटल चिरायु अस्पताल के एक भाग में राजधानी के बड़े तालाब का पानी भर गया है. इसके साथ ही राजधानी की कई बस्तियों में कई फिट तक पानी भरा हुआ है. यही स्थिति राज्य के कई अन्य शहरों और दूसरे स्थानों की है. भारी बरसात के कारण भोपाल से सागर और नरसिंहपुर से छिंदवाडा का सड़क संपर्क मार्ग टूट गया है.
नर्मदा, बेतवा, चंबल, कैन, घसान, तवा समेत राज्य की सभी नदियां उफान पर हैं. नदियों में आए उफान के कारण राज्य के लगभग सभी बड़े बांध भर चुके हैं. शानिवार दोपहर तक बरगी और तवा डेम के अलावा इंदिरा सागर के 22, ओंकारेश्वर के 23, राजघाट के 14 के अलावा मंडला, पेंच और सतपुड़ा बांध के गेट भी खोले गए है.
भारी बरसात से उत्पन्न स्थिति का जायजा लेते के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज नर्मदा के किनारे बसे होशंगाबाद और सीहोर जिले के प्रभावित क्षेत्रों का हवाई दौरा किया. पिछले 24 घंटों के दौरान संपूर्ण मध्यप्रदेश में मानसून प्रबल रहा तथा सभी संभागों के जिलों में अधिकांश स्थानों पर वर्षा दर्ज की गई.
पिछले 24 घंटों के दौरान प्रदेश के पचमढ़ी में 228, होशंगाबाद में 208.8, बैतूल में 166.4, छिंदवाड़ा में 142.4, भोपाल सिटी में 97.9, मलाजखंड में 90.2, रायसेन मेें 80, टीकमगढ़Þ में 85, भोपाल में 80.9, नौगांव में 65.6, जबलपुर में 68.1, सागर में 48.6, दमोह में 32, खजुराहो में 24, गुना में 24.9, खंडवा में 19, शाजापुर में 19, सतना में 13.7, रीवा में 7.4, उज्जैन में 0.8, खरगोन में 4, ग्वालियर में 5.4, इंदौर में 5.5, नरसिंहपुर में 193, उमरिया में 15.8, मंडला में 59 मिली मीटर बरसात हुई.
मध्य प्रदेश में अब तक 815.2 मिलीमीटर बरसात हो चुकी है. जो अब तक की सामान्य बरसात 743 मिलीमीटर से 10 फीसदी ज्यादा है इसके बावजूद भी राज्य के 52 जिलों में से एक मंदसौर में सामान्य से कम बरसात दर्ज की गई है. मौसम विभाग ने आगामी 24 घंटों में सागर, जबलपुर, होशंगाबाद, इंदौर, उज्जैन, भोपाल, चंबल एवं ग्वालियर संभागों के जिलों में अधिकांश स्थानों पर वर्षा या गरज चमक के साथ बौछारे पड़ सकती है. मौसम विभाग के अनुसार रीवा, शहडोल संभागों के जिलों में अनेक स्थानों पर वर्षा या गरज चंमक के साथ बौछारे पड़ सकती है.
मौसम विभाग ने आरेंज रेड अलर्ट जारी करते हुए कहा है कि आगामी 24 घंटों में छिंदवाड़ा, विदिशा, सीहोर, राजगढ़, शाजापुर, आगर जिलों में कहीं कहीं अत्याधिक भारी वर्षा ता गरज चंमक के साथ बिजली चमकने, गिरने की चेतावनी है.
मौसम विभाग के अनुुसार होशंगाबाद संभाग के जिलों में तथा भोपाल, रायसेन, नरसिंहपुर, सिवनी, बालाघाट, दमोह, सागर, बुरहानपुर, खंडवा, बड़वानी, धार, इंदौर, रतलाम, उज्जैन, देवास, नीमच एवं मंदसौर जिलों में कहीं कहीं अति भारी वर्षा तथा गरज चंमक के साथ बिजली चमकने, गिरने की चेतावनी देते हुए आरेंज अलर्ट जारी किया है.
मौसम विभाग ने इसके गुना, अशोकनगर, शिवपुरी एवं श्योपुरकला जिलों में कुछ स्थानों पर भारी वर्षा तथा गरज चंमक के साथ बिजली चमकने, गिरने की संभावना है. भारी बरसात को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि कोरोना संकट के बीच प्रदेश में एक और संकट आया है अतिवृष्टि का संकट. भारी वर्षा के कारण प्रदेश ले बड़े हिस्से विशेषकर जबलपुर, भोपाल और होशंगाबाद संभाग के कई गांवों और शहरों में बाढ़ जैसी परिस्थितियां निर्मित हो रही है.
मां नर्मदा और उनकी सहायक नदियां इस समय उफान पर हैं. बांधो से भी लगातार पानी छोड़ा जा रहा है इस कारण भी जलस्तर तेजी से बढ़ा है. होशंगाबाद में तो नर्मदा 10 बजे तक ही 973 के उच्चतम स्तर को पार कर चुकी हैं. होशंगाबाद में नर्मदा पर खतरे का निशान 964 पर है. अभी 48 घंटे भारी वर्षा की संभावना है, लेकिन घबराने की जरूरत बिल्कुल नहीं है.
मुख्यमंत्री ने आम लोगों से कहा कि अपनी सुरक्षा के लिए सूचनाओं को गंभीरता से लें चिंता ना करें सरकार आपके साथ खड़ी है इस संकट से आपको पर निकालकर ले जायेंगे. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सीहोर, होशंगाबाद जिले और नर्मदा के किनारे स्थित गांवों के बाढ़ और अतिवृष्टि ग्रस्त क्षेत्र का हवाई दौरा किया.