राजस्थान सियासी संकट: अशोक गहलोत राष्ट्रपति के सामने लगाएंगे गुहार, कहा- जरूरत पड़ी तो पीएम निवास के बाहर भी करेंगे विरोध प्रदर्शन
By सुमित राय | Published: July 25, 2020 04:23 PM2020-07-25T16:23:39+5:302020-07-25T16:43:38+5:30
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत राज्य के सियासी मुद्दे को राष्ट्रपति के सामने ले जाने की तैयारी हैं और साथ ही उन्होंने कहा की अगर जरूरत पड़ी तो वह पीएम निवास के सामने भी धरना प्रदर्शन करेंगे।
राजस्थान में जारी सियासी घमासान फिलहाल थमते हुए नजर नहीं आ रहा है और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने विधायक दल की बैठक में कहा कि जरूरत पड़ने पर हम राष्ट्रपति से मिलने राष्ट्रपति भवन जाएंगे और यदि आवश्यक हो, तो हम पीएम के निवास के बाहर भी विरोध प्रदर्शन करेंगे। अशोक गहलोत का यह बयान राज्यपाल कलराज मिश्र द्वारा विधानसभा का सत्र नहीं बुलाए जाने के संबंध में आया है।
बता दें कि अशोक गहलोत अपने समर्थक विधायकों के साथ शुक्रवार को राजभवन पहुंचकर राज्यपाल से मुलाकात की थी और विधानसभा का सत्र बुलाए जाने की मांग की थी। राज्यपाल द्वारा सत्र नहीं बुलाए जाने पर कांग्रेस और उसके समर्थक विधायकों ने शुक्रवार को राजभवन में चार घंटे से अधिक समय तक धरना दिया।
शनिवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जयपुर के फेयरमोंट होटल में कांग्रेस विधायक दल (सीएलपी) की बैठक बुलाई और विधायकों से चर्चा की। इस दौरान उन्होंने कहा, "जरूरत पड़ने पर हम राष्ट्रपति से मिलने राष्ट्रपति भवन जाएंगे। यदि आवश्यक हो, तो हम पीएम के निवास के बाहर भी विरोध प्रदर्शन करेंगे।"
We will go to Rashtrapati Bhawan to meet the President, if needed. Also, if required, we will stage protest outside PM's residence: Rajasthan Chief Minister Ashok Gehlot, during Congress Legislative Party (CLP) meeting at Fairmont Hotel in Jaipur. pic.twitter.com/aGDIu2HtbW
— ANI (@ANI) July 25, 2020
गहलोत ने कहा- मुझे उम्मीद है राज्यपाल दबाव में नहीं आएंगे
गहलोत ने कहा कि अगर राज्यपाल के कुछ सवाल हैं तो वह सचिवालय स्तर पर समाधान कर सकते हैं। उन्होंने कहा, 'हमेशा विपक्ष मांग करता है कि विधानसभा का सत्र बुलाया जाए। यहां सत्ता पक्ष कह रहा है कि विधानसभा का सत्र बुलाया जाए जहां दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा। वहीं विपक्ष कह रहा है कि हम ऐसी मांग ही नहीं कर रहे। यह क्या पहेली है। मुझे उम्मीद है कि कलराज मिश्र जिनका अपना एक व्यक्तित्व है और जिनका दिल्ली में भी पक्ष-विपक्ष सम्मान करता रहा है, वह दबाव में नहीं आएंगे क्योंकि उन्होंने संवैधानिक पद की शपथ ली है।'
राजस्थान में बहुमत का जादुई आंकड़ा
साल 2018 के विधानसभा चुनाव के बाद कांग्रेस द्वारा अशोक गहलोत को मुख्यमंत्री बनाए जाने के बाद से ही सचिन पायलट नाराज चल रहे थे। राजस्थान की 200 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस के पास 107 और बीजेपी के पास 72 विधायक हैं। यदि 19 बागी विधायकों को अयोग्य करार दिया जाता है तो राज्य विधानसभा की मौजूदा प्रभावी संख्या घटकर 181 हो जाएगी, जिससे बहुमत का जादुई आंकड़ा 91 पर पहुंच जाएगा और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के लिए बहुमत कायम रखना आसान होगा।