'हम गहलोत के साथ, BSP का व्हिप हम पर नहीं करेगा काम', कांग्रेस में आए विधायक लाखन सिंह मीणा के कही ये बात
By स्वाति सिंह | Published: July 27, 2020 03:44 PM2020-07-27T15:44:29+5:302020-07-27T15:46:16+5:30
लाखन सिंह मीणा ने कहा कि हमारी सदस्यता में कहीं कोई कमी नहीं है, क्योंकि कानून के तहत हमने अपनी पार्टी का विलय कांग्रेस पार्टी में किया है। उन्होंने कहा कि दस महीने से हम कांग्रेस के सदस्य हैं, ऐसे में बसपा का कोई व्हिप कोई मायने नहीं रखता है।
जयपुर: राजस्थान में जारी सियासी संकट के बीच बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने अपने छह विधायकों के लिए व्हिप जारी करते हुए कहा कि अगर मतदान की सूरत बनती है तो वे कांग्रेस सरकार के खिलाफ वोट करें। जबकि विधायकों का कहना है कि उन्हें कोई नोटिस नहीं मिला और वे किसी भी परिस्थिति में कांग्रेस के साथ हैं। लाखन सिंह मीणा जो करौली से विधायक हैं, उनका कहना है कि अब वो कांग्रेस के साथ हैं और ऐसे में बसपा का व्हिप कोई मायने नहीं रखता है।
लाखन सिंह मीणा ने कहा कि हमारी सदस्यता में कहीं कोई कमी नहीं है, क्योंकि कानून के तहत हमने अपनी पार्टी का विलय कांग्रेस पार्टी में किया है। उन्होंने कहा कि दस महीने से हम कांग्रेस के सदस्य हैं, ऐसे में बसपा का कोई व्हिप कोई मायने नहीं रखता है। समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, उन्होंने कहा, 'हम पहले ही 6 के 6 विधायक कांग्रेस में विलय कर चुके हैं। 9 महीने के बाद अब BSP को याद आई है। ये बसपा नहीं, बीजेपी के कहने से मैनेज किया हथकंडा है। उसी आधार पर ये व्हिप जारी किया गया है उसी आधार पर ये कोर्ट जा रहे हैं।'
राज्यपाल कलराज मिश्र ने बुलाया विधानसभा का सत्र
राजस्थान में जारी सियासी उठापटक के बीच राज्यपाल कलराज मिश्र ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की कैबिनेट के अनुरोध को स्वीकर करते हुए राजस्थान विधानसभा का सत्र बुलाने का ऐलान किया। इसके साथ ही राज्यपाल ने विधानसभा सत्र बुलाने में देरी करने के आरोपों को खारिज किया। बता दें कि कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेताओं ने राज्यपाल पर विधानसभा का सत्र बुलाने में देरी करने का आरोप लगाया था।
राजस्थान राजभवन की ओर से सोमवार को जारी नोटिफिकेशन में कहा गया, "राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र ने राज्य सरकार को विधानसभा सत्र बुलाने का आदेश दिया है।" इसके साथ ही नोटिफिकेशन में राज्यपाल की ओर से इस बात के लिए इनकार किया कि वह विधानसभा सत्र बुलाने में वह देरी कर रहे थे।
अशोक गहलोत ने की पीएम मोदी से बात
इससे पहले राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्यपाल द्वारा विधानसभा सत्र बुलाने का आग्रह खारिज होने के बा कहा था कि उन्होंने गवर्नर के व्यवहार को लेकर कल पीएम से बात की है। गहलोत ने कहा कि "मैंने पीएम मोदी से गवर्नर के बर्ताव को लेकर फोन पर बात की। सात दिन पहले जो लेटर लिखा था, उसे लेकर भी बात की।"
गहलोत मंत्रिमंडल ने शनिवार को भेजा था संशोधित प्रस्ताव
गौरतलब है कि राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र ने विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने का राज्य मंत्रिमंडल का संशोधित प्रस्ताव कुछ 'सवालों' के साथ सरकार को वापस भेज दिया है। राजभवन सूत्रों ने सोमवार को यह जानकारी दी। राजस्थान में चल रहे राजनीतिक संकट के बीच अशोक गहलोत के नेतृत्व वाले मंत्रिमंडल ने विधानसभा सत्र 31 जुलाई से आहूत करने के लिए राज्यपाल को शनिवार देर रात एक संशोधित प्रस्ताव भेजा था।