Uttar pradesh ki khabar: कोरोना वायरस का 'राजनीतिकरण' न करें, सपा मुखिया ने कहा-सरकार याद रखे ‘भूख’ का आइसोलेशन नहीं हो सकता
By भाषा | Published: April 10, 2020 02:54 PM2020-04-10T14:54:02+5:302020-04-10T14:54:02+5:30
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि सभी को मिलकर वायरस से लड़ना होगा। इस समय राजनीति न हो और सभी बेरोजगार हुए परिवार के लिए यूपी और केंद्र सरकार कोई योजना बनाए।
लखनऊः समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने शुक्रवार को कहा कि सरकार कोरोना वायरस का 'राजनीतिकरण' न करें क्योंकि इससे मूल मुद्दों से ध्यान हट जाता है।
यादव ने ट्वीट किया, ‘‘ ''कोरोना का ‘राजनीतिकरण’ दुर्भाग्यपूर्ण है। इससे मूल मुद्दों से ध्यान हटता है और सरकार से पूछे जानेवाले सही क्वारंटीन, स्क्रीनिंग, संक्रमण की जांच, इलाज तथा दूध-दवाई, सब्ज़ी-खाद्यान्न की आपूर्ति जैसे उचित प्रश्न पीछे छूट जाते हैं। सरकार याद रखे ‘भूख’ का आइसोलेशन नहीं हो सकता।''
अखिलेश यादव ने सरकार से कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए घोषित लॉकडाउन के कारण उत्पन्न बेरोजगारी से प्रभावित परिवारों की मदद के लिए कार्य योजना बनाने की मांग की है। अखिलेश ने बृहस्पतिवार को यहां एक बयान में कहा कि कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए लागू लॉकडाउन के कारण दो हफ्तो में पांच करोड़ लोगों के बेरोजगार हो जाने की खब़र बेहद चिंताजनक है।
कोरोना का ‘राजनीतिकरण’ दुर्भाग्यपूर्ण है. इससे मूल मुद्दों से ध्यान हटता है और सरकार से पूछे जानेवाले सही क्वारैंटाइन, स्क्रीनिंग, संक्रमण की जाँच, इलाज तथा दूध-दवाई, सब्ज़ी-खाद्यान्न की आपूर्ति जैसे उचित प्रश्न पीछे छूट जाते हैं.
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) April 10, 2020
सरकार याद रखे ‘भूख’ का आइसोलेशन नहीं हो सकता.
उन्होंने कहा, ‘‘सरकार इन आंकड़ों की समीक्षा कर बेरोजगारी से प्रभावित परिवारों की मदद की कार्य योजना तैयार करे वरना भुखमरी से हालात भयावह हो सकते हैं। ऐसी व्यवस्था की जाए कि सबको रोटी, दवा एवं लॉकडाउन के बाद रोजगार मिले। बेरोजगार नौजवानों को एक या दो हजार रुपये की मासिक मदद नाकाफी है।’’ अखिलेश ने कहा, ‘‘कोरोना की दुर्भाग्यपूर्ण आकस्मिक आपदा के कारण श्रमिकों का जीवन घोर संकट में है। विभिन्न प्रदेशों में काम करने वाले श्रमिक और कामगार लाखों की संख्या में अपने गांवों की तरफ पलायन करने को मजबूर हुए हैं।
स्थिति यहां तक विकट हो गयी है कि भारत में बेरोजगारी की दर 23 प्रतिशत से ज्यादा हो गयी है। यह संख्या अभी और भी बढ़ने वाली है।’’ पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘वाराणसी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संसदीय क्षेत्र है। वहां लॉकडाउन में फंसे पूर्वांचल के चार लाख 30 हजार बुनकर परिवारों के सामने खाने का संकट है। इन बुनकर परिवारों के कामधंधे बंद हैं। आमदनी न होने से वे बाजार दर पर खाद्य सामग्री, सब्जी, दवाएं खरीद नहीं पा रहे। उनके लिए तत्काल राहत पैकेज की घोषणा की जानी चाहिए।’’