विकास दुबेः पूर्व मंत्री सज्जन वर्मा ने महाकाल के प्रवेश द्वार को गंगा जल से धोया, कहा- बीजेपी ने मध्य प्रदेश को बना दिया गुंडों का टापू
By बृजेश परमार | Published: July 12, 2020 05:43 AM2020-07-12T05:43:41+5:302020-07-12T05:43:41+5:30
कांग्रेस प्रवक्ता विवेक गुप्ता एडवोकेट ने बताया कि कि देश का सबसे मोस्ट वांटेड दुर्दांत अपराधी विकास दुबे पिछले दिनों महाकाल में प्रस्तुत हुआ था और नाटकीय ढंग से उसने आत्मसमर्पण कर दिया था जिसे बिना किसी प्रक्रिया को अपनाए पत्र मात्र के बाद ही उत्तर प्रदेश पुलिस के हवाले कर दिया था।
उज्जैनः मध्य प्रदेश कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में उज्जैन के प्रभारी मंत्री रहे प्रदेश शासन के पूर्व मंत्री सज्जन वर्मा शनिवार को उज्जैन आए और अपराधी विकास दुबे ने जिस नाटकीय ढंग से महाकाल में प्रवेश किया था इसलिए उन्होंने प्रवेश द्वार के आगे के स्थान को गंगाजल से धोकर शुद्ध किया। पूर्व मंत्री सज्जन वर्मा ने इस अवसर पर कहा है कि बीजेपी ने मध्य प्रदेश को गुंडों का टापू बना दिया है।
उन्होंने कहा कि बीजेपी ने वैश्विक गौरव भगवान महाकालेश्वर मंदिर को भी अपराधियों की शरण स्थली बना दिया है और इसमें बीजेपी के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और ग्रह मंत्री नरोत्तम मिश्रा की अपराधियों से मिलीभगत है व साठ गांठ है जिसके चलते अपराधी को प्रश्रय मिला है।
कांग्रेस प्रवक्ता विवेक गुप्ता एडवोकेट ने बताया कि कि देश का सबसे मोस्ट वांटेड दुर्दांत अपराधी विकास दुबे पिछले दिनों महाकाल में प्रस्तुत हुआ था और नाटकीय ढंग से उसने आत्मसमर्पण कर दिया था जिसे बिना किसी प्रक्रिया को अपनाए पत्र मात्र के बाद ही उत्तर प्रदेश पुलिस के हवाले कर दिया था। रास्ते में उसे पुलिस ने मुठभेड़ में मार गिराया गया।
उन्होंने कहा कि दुर्दांत अपराधी विकास दुबे के पैर महाकालेश्वर मंदिर के प्रांगण में पड़े हैं इसलिए प्रवेश द्वार को धोकर मध्य प्रदेश सरकार को यह संदेश दिया गया है कि कम से कम धार्मिक स्थलों को और मध्य प्रदेश को जो एक शांत प्रदेश है, ऐसी जगह को अपराधियों की शरण स्थली ना बनने दिया जाए। इस अवसर पर कांग्रेस के विधायक गण रामलाल मालवीय मुरली मोरवाल महेश परमार आदि नेता उपस्थित थे।
झालावाड़ से बस से उज्जैन पहुंचा था विकास
एसपी उज्जैन मनोज कुमार सिंह ने शनिवार को देर शाम विकास के उज्जैन आने की पुरी कहानी पर से पर्दा उठा दिया। उन्होंने दावे से कहा कि जांच में जो साक्ष्य सामने आए हैं उनके अनुसार 07 जुलाई को प्राइवेट वाहन से रात में विकास अलवर से झालावाड पहुंचा था। 8 जुलाई को वह झालावाड में दिन में रहने के बाद रात 9.15 बजे वह एक निजी ट्रेवल्स की कोटा- इंदौर बस में सीट नं.06 पर सवार होकर 9 जुलाई की सुबह 3.98 बजे उज्जैन के देवासगेट बस स्टैंड पर पहुंचा था। यहां से उसने एक ऑटो लिया और फिर वह मंदिर क्षेत्र में पहुंचा। यहां उसने दो-तीन होटलों में रुकने का प्रयास किया लेकिन आधार-कार्ड मांगे जाने पर वह नहीं रूका। वह पुन: मंदिर क्षेत्र में गया और वहां उसने दर्शन की जानकारी ली।